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  • 5 months ago
हर साल ग्लोबल टाइगर डे मनाया जाता है.जिसमें बाघों के संरक्षण-मौतों को लेकर चिंतन होता है, लेकिन मौतों पर पर्दा नहीं उठाया जा सका है.

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01:25and natural cases are, or if we want to take any case, then the
01:31hospital must be taken under the custody of the court, and the
01:38medical staff , our people, the people around the country, our
01:43team is ..
01:45Aarjah, aarj, aarj, aarj, aarj, aarjv, aarj, aarj, aarj, aarj, aarj,
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02:20इसमें 29% बागों की मौत के मामलों में फिलहाल जाच चल रही है
02:25यानि पिछले 12 सालों में 29% बागों की मौत की वज़ अभी तक पता नहीं चल सकी है
02:33उधर दूसरी तरफ 71% बागों की मौत के मामले ऐसे हैं
02:39जिनमें पोश्ट मौटम और फोरेंसिक जाच के बाद टाइगर की मौत की वज़़ सामने आ चुकी है
02:45उत्राखंड में बागों की मौत के आंकड़ों पर नजर दोड़ाएं तो साल 2020 से साल 2024 तक 66 बागों की मौत हुई थी
02:55इनमें 13 बागों की मौत की जाच अभी चल रही है
03:25कि जंगल में जैसे कि भूशे के स्टूर में सुई ढूड़ना तो उसी इसाब से अब टाइगर को इमर भी आता तो बहुत बहुत लेट उसी कारकास मिलने से कि वैसे उसी जो पोस्टमाट रिपोर्ट है जल्दी से उसो डिटेक्ट नहीं कर सकते हैं उपर से एक निया एक
03:55जो आदमी है वो जानता है बताब शड़क पर जो फील्ड में लोग काम कर रहे हैं उपर से हम पर अभी भी स्टाफ की कमी है
04:25एसे में देखना होगा कि बागों की मौत की वजहों का कब तक खुलासा हो पाता है और क्या कारण निकलता है
04:49ETV भारत के लिए देहरादून से नवीन उन्याल की रिपोर्ट
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