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World Drowning Prevention Day 2025 पर Oneindia की विशेष रिपोर्ट।

पुणे की पावना झील में 18 वर्षीय अद्वैथा वर्मा की डूबने से हुई दुखद मृत्यु ने एक पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी। लेकिन इस अपार दुःख को सुदेश वर्मा और रेनू कौल वर्मा ने एक राष्ट्रीय जागरूकता मुहिम में बदल दिया — ताकि भविष्य में किसी और माँ-बाप को ऐसा ग़म न सहना पड़े।

इस वीडियो में देखें कैसे एक व्यक्तिगत त्रासदी से उठकर शुरू हुआ ड्राउनिंग प्रिवेंशन अवेयरनेस अभियान, जो अब पूरे भारत में जल सुरक्षा और डूबने से बचाव का संदेश फैला रहा है।

यह अभियान सिर्फ एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक चेतावनी और उम्मीद है — कि डूबना एक रोकी जा सकने वाली मौत है।

यह जागरूकता अभियान WHO और United Nations के 2021 प्रस्ताव से प्रेरित है।

पढ़ें पूरी जानकारी:

https://www.oneindia.com/press-release/hba-foundation-to-launch-national-campaign-on-un-s-world-drowning-prevention-7809737.html

रिपोर्टर: शिवेंद्र गौड़

प्रस्तुति: वनइंडिया हिंदी

#WorldDrowningPreventionDay #AdvaithaVerma #SaveLives #OneindiaSpecial #ShivendraGaurReport

