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  • 7/24/2025
Adipurush 2025 Hindi Movie रामायण Part 2 | Prabhas | Ramayana Full Movie Bollywood Hindi Ramayan
Transcript
00:00:00तर्बा तो खार लाओ, पाढ़ दो ये समुद्र और पना दो लंका तक से थू, जाओ
00:00:26धर्ती के सारे पत्थर जोड़ कर भी हम
00:00:28समुद्र पर सेथू नहीं बना सकते
00:00:31सेथू तो हमें बना नहीं होगा
00:00:36पत्थर से नहीं
00:00:39तो प्रात्ना सहिस नहीं
00:00:42मेरी सेना के लिए आप रहा छोड़ते
00:01:12क्या हुआ बचरान बोल दिया
00:01:42जो हमारी बेहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंग का जला देंगे
00:01:49जानकी जीवित है प्रवुम्ण
00:01:56जीवित है प्रवुम्ण
00:02:10मैं तुम्हारा रिणी हूं पचरान प्रभु जानकी मापकी राह देख रही है
00:02:39इससे पहले रावन के हदों को जानोन ही हो जाए आपको लंका पहुंचना ही होगा
00:02:48इससे पहले जाए भ्रवुम्ण
00:03:00समुद्रदेव
00:03:26आप जानते हैं कि मैं न्याय के लिए लड़ने जा रहा हूँ
00:03:31करभिया मुझे मार्ग दे
00:03:56जानते हैं कि मैं भूड़ने जानते हैं कि अजानते हैं कि अजाते हैं कि अन्याय के लिए खाल देव
00:04:15कर दो कर दो कर दो कर दो
00:04:45मैं एक्ष्वा को वन्षज व्रागहू
00:04:51आपकी जादी में ब्रम्हास्त्र काटने के लिए बिवशू
00:05:15दया, राघव, दया, मैं समुद्र हूँ
00:05:41ना मेरी गहराई ना भी जा सकती है और ना ही मुझे बार किया जा सकता है
00:05:48यही मेरा सभाव है प्रभू
00:05:52आपका सभाव है कि आपको पार नहीं किया जा सकता
00:05:56मेरा संकल्प है कि मैं लंका पहुच कर रहूंगा
00:06:00आपका नाम लेकर बड़े बड़े दीन दुखी दर जाते हैं रगुनंदन
00:06:06आप अपनी सेना से कहिए कि आपका नाम लेकर मुझे में पत्थर भेंके
00:06:13मैं वो डूबने नहीं दूगा
00:06:30अपक अपक सकता है जग और को द univers घिसला नहीं widzそうだ
00:06:40हु़गा बाकर जब सुखी बग्य JESSsemb�़ अपक आझेडा
00:06:44हु़गा सुखगा सुचmeye क्णेश में नहीं यूबने स rigorुचान स相कारी अ Ó लू़े हु़े
00:06:51म यह भी कार ़िए रहा हु़े लेसा हु़े
00:06:56प्रागाउ जहां, विजाए सुमाँ!
00:07:11प्रागाउ जहां, विजाए सुमाँ!
00:07:19थस जाए धरतिया चटक जाया काश
00:07:23न्याय के हाथों होकर रहेगा न्याय का सर्वनाश
00:07:29वानर वीरो!
00:07:33कौन है जो तुम्हारा रास्ता रोके?
00:07:37किसको मिला है ये अधिकार?
