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  • 2 months ago
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ओरछा मध्य प्रदेश राज्य के निवाड़ी जिले में स्थित है। यह ऐतिहासिक शहर बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ है और बुंदेलखंड क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ओरछा की स्थापना 16वीं शताब्दी में बुंदेला राजपूत शासक रुद्र प्रताप सिंह ने की थी। यह शहर अपने ऐतिहासिक महलों, मंदिरों और किलों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें ओरछा किला, चतुर्भुज मंदिर और जहांगीर महल शामिल हैं।
ओरछा निवाड़ी जिले का एक हिस्सा है, जो 2018 में टीकमगढ़ जिले से अलग होकर बना था।


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Transcript
00:00एक बार फिर आजिए रहें आपके समयक्षे को और नई जानकारी लेकर दोस्तो आज जो हम आपको जानकारी बताने जा रहे हैं वो है ओर्चा का किले के बारे हम जानकारी है दोस्तो आज हम आपको इस वीडियो के माध्यम से ओर्चा का किला है उसकी पूरी जानकारी आपको
00:30ये-दि आप बना रहा है और्चा के किल्याई घुमने का तो ये ढाई आप देख लेते हैं वीडियो के माध्ल से तो आप
00:37आप आसानी से बहुत अच्छी तरीके से और्चा कि बासा की किल्याई आपको मिल पाएगी दूस्तों चलते हैं
00:44जानते हैं आज हम ओच्छा के किला कि बारे में आपको बिस्ता जनकारी देने जा
00:48रहे हैं तो सबसे पहले ओच्छा का जो किला है मत्रप्तिस के निवारी
00:55जिले में बेतवा नदी के त्रट पर इस्तित है दोस्तों और जो यह शहर है
01:01जहासी से लगबग 15 किलुमीटर और टीकमगर से लगबग 80 किलुमीटर की तूरी पर है दोस्तों और ओर्चा किला एक एतियासिक इस्तल है जो अपने इस्तापत्य शौंदर और सांस्कृत्तिक मरत्व के लिए जाना जाता है दोस्तों
01:18दोस्तो ओर्चा का जो किला है वो मद्यपदेस के राज के निमारी जिले में स्तित है और यह किला बेतवानरी के किनारे एक द्विप पर बना है और इसे शौंवी शौटापजी से बुन्देला राजपुत्र राजारुद्र परतापसी ने बनवाया था दोस्तों
01:40दोस्तो जो ओडशा का जो गिला है वो भारत के मत्यपदेश राज्य के निमाड़ी जिले में इस्तित है एक एत्याशी नगहर है और इसकी स्थापना जो रुद्र प्रताप सी है बुंदेला द्वारा इसी के नाम से राज्य की स्थापना के रूप में लगभग 1501 में की ग�
02:10भी है जहां नेमित रूप से बड़ी संक्या में शरत दालू आते हैं और दोस्तों देखा जातों यह एक औरचा का जो किला है आमतोर पर एक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है यहां प्रतिवर्ष एक प्रकाल से घर जो परेटन आते हैं और विदेशी परेटन यहां पर आत
02:40राजपूत सर्दार रुत्व प्रताप ने की थी जैसा हमने आपको पहले बताया था और यहां दोस्तों बेतवा नदी के साथ धारों में विवाजित हो जाती है जिसे सथ धारा भी के नाम से भी जाना जाता है दोस्तों जैसा कि आपको वीडियो में देख रहा है और शा क
03:10गड़ा लोहे की वस्तुएं हैं और उफार वस्तुएं जैसे शौपीस इस्मृति चिन्य और इस प्रकार से यहां पर आप खरीदारी कर सकते हैं इनने दादूं को यह प्रसिद्य यहां पर लोगपरी हैं और दोस्तों औरचा को किस नाम से जाना जाता है यह भी आम आपक
03:40औरचा और टिकबगण के नाम से भी जाना जाता है दोस्तों बुंदेल खंड छेत्र में स्थीद एक राज्य था और बात में ब्रिटिस भारत में एक रियासत बन गया और इस राज्य बर बुंदेला राजपूत वंश्र के शाश्रते उन्हें शाशन किया था और बरतमान
04:10जो राजा थे मदुकर शहा जो देव भगवान कृष्ण के भक्त थे और उनकी पत्नी राणी गड़ेश कुबरी भगवान राम की भक्त थी एक बाद दोस्तों राजा ने राणी को ब्रच मतूरा चलने के लिए कहा था लेकिन राजनी आयुद्या जाना चाहती थी दोस्त
04:40वह आप दे सकते हैं आधिकार ओडशा के पीछे की कहानी क्या थी दोस्तों बेतवा नदी के त्रट पर बसा जो एतियाशी शहर ओडशा की स्थापना
