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सवाल पुछना है तो ये सवाल पुछो की...राजनाथ सिंगांनी विरोधकांची हवा काढल्याची चर्चा का?

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00:00कि भारत ने लड़ाकू जहाज खोए तो खोए इसलिए क्योंकि कुछ मिलिटरी डागेट्स पर आक्रमन करने पर पाबंदी थी
00:11क्यों? क्या पाबंदी थी?
00:15आपको प्रस्ण पूछना है तो यह पूछिए कि इस आपरेशन में क्या हमारे जावाज सैनकों को कोई छटी हुई है तो उसका उत्तर है नहीं
00:26ऐसी यह क्या पाबंदी है कि CDS को यह कह रहे हैं कि हमारे लड़ाकू जहाज ने पहले दिन गलतिया की
00:33की गलतियाक ऑने सुधारी और दूर से हमने आपरमल की उत्तर की क्या हम पास से ने कर सकते हैं
00:40यह जानकारी हमें दे मसीनों और बौपों की चिंता ना करके अधर्ण बहुदे हुदे हमने देश की ए curiton की चिंता की हमने देश के स्राहिकों कुदे
00:52हुए जद्धिक्रों burner कभी कभी हमारे प्रतिबक्ष के लोग ये पूछते रहे हैं कि हमारे कितने बिमान क्रहरे
01:02मुझे लगता है उनका ये प्रस्ट हमारी रास्य जल्मावनाओं का सही बास्य प्रस्थ नहीं कर रहा है मुझे लगता है
01:08उन्हों ने एक बार भी उन्हों ने एक बार भी हमसे नहीं पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुस्मन के कितने विमान मारे रहे
01:19यदि यदि यदि उन्हें यदि उन्हें प्रस्ण पूछा ही है द्यक्समोजए तो उनका प्रस्ण यह होना शाहिए कि आभारत ने आतंखवारी ठिकानों को तबाह किया तो उसका उत्तर है
01:40हाँ हाँ हाँ मैं भी पक्स मैं भी पक्स के सम्मानि साथियों से कहना चाहता हूँ
01:52कि आपको प्रस्ण पूछना है तो यह प्रस्ण पूछिए क्या आपर इसन्सिंदू सफल रहा तो उसका उत्तर है हाँ
02:00आपको आपको प्रस्ण पूछना है आपको प्रस्ण पूछना है तो यह प्रस्ण पूछिए कि जिन आतंकियों ने हमारी बेहनों
02:15हमारी बेटियों का सिंदूर मिटाया है क्या हमारी सेनाओं ने आपरेशन सिंदूर में उन आतंकियों के आकाओं को मिटाया
02:25तो इसका उत्तर है
02:26और आपको प्रस्ण पूछना है तो यह पूछिए
02:33आपको प्रस्ण पूछना है तो यह पूछिए
02:37कि इस आपरेशन में क्या हमारे जामाज सैनिकों को कोई छटी हुई है
02:41तो उसका उत्तर है नहीं
02:44अध्यक्ष बहुद है लक्ष जब बड़े हो अध्यक्ष बहुद है लक्ष जब बड़े हो तो अपएक्षाक्रिक छोटे बुद्धों पर हमारा ध्यान नहीं आना चाहिए लक्ष बड़े हो तो छोटे बुद्धों पर अपएक्षाक्रिक जो छोटे बुद्धे होते हैं
03:14जैसा कि विपक्ष के हमारे कुछ साथियों के साथ हो रहा है अब चुक्री विपक्ष के मित्रा आपरेशन सिंदूर को लेकर उचित प्रस नहीं पूछ पा रहे हैं तो उन्हें मैं क्या बताओं अद्यप्चों अद्यप्चों मैं लगबग चार डिकेट से फोर डिकेट से �
03:44अद्यप्चों तरीके से जिन्दगी में नहीं देखा है मैंने अद्यप्चों अद्यप्चों अगर विपक्ष को उनके इस काम में थोड़ी सी मदद करना चाहता हूँ
03:541962 में अद्यप्चों हो जाएं चीन के थाथ हुए युद्ध में जब दुखन परिणाम आया तो हमने उस समय की सरकार से यह पूछे थे
04:06लेकिन वह प्रस्ण यह था कि हमारे देश की धर्ती पर दूतरे देश का कभ्या कैसे हुए
04:12हमने यह प्रस्ण पूछा था कि हमारी सेना और हमारी जंता अब मानी क्यों है
04:33हो गहीं यह प्रस्टाइम लोग नहीं पूछा मसीनों और तोपों की चिन्ता न करके अध्यक्ट मोद है हमने देशरी की चिन्ता हमने देश के सैनीकों की
04:47इसी तरह 71 के युद्ध में 117 के युद्ध में जब हमने पाकितान को सबत सिखाया
04:55उस मैं उस समय की सरकार को मैं बढ़ाई देना चाहता हूं हमने अपने राज नेतिक और सेमने नेतित की प्रचंसा की हमने यह नहीं रेखा कि किस दल की सरकार है किस विचारधारा की सरकार है इसकी चिंता नहीं की करें हमारे नेताटल विहार इबाद पर इने संसंत में खड�
05:25क्या जानकरी दिया
05:27मैं पूरा पढ़ लेता हूं
05:30without editing