00:07:42उखड़ जाते हैं परबत के पाउं जब तुम भरते हो उंकार
00:07:48तुम्हारी पत्थर च्छातियों को क्या भेदेंगे एंकार के तीर
00:07:54जिनकी धमनियों में रक्त की जगे आग बहती है
00:08:00तुम हो वो शूर वीर
00:08:03रवन आ रहा हूं मैं
00:08:14आ रहा हूं न्याय के दो पैरों से अन्याय के दस सर कुचलने
00:08:18आ रहा हूं अपनी जानकी को ले जाने
00:08:25आ रहा हूं अधर्म का विद्वन्स करने
00:08:33विद्वन्स करने
00:09:03विद्वन्स करने
00:09:04विद्वन्स करने
00:09:05विद्वन्स करने
00:09:06विद्वन्स करने
00:09:07विद्वन्स करने
00:09:08विद्वन्स करने
00:09:09विद्वन्स करने
00:09:10विद्वन्स करने
00:09:11विद्वन्स करने
00:09:12विद्वन्स
00:09:13विद्वन्स करने
00:09:14विद्वन्स करने
00:09:15विद्वन्स करने
00:09:17लगाराणस
00:09:47मैं जानता हूँ ये विश्वास घात है
00:09:57अपने भाई के साथ छल है
00:10:00लेकिन अपनी मात्र भूमी की रक्षा करने के लिए
00:10:04यदि अपने भाई के साथ विश्वास घात करना पड़े
00:10:08तो यूही सही
00:10:09शायद इतिहास मझे घाका भेदी कहे
00:10:12मेरे मरने के बाद मुझे सम्मान से याद ना करे
00:10:17लेकिन जीते जी में लंका का सर्वनाश होते हुए भी तो नहीं देख सकता
00:10:22लंकेश चो कर रहे हैं वो सही नहीं है रागव
00:10:31मैं उनके विरुद आपका साथ देना चाता हूँ
00:10:42और बदले में आप हमसे क्या चाते हैं एक वचन चाता हूँ रागव
00:10:47आप लंकेश के कर्मों का दंड लंका को नहीं दे
00:10:52लंका वासी निर्दोश हैं
00:10:55मैं उनके लिए जीवनदान मागने आया हूँ
00:10:59क्या आपने पहले कभी युद्ध नहीं देखे
00:11:01राजा के अच्छे और बुरे कर्मों का फल प्रजा को भुगतना ही पड़ता है
00:11:11मेरा प्राधी रावण है लंका नहीं
00:11:14मैं वचन देता हूँ
00:11:17इस युद्ध में कोई निर्दोश नहीं मारा जाएगा
00:11:20और इस वचन के बदले मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए विभीशन
00:11:26आप अपने भाई का साथ नहीं देना चाहते
00:11:30आपकी इच्छा लेकिन मेरा साथ देने के लिए भी आप विवश नहीं है
00:11:42आप चाहे तो निश्पक्ष रह सकते हैं
00:11:46धर्म और अधर्म के यूद्ध में जो निश्पक्ष रहता है उससे बड़ा और कोई अपराधी नहीं
00:11:53मैं आपके साथ हो रागव
00:11:57मुझे स्विकार करें
00:12:01स्वागत है मित्र
00:12:15ये रुद्राक्ष हमारी मित्रता का प्रतीक है
00:12:25हमारी लंका विजय के बाद आप लंका के राजा होंगे
00:12:35मैं क्यों रागव
00:12:37खुद आपके पास राजय नहीं है और इस धर्ती का सबसे बड़ा साम राजय जीतने के बाद
00:12:45इतने के बाद आप उझे राजय क्यों बनाएंगे
00:12:49आप खुद राजय क्यों नहीं बनेंगे
00:12:51ये युद्ध मैं जानकी कुपाने
00:12:53और रावन के अन्याय का अंत करने के लिए लड़ रहा हूं
00:12:57लंका पर राज करना मेरा लक्ष नहीं है
00:13:07सत्ता और स्वर्ग
00:13:09दोनों का मोह आसानी से नहीं झूटता