05:03सोलवी सताब्दी में बुंदेला राजपूत जो सरदार रूत पताप ने की थी जैसे हमने आपको बताया था और अब भी भी हम आपको बता रहे हैं यहां पेतवा नदी की साथ धारों में बाजित है और जिसे सत्धारा भी कहते हैं कीवदंती के नुशा दोस्तों औरचा के
05:33हैं दोस्तों औरचा के जो राम-राजा मंदीर का टथ सुबाव आट बजे से कुलता है और दोपर इक बजसे तक कुले रहते है और शाम को
05:43मंदीर साथ बजसे से कुलता है वह नो बजसे खुला रगता है कि तो यह चाहीं हमने आपको पताई जार झा debt
05:55साइट पे आप विजिट कर सकते हैं महां पर आप उस रड़ी जानकरी बिल जाएगी कुलने से संबन देते हैं अब
06:04कि दोस्तों कि और्चा की जो
06:09कि बुंदिल राजय तवारा और्चा का बुंदिल खंड की राजदानी बनाय गया था उस समय की बात है यह
06:14कि दोस्तों और्चा में जो प्रसिद्ध जो पेड़ है वह वह बाप व्रक्ष लगवख उतनी समय में मौजूद थे दोस्तों जितना और्चा में जो राजवन्शोन उसके शाषकों के इस्मारकों का पतन और उत्तान की सक्षि
06:33तो यह यहाँ पर एक प्रसित पेड़ है और और्चा में जो देखने लायक चीज है वह है दोस्तों कई प्रहवशाली इस्तलो आकाशन घर भी है जैने आप देख सकते हैं और शहर में घुमने लायक कुछ जगाओं में से सामिल है और्चा का किला जो हम आपको आपको बता र
07:03जो राम राजा हुगा थे उनके इध्यास के बारे में जाना चाहे तो दोस्तों मुल रूप से इसका निर्मान जो राजा मधुकर शाह की राणी घरिश कुमारी के महल के रूप में किया गया था दोस्तों और दोस्तों उन दिनों इसे राणी महल के नाम से जाना जाता था
07:33और चामें जु नदी बैती है वह बेतवा नदी की तरट पर बसा है यह और इतियासिक किला और इसकी स्थापना शोल भी सतापती में वह थी जैसे हमने आपको पताया था और
07:46कि इस कि यहां पर दूस्तों
07:49यहां पर
07:54चो समाधी है ओड़्चा के लिए पर
07:56ओड़्चा के में दूस्तो
07:57अन्य भामुल्य धरोवर्क में
07:59लक्छबि मंदीर
08:00पंच मुकी
08:03राधिका बिहारी मंदीर
08:04राजा महल
08:05राए प्रविट महल
08:08हरदोल बंदेला की
08:10बेठक है यहांपर
08:11हरदूला वंदेला की समाधी है जहागिर महल और उसकी चित्रकारी प्रवुक है दोस्तों यहाँ पर
08:17दोस्तों देखा जाए तो यह ओडशा का जो किला है लगबग
08:21पंद्रा सो एक में राजा रुतर पताब सीय ने कराया था और इस के लिए के अंदर भवन
08:28और मंदिर भी है और राजा जो राज महल है उसके राम मंदीर की स्थापना राजा
08:35मदुर कर सीय जी ने कराया थी जिसे वर्स 1554 से 1599 तक नहुंने राज किया थे दोस्तों
08:44जो hack and
08:46और्चा के जो निकत्टम जो ृषहन है र्छाश रेलवे का सबसे और
08:50सबसे नजधिक रीउटिक हर्म हाई धान यहाँ बड़ा और और जहाशी और और पीनिंग
08:5830 क्यों कि लगबग और जहाशीर रेलिवे इस टेशनलिक से और जहाए हे
09:04और ओर्च्छा की जो रानी है तो जैसा कि हमने आपको पहले बता दिया था
09:19ओर्च्छा कि जो किला बनाता 1501 से 1531 की बीच में बनवाया था चत्रबूज मंदिर का
09:26निर्मानक में ओर्चा की रानी गडिश कुवर ने करवाया था और जब की राजमंदिर का निर्मानक जो है राजा बदुकर शाह ने अपनी शाषनकाल में
09:351554 से 1559 के लगभग करवाया था दोस्तों दोस्तों यहां पर जो ओर्चा का लोग गीत है वो है पौराने का था के अनुच्छा का राजा मधुकर शाहा भगवान क्रिश्ण के बगति थी और उनकी पत्नी रानी गडिश कोरी की भगवान राम की बगति थी तो दोस्तों यह
10:05चैन दोस्तों यहां पर भगवान राम को ओर्चा का राजा माना जाता है और ऐद्या के अलावा और तश्ञा भारत का एकमात रहसे जहां बगवान राम नगरी के राजा भी हैं और इसके पीचे की कहानी दोस्तों कुछ इस प्रकास है कि स्वेल भी सथाब दिवें और्च
10:35आज तुछ औरचा से संबंदित कुछ जानकारी दी यह जानकारी आपको कैसी लगी जैसा हमें कमेंट करें कुछ यदि आपको जाना जानकारी आपको यदि चाहिए जह हमने आपको कुछ जानकारी बताईए विस्तर जानकारी चाहिए तो संबंदित ओफिसल वेफसाइट प
11:05अपरेट नहीं जानकारी के साथ तब तब के लिए माग गया दीजिए धन्वाइद दूस्तों
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