~HT.178~ED.104~GR.124~

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Transcript
00:00लेकिन मेरा बेटा सिंबाइसस पर बीविये का कोर्स का था, सेकेंड ये था, म्यूजिक लबर था, बहुत अच्छा गाना गाता था, अपने ग्रूपे बहुत पॉपलर था, सभी लोग उससे जुड़ते थे,
00:28प्रतेक विक्ति की जिंदगी देश के लिए बहुत इपूपलर था, सिर्व उसके परिवार के लिए नहीं.
00:58हमें कुरितता रहता है, कई बार हम भी इसका सिकार होते हैं और हमारे अपने, हमारे लिए तड़फते रहते हैं.
01:07ये वीडियो इसलिए देखना जरूरी है, क्योंकि इसको समझने के लिए वो आभास, वो भावना आपके सामने आए.
01:21तो मैं आज बात कर रहा हूँ, आज है वर्ड, डौने, प्रिवेंशन डे. और मेरे साथ एक ऐसा ही परवार है, जिसने इस दर्द को पिछले एक साल से जिया है.
01:34मेरे साथ हैं सुदेश बर्मा और रेनुक बर्मा. सुदेश बर्मा जी, स्वागत सब्दाज अच्छा नहीं लग रहा है.
01:45क्या हुआ था आपके साथ अगर बताना चाहें दर्सकों को?
01:51लगी मेरा बेटा सिंबायसिस में बीविये का कोर्स कर रहा है, सेकेंड येर का, म्यूजिक क्लबर था, बहुत अच्छा गाना गाता था और अपने ग्रूप में बहुत पॉपलर था, सभी लोग उससे जुड़ते थे.
02:05उस दिन वो अपने दोस्तों के साथ पाउना लेक गया हुआ था, जिससे हम लोग सोचते ने चलो साम को, खाना का गया है, पाउना लेक लोना वाल एरिये में, पूने में, बहुत बड़ा पिक्निक स्पोर्ट है, अट्रैक्शन है वहाँ, लोग जाते रहते हैं, बिलकु�
02:35नहीं नहीं, जबकि उस लेक के चारो तरफ टूरिस प्लेसे हैं, कोई भी अगर प्रिकॉशनरी मेजर्स होता, यमालीजी कोई लाइव गार्ड होता, तो बिलकुल बचाया जा सकता था, और पहले अगर, पहले भी बहुत लोग डूपकर मरें पाउना लेक में, जो वहाँ
03:05प्रिस्ट की तरह गए, उसका आनंद लेने गए अपने बच्चों के साथ, या अपने दोस्तों के साथ, मैं थोड़ा दर्सकों आपको एक चीज बजा दू, कि हिंदी दर्सक हो सकता है, वर्ड डॉनिंग प्रिवेंशन डे को क्या है, मैं बता दू, यह वह है, जो डूब
03:3521 की बात है, जब पहली बार, 2021 में 25 जुलाई को मनाया गया, पूरी दुनिया में लग भग धाई लाख लोग हर साल एक आंकड़ा है, रफली, इसके शिकार होते हैं, जीवन खोते हैं, यानि के डूबने से, और अगर हम भारत की बात करें ते, वो देश है, नदियों का, ज
04:05हैं, उन दिनों पुलिस आ जाएगी, उन दिनों पर सासन कुछ विवस्ता करेगा, लेकिन कुछ परमाने इंटेशी जगें हैं, जहां पर हमारे युवाह जाते हैं, खास तोर से, वो घूबने जाते हैं, टूरिस जैसे, सुदेश जी ने बताया, वहां की विवस्ताओं को
04:35यानि की ऐसी जगह जहां पर जल क्रीडा की संभावना है, यानि की बच्चे उसमें खेलते हैं पानी में, या जा सकते हैं, तो कम से कम पहले बहां पर एक गोता खोरतो होना ही चाहिए, मैं ऐसा मानता हूं सुदेश जी बिलकुल, हम लोग गये वहां पर देखने के लिए क
05:05क्या करेगी पुलिस, और उस लास को निकालेगी, और लास को निकालना भी बहुत मुस्किल है, उस कहदा आप कहा ले जाए, होस्पिटल ले जाए, वहां भी सिचुशन बहुत कराव है, विवस्ता की बात है, तो हम लोग जो बात करें देख कर लगा कि क्यों कोई नहीं आ
05:35क्योंकि वह लड़का दो-चार दिन पहले दिल्ली से गया था, और अपने जिंदगी को बिनाने का प्रयास कराथ तो नहीं है, बहुत सीरिस्ली हम पढ़ाई करेंगे, म्योजिक को बहुत सीरिस्ली लेंगे, दो ही चीज करेंगे, थोड़ा बहाय हम भी करेंगे, और अपन
06:05और ऐसा हो गया, तो निशिती गुसा आएगा ही लोगों को, और दुख भी होता है किसे पैरेंट्स हम कुछ नहीं कर पाए, कहां से हम वहा होते हैं, क्योंकि हम तो इमेजिन कर सकते हैं, जरूर क्या क्या उसके अंदर भावनाय रही होगा, पिता हम भी पिता हैं, तो हम सम