00:13:13राघव कोई देवता नहीं
00:13:15मनुष्य है
00:13:17और मनुष्य इतना त्यागी नहीं हो सकता
00:13:21कि अपना जीता हुआ राज्य किसी और को दे दे
00:13:25तुम सुन रहे हो ना
00:13:35उस दिन पूरी अयोध्या ऐसे जगमगा रही थी
00:13:39जैसे तारों से भरा आकाश
00:13:43अयोध्या के युवराज
00:13:45राजादैश्रत के सबसे बड़े पुत्र
00:13:49राघव का राजय अभिशेख होने वाला था
00:13:51और तभी
00:13:53आपने मुझे दो वचन मांगने का अधिकार दिया था
00:13:57महाराज
00:13:59आज मांगती हूं
00:14:01मेरे पुत्र भरत को
00:14:03अयोध्या का राज्य
00:14:05और राघव को
00:14:07चौदा वर्षों का वनवास
00:14:09के काई
00:14:21रगकुल रीद
00:14:23सदा चली आई
00:14:25प्राण जाए
00:14:27पर वचन न जाए
00:14:29मुझे वनवास्रीकार है प्रदाजी
00:14:33अयोध्या
00:14:35मुझे वनवास्रीकार है प्रदाजी
00:14:37अयोध्या
00:14:39मेर भाई पहलत के हुई
00:14:41जो अपने पिता का वचन रखने के लिए
00:14:43जो अपने पिता का वचन रखने के लिए सिंघासन त्याक कर वनवासी बन सकते हैं
00:15:07वो अपने वचन के लिए क्या करेंगे तुम खुछ सोच लगा
00:15:13देखो आज मैं खाली हाता हैं
00:15:37दोनों हाथ खाली तुम्हें कंकड पत्थर ने चाहिए ना मिलाया भी नहीं
00:15:47अपने अंग्रक्षक भी भार चुड़ाया हूँ अपने हात्यार भी बस एक चीज भार नहीं छोड़ पाया
00:15:56अपना रिदे ये रिदे रख लो जानकी रख लो से चलो मेरे साथ मेरा प्रेम स्विकार कर लो
00:16:06ये कैसा प्रेम है रावड मुझे कोई ऐसी चीज तो जो कुछ दिन चली तुमारा ये रिदे कितने दिन चलेगा
00:16:18राघव का एक तीर धसा और कानी समाप्त अब ये मत कहना कौन राघव पड़ना मैं कहूंगी वही राघव
00:16:32जिनकी एक दूद ने तेरी लंका भूख डाली
00:16:36सरा सूच अगर वो खुद आ गए तो क्या होगा
00:16:43तो तुम नहीं मानोगी
00:16:49नहीं मानोगी तुम
00:16:55तुम रावड का प्रेम फुकरारी ओब उसका प्रकौप दिकोगी
00:17:00तुम्हारे रागव के शफ पर रोने वाला कोई नहीं होगा
00:17:04वह उसे नोचने के लिए हजारों गित जरूर होंगे
00:17:07और मैं उसकी चाती पर पाउड काट कर टांड़ अफ करूंगा
00:17:10करूंगा कराल बाल पत्तिका तगट दगट दगट जवलाल धरंजया धरीकृत प्रचंद पंचसाय के
00:17:17तमत तमत तमत तमत तमत तमत तमत तमत तमत ऐसे
00:17:21मान जाओ ना जानकी मैं जिवन पर तुमरा दासपन कर रहोंगा बस एक बार मान जाओ
00:17:35मैं जानता था नहीं मानेगी सिद्धी है
00:17:55सिद्धी वो नहीं तू है क्या चिलाना था मासोर्स तोर क्या करता
00:18:01तूपती है नहीं
00:18:05वो मिधिला की राजकुमारी है रावन
00:18:08क्या उसे राजबाट दिखा रहा है
00:18:10मचली को पानी में डुबोकर नहीं मार सकते
00:18:13कुछ तो कमसोरी होगी उसमें
00:18:15है तुस्तरी है ना
00:18:17कमसोरी चोड़
00:18:19उसकी ताकत सोच
00:18:21रागव
00:18:23उसकी नताकत पे वार कर
00:18:25रागव के लिए उसका विश्वास तोर दे
00:18:27गिलाब ने अब टूट जाएगा