05:31what is important
05:33क्या ज़रूर हिंदी में अनुवाद करने की कोशिश भी करता हूं
05:36क्या ज़रूर
05:37यह ज़रूरी नहीं
05:39कि जेट गिरे
05:40पर क्यों गिरे
05:42क्या गलतियां हुई
05:45वो महत्वपूर्ण
05:48संख्या महत्वपूर्ण
05:50सर 35 रफाइल है
05:53रफाइल है अगर उन्मे से
05:57कुछ गिरे भी
05:58तो देखिए सर मुझे तो लगता है कि
06:00बहुत बड़ी शत्य हो
06:0135 रफाइल
06:03अगर कुछ उन्मे से भी अगर कुछ गिरे
06:07तो मुझे लगता है कि
06:08जरूरी है क्योंकि आपको लगता है कि 35 रफेल काफी है
06:11तो अगर कुछ गिरे तो वो भी जरूरी है
06:15और उन्होंने उसके पाद ये कहा
06:17कि ये बात अच्छी है
06:19कि हम वो हमारे हमने अपने गलतिया को समझा
06:22उसको सुद्रा
06:24और दो दिन बाद
06:25हमने अपने जेट को उड़ाए
06:27और दूर से हमने आकर्मन किया
06:30सर ये मैं थोड़ी जानकारी चाहूंगा
06:33हमारे पास
06:35जो हमें इस अंदेश मिलता है
06:37कि दुनिया के सबसे
06:40बढ़िया और बेतरीन
06:41लड़ा कु जहाज हमारे पास है
06:43सबसे बेतरीन
06:45पाइलेट हमारे पास है
06:47तो सीडियास को
06:49ऐसा क्या कहना पड़ा
06:50ऐसा क्या परिस्तित्या ही
06:52कि हमारे लड़ाकु जहाज
06:56क्लोज रिंज में नहीं जा सकते
06:57उनको दूर से ही
06:59फायर करना पड़ता
07:00ये क्या है
07:02ये क्या पाबंदी है
07:06ये क्या पाबंदी है
07:15हमने हाक्रमन किया
07:16क्या हम पास से नहीं कर सकते
07:19ये जानकारी हमें दे
07:21हम ये जानगा चाहते है
07:29कीलिफटनेंट गेनिरल राहूल आरशिंग ने
07:32सदन के अंदर नहीं
07:34सांसोदो को नहीं
07:36राजनीतिक दलों के फ्लो लीडर्स को नहीं
07:38फिक्की में जाके कहा
07:39क्या कहा उसका भी मैं हिंदी में नुवाद करता हूँ
07:43कि पाकिस्तान तो सिर्फ फ्रंट पे था
07:47और पाकिस्तान के पीछे चाइना उनके पूरी तरीके से समर्थन कर रहा है
07:53ऐसी कोई अश्चरी के बात नहीं होनी चाहिए
07:57क्योंकि पिछले पांच वर्षों में लगभग 80% मिलिटरी हाडवेर पाकिस्तान को सब पूरा चाइना से मिल रहा है
08:05तो सर मैं आज पूछना चाहूँगा आदर्निय राजना सिंग्जी से
08:10जो सरकार चीन को लाल आंख दिखाने की बात करती है
08:14एक बार भी आपने चीन का उजाकर अपने भाशन में क्यों नहीं गया
08:18आर्मी कर रही है
08:21और आर्मी के कह रही है
08:24आर्मी कहती है कि आज कि सिर्फ
08:29चीन और पाकिस्तान का ये टू फ्रंट नहीं
08:34अब तीन फ्रंट का भी हो सकता है कन्वरजन्स हो सकता है
08:37चीन, पाकिस्तान और बंगलादेश को लिकर
08:40लेकिन मैं सरकार को याद दिलाना चाहूँ
08:43कि ये जो टू फरंट की जो बात थी
08:45इस बात की शुरुआत किस ने की थी
08:48इस बात की चेतावनी किस ने दी थी
08:51इस बात की चेतावनी
08:53इसी सदान में हमारे दल के नेता
08:55राहूल गांदी जी ने दी थी
08:56और यही हम जानना चाहते हैं
09:00यही हम जानना चाहते कि आज जो युद हुआ
09:04इस में पाकिस्तान को चीन से कितना समर्थन मिल रहा है
09:10हम सेना से नहीं
09:12आज हम आदर्नियर राजनर सिंग जी से
09:14और प्रधानमंत्री मोदी जी से जानना चाए
09:16और सर इंडिया में जो डिफेंस अटाशे है
09:24उसने तो ताज़ूप की बात के दि
09:27उसने क्या कहा सर
09:30इंडिया डिफेंस अटाशे ग्रूप कैपٹेन शिफ कुमार ने
09:35हिंदी में दुबारा अनुबात करता हूं
09:37कि भारत ने लड़ा को जहाज खोए तो खोए इसलिए क्योंकि कुछ military targets पर आकरमन करने पर पाबंदी थी
09:48क्यों? क्या पाबंदी थी? ऐसे क्या ये राजनितिक constraints थे?
09:55आपने कहा कि 9 targets पर हमने आकरमन किया लेकिन हमें ये भी सुत्रों से जानकारी और मीडिया में आया है
10:05और Lieutenant General Rahul Singh ने खुद कहा कि पहले 21 targets चुने गे थे और 21 से फे 9 हुए
10:13क्यों हुए? क्यों हुए?

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