06:35दिखा कि 38,000 लोग भारत में, इंडियन एक्स्प्रेस के रिपोर्ट है, वो डूबने से मरते हैं, प्रतेक वर्स, और अधिकतर जिसे महरास्ट्रा, आंदर प्रदेश, प्रशिम, बिंगॉल, इन जगों में जहां पानी ज्यादा है, तो हम लोगों उन लिए कुछ करना च
07:05बनाया हमने हिमंद बाला, अद्वैता फांडेशन, यह आपके बेटे का नाम है, जी अद्वैता, और रेजिश्टेशन कराया सरकार का, बाकी, एटी जी वगरे भी ले लिया, अब बोलें कि कैम्पेइन सुरू करते हैं, हम लोग क्या हैं, मैं मीडिया से हूँ, मेरी वा�
07:35लिया, जब इस तरहीं घटना होती है, तो उसे एक रिपोर्टिंग, एक सूचनात्मक रूप से प्रस्तुत करती है, कि उसकी गहराई में जाती है, क्या ऐसा लगता है, कि उसके पीछे क्या कारण है, उनको खोजने की कोशस करती है, मुझे रगता है, स्टेटिस्टिक्स �
08:05मैं एक चीज और देखी सुदेश जी, मतलब अपना अनभब जब मैं कहीं घटना पर जब मैं इस तरह रिपोर्टिंग पर जाता था, ग्राउंड पर कई बार, चार-पांच लोग भी मर जाते थे, जान चली जाती थी डूप के, तो मैंने एक समाजिक पिरसासनिक लोगों
08:35हमारा काम है, युवाओं को सीख देना हमाई हम उस जिम्मेदारी से नहीं हट सकते, और ऐसी जगों पर जहां पर मैं मानता हूँ, टूरिस्ट प्लेसे हैं, वहां से सरकार बहुत ज़्यादा रिवेन्यू भी आता है, और उसमें तो उन्हें विवस्ता निश्चुत्त और
09:05बिलकुल सही बोलें, आप देखिए, कोई व्यक्ति का जान जाता है, तो आप एमान के चलिए, इस्टेट हमारा माई बाप है, इस्टेट का काम है हमारी रक्षा करना, इसलिए इस्टेट है, और हम बच्चों के खेल कूद के भावनाओं को अपना आवर नहीं बना सकते है
09:35काम है इसलिए पर नाति हुआ है चाह प्रवारी बार ऑस्सेट हराना, आप इसटेट करते हमारा मारा ला अफ्रेट ही, दो हम जुट आगर्टा κुलक करकिए तरह लिए।
10:05इंसिटिव होना जरूरी है कि प्रतीक व्यक्ति की जिंदगी देश के लिए बहुत इंपोर्टेंट है, सिर्फ उसके परिवार के लिए नहीं, और अगर आप परिवार को एक यूनिट मानते हैं, भारतिय समाज का, तो आप सोचे उस परिवार पर क्या बेती हुई, ये हमने
10:35तो देखते हैं, प्रयास करने की शुरूआत कर रहे हैं, मैं आपसे भी मैं आने से पहले थोड़ा सा बात कर रहा था, कुछ आप बता रहे हैं थी कि कुछ आपने त्यारी की है, इस तरह से इसको आगे बढ़ाने की, लोग में अवेर्नेस वेलाने के लिए, कुछ ऐसे काय
11:05उससे कनेक्ट होता है, तो हम लोग उसी को लेकर चल रहे हैं, एक कॉंपटिशन बच्चों के बीच में कर रहे हैं, 15 से 19 साल के बच्चों में, और इसको हम 6 सेप्टेंबर को, 5 सेप्टेंबर को अद्वैत का जनम दिन था, और 6 को हम इसको फिनाले करेंगे, जो फाइनल क�
11:35किया है, इसका कैमपीन, आज हमने अनौंस कर दिया है इसको, और 15 अगस्ट को लास्ट सब्मिशन है, बच्चे अपना सब्मिट करेंगे, ऑनलाइन, उसके बाद हमारा जो जूरी है, उसको 20 बच्चों को सेलेक्ट करेंगी, और उनका फिर इन पर्सन और इसको अडिशन हो
12:05इस उमर के बच्चे हैं, वहाँ जाके टॉक्स और इसको रोका तो जा नहीं सकता है, गर में तो बैठ नहीं सकते हैं, वो जाएंगी ही, पिकनिक जाएंगे, मस्ती करेंगे, लेकिन थोड़ा सा प्रिकॉशन लेके करें तो उनकी लाइफ बच सकती है, उसके अलावा हम इस
12:35तो माराथन्स और ये म्यूजिक कामपेटिशन भी नेशनवाइट करने जा रहेंगे, अग्रे साल से, आपका नजीब रियास से, लेकिन मुझे लगता है, इसमें सरकारी समर्थन की भी जरूरत है, तो आप लोग चुकी लंबे समय से पत्रकारता से भी जुड़े रहे हो,