00:18:29कुछ जाएगा
00:18:59तेरे ही भरोसे हैं हम
00:19:13तेरे ही सहारे
00:19:16तु विधा की घड़ी में ये मन
00:19:19तुझ को ही पुकारे
00:19:22तेरे ही बल से है बल हमारा
00:19:28तु ही करेगा मंकल हमारा
00:19:33मंत्रों से बढ़के तेरा नाम
00:19:39जैश्री राम, जैश्री राम, जैश्री राम, राजा राम
00:19:46जैश्री राम, जैश्री राम, जैश्री राम
00:19:50झाल झाल झाल झाल झाल
00:20:20जाल लंके वो दो मानव और उनके बंदर उतने निर्बल है ने जिसमा हमें सोचा था
00:20:35सुना है राघाओ के पास जो फूरी उसमें से तीर समाथ ही नहीं होते
00:20:41समुद्र पर पुल बान दिया है उन्होंने और लंका की और तेजी से बढ़ है
00:20:49निवाला अपने आप खिच कर मुँ में आ गया
00:20:57चबाले
00:21:00उसकी जिना में हजारों बंदर और कुछ तो उड़ते भी है और जासूस भी है
00:21:08रावल का जासूस
00:21:18अद्भुत बल और बुद्धी दोनों में आपका कोई जोड नहीं
00:21:28अद्भुत बल और बुद्धी दोनों में आपका कोई जोड नहीं
00:21:42ऐसा नायक जिस सेना के पास हो उसकी विजय तो इश्वर भी नहीं रोक सकते
00:21:49मैं सोच रहा था अब हमारी रणनीती क्या होनी चाहिए
00:21:55हमें पहले वार करना चाहिए या उनके आकरमन्ट की प्रतिक्षा
00:22:01और क्या बजरंग जैसे और भी वानर हैं जोड सकते हैं
00:22:09है ना क्यों नहीं अंगज सुग्रीव और जामवंत
00:22:32टीन और उडने वाले वानर हैं
00:22:39क्या करें आप राघव छोड़िये मित्र के साथ ऐसा व्यवार
00:22:45विभीशन अच्छे से जानते हैं कि जामबंत वाला में एक भालू है
00:22:51काना तूम्
00:22:56की शत्रू को मारने से शत्रता नहीं मरती डला है
00:22:58शत्रु को मारने से शत्रुता नहीं मरती
00:23:24शमा करके देखते हैं
00:23:28शायद इसके अंदर की कड़वा हट मर जाएं
00:23:34विभीशन कहा है?
00:23:50क्या जाते हो?
00:23:52मैं शुक हूँ लंकेश का
00:23:56कुपचर
00:24:00भी जन्याया था
00:24:02कुछ मिला
00:24:10अंगद
00:24:12हमारे अतिथी को पूरी छावनी घुमाओ
00:24:16एक एक वानर वीर से मिलाओ
00:24:18शस्त्रागार भी दिखाओ
00:24:20और जब ये पूरी तरह संतुष हो जाए
00:24:24तो इन्हें सुरक्षित घर छोड़ाओ
00:24:26अंगर शोड़ाओ
00:24:28प्रुड़ाओ
00:24:30प्रुड़ाओ
00:24:32अंगर
00:24:43झा Base
00:24:48प्रुड़ाओ
00:24:51प्रुड़ कई
00:24:54झाल
00:24:55प्रुड़ाओ
00:24:57ये एक पर वा री
00:24:58अरुड़ाओ
00:25:00तुझे अंदर के भेच चाहिए थे, ये देगा, कितावनी मैं दूगा, तेरे बीस कान है ना, बीसो इधर खुमा और ध्यान से सुन,
00:25:30तुबारा नहीं बोलूँगा, सवेरा होने से पहले, चान की माह में लोटा, रभुपती राघव राजा राम बोल, और अपनी चान बचा ले, वरना आज खड़ा है, कल लेटा हुआ मिलेगा,
00:26:00अज़ा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल लेटा है, कल
00:26:30कर दो कर दो
00:27:00कर दो कर दो
00:27:30कर दो
00:27:33कर दो
00:27:37कर दो
00:27:39कर दो
00:27:44झाल झाल
00:28:14झाल