13:05कि तोर पे भी आप क्या मिल रहे हैं लोगों से, शांसदों से, लोगों से, ताकि ये चीज अगर, मैंने देखा है, चाहे वो एक हेलमेट पहनने की ही मुहिम क्यों ना हो, छोटी-छोटी, ये NCC करते हैं, और तमाम स्वाहिम से भी संस्था हैं, दूसरी भी आगे आती हैं
13:35आपने जो बोला ना, और रेनु आज मिली संसद से, और वो संसद ने बहुत जागरुकता दिखाई उन्होंने, और वो इसको रेज करने वाली हैं, लोग सवा में, राज सवा में, प्रस्न उठाएंगी, और आपने सही बोला कि आप किसी स्कूल में चले जाएगे, क्या व
14:05उनके खिलाब आप कैसे हो सकते हैं, लेकिन हमनों के बात पहुचानी के लिए तो जाना ही पड़े, सरकार की जो पॉलिसीज हैं, जो इंप्लिमेंट करते हैं, लोकल लेल में कोन करते हैं, डीम करते हैं, क्या कहीं ऐसा तो नहीं कि वो स्मामले को इग्णोर कर रहे हैं, वह
14:35कि वो प्रो एक्टिव ना हो करके जब आदमी की जिंदगी चली गई अब आप बहां पे बीस पुलिस करमी आ जाए या पूरी फोज आजा उसका कोई फाइदा नहीं है सवाल यह कि बहां पे जो बीस बच्चे सो बच्चे अजार बच्चे आते हैं क्या उनका जिंदगी सु
15:05बड़ा एजुकेशनल हव है और लोग जाते हैं किसी को आइसुलेट नहीं किरता हर जगह ही है अद्वायत के साथ पुने मुआ बहुत लोगों के साथ बहुत जगह हो रहा है तो पूरे रास्ट्री अस्तर पर यह जागरुकता लाने की आउशकता है जिससे हमारे पॉलिस
15:35लेकिन जब वो अधकारियों पर निर्देश की तरह हो जाएगा और उसका एक निशिष समय पर पालन होगा तो वो निशिचे तोर पे बच्चों को नियमित occur पे �abángरे में उभियर होंगे और एक कायकरब निशिचे तोर पर कही ना कहींग बदलेगा कि हमको यह बता है
15:51इसे आपको सोचिए कि क्या विश्व का जो ड्राउनिंग डे प्रिवेंशन है इसको हमारे हर डिस्टिक्ट या सूबे में अभजर्ब किया गया नहीं किया गया नहीं किया गया आज मुझे आज तो है ना सूबे आप देख लिए अब हम लोग बैठे हैं साम के समय पर कितने
16:21करा देते हैं कुछ और होगा राखी भी बनवाई जाएंगी पर वो राखी बनवाने वाले हाथ और राखी बांधने वाली बहने वो भी उनका जीवन तो स्रक्षित करो कब कहां चले जाएं तो वह एक यह तो हई है हम तमाम तरह से हेलमेट की बात करते हैं दूसरी जागर
16:51सरकारी तोर पे उसे अमली जामप पहनाया जा सके और वो एक तरीके से आदत में आ सके और सरकार को अपनी इस आदत से सरकार कहलो या फिर कहलो प्रसासन उसे अपनी इस आदत से बाज आना होगा कि मौत आ गई तो मौपजिय से जिंदगी बापिस नहीं आती आप फूर्स
17:21रूची नहीं रखते हैं तो बाद में आप मुआबजे की रूची आपकी बहुत ज़्यादा लोगों का भला नहीं रगेगी बिलकुल सहमत हूँ एड्मिस्टेशन को थोड़ा सेंसिटिव होना चाहिए कि मैंने आपको माई बाप बोला माई बाप है तो उसी तरह से देखि
17:51आप समझे कि एक नायब तैसीलदार थे और वो वहां पर चले गए नहाने चले गए उनके साथ तो लोग भी हो और उनकी बिजनौर में डूब के मौत हो गई तो उस समय गोता खोर नहीं था कॉल किया गया आप सोचिए डूबने से मरने में एक मिनट दो मिनट की जिंदग
18:21पहले सब दिया जाते सुदेश जी कि चीखा भी होगा चीखा भी होंगे और दर्द भी हुआ होगा लेकिन बचाने वाला कोई नहीं था इसलिए सजग हो जाईए आप भी आग्रह कीजिए जो मुहिम है तेनु जी की सुदेश जी की इस किस से जुड़िये और बताइए कि
18:51कुछ हासिल नहीं होने वाला है इसी लिए ये वीडियो आप शेर कीजिएगा ये जो माता पेता हैं अद्वयत के इनकी फीलिंग्स जब देखेंगे तो लोगों के जागरुक होगा अपने बच्चों को भी दिखाईए कि आप जाते बेटा तो सुरक्षा बढ़तो पूछ
19:21हुआ हुआ हुआ हुआ है

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