00:28:44झाल
00:29:14झाल
00:29:44झाल
00:30:14झाल
00:30:44झाल
00:31:14झाल
00:31:44झाल
00:32:14झाल
00:32:44झाल
00:33:14झाल
00:33:44झाल
00:34:14झाल
00:34:44झाल
00:35:14सवेरे तक तुम में से कोई भी यहां दिखाई पड़ा तो याद रखना
00:35:50यहां यह फ़ी Beyond
00:36:00ये बढ़ सकते हैं
00:36:19इंद्रजीत के नागपाश का केवल एक ही तोड़ है
00:36:27मैंने कभी आजमाया तो नहीं
00:36:31लेकिन कहते हैं वो अचूक है
00:36:35अगर वो मिल जाए तो
00:36:38ना मताओ
00:36:39कहां मिलेगा
00:36:41संजीव नहीं
00:36:47द्रोणागिरी परबत पर
00:36:48द्रोणागिरी
00:36:51वहां पहुँचनी और लौटनी में तो
00:36:57कही दिन निकल जाएंगे
00:36:59कैसे हो पाएगा
00:37:04होगा
00:37:08जरूर होगा
00:37:12मैं संजीवनी को पहचानूगा कैसे
00:37:25संजीवनी ना फल है
00:37:32ना पत्ती
00:37:34ना भूल
00:37:35ना वो मदोमास में हरी होती है
00:37:42ना पच्छन में पीली
00:37:45ना उसमें कोई सुगंध होती है
00:37:50ना कोई दुर्गंध
00:37:52ना वो कमल की तरह कोमल होती है
00:38:01ना पबूल की तरह कठीली
00:38:05संजीवनी संजीवनी है
00:38:21और यही उसकी पहचान है
00:38:25आज एक मुर्चित हुआ है
00:38:29कलॉर भी हो सकते है
00:38:32संजीवनी की अवशकता तो पड़ेगी
00:38:36तत पर रहना होगा
00:39:02संजीवनी आपर्छित
00:39:14झाल Calum
00:39:16झाल
00:39:23झाल, झाल, झाल, झाल, झाल
00:39:53झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झा
00:40:23झाल झाल
00:40:53झाल झाल
00:41:23जाल
00:41:29जै लणखेश
00:41:44क्ति को आखेशक कर् Unsuried
00:41:46से लांस थोज़ित
00:41:47तल्सक्डार प्रिशत
00:41:49क्ति को बारेश्ट
00:41:50हिवेश AGD ल्टू जाखते, है लंखेश
00:41:52
00:41:52इंद्रजीत के नाखपाश का बस एक ही तोड़ है
00:41:56और उसके बारे में कोई नहीं जानता
00:41:58आँ विभीशान
00:42:06विभीशान
00:42:09विभीशान
00:42:11इस विश्वासकाद का दंड दूँगा तुझे
00:42:18तेरे शरीर में मेरे वर्ष का जितना रक्त है
00:42:24उसकी एक-एक बूंद निचोड़कर तुझे खाली ना कर दिया
00:42:31तो मैं भी विश्वा का पुद्र नहीं
00:42:36रंग का भेवी
00:42:39लंकेश युद में पहले कभी पाउ नहीं रखते
00:42:50उनसे पहले उनकी दो भुजाएं मैदान में उतरेंगी
00:42:55इंद्रजीत और कुम्ब करण
00:42:59इंद्रजीत तो मालावी है
00:43:01हर विश का एक तोड़ होता है
00:43:04और हर शत्रू की एक कमजोरी
00:43:07इंद्रजीत की कमजोरी है
00:43:11स्वर्ण जील
00:43:13हर युद से पहले
00:43:16वो स्वर्ण जील में शक्ति स्नान करने जाता है
00:43:19एक बार वो जील से बाहर आ गया
00:43:23तो कोई उसे मार नहीं सकता
00:43:25पर पानी में
00:43:29उसकी शक्तियां शून्य हो जाती है
00:43:32तो अगर उसे मारना है
00:43:34तो पानी के अंदर ही मारना होगा
00:43:37लंकेश के दूसरी भुजा कुम करन
00:43:43वो इतना बलशाली है कि अगर वो ठान ले
00:43:47तो इस धर्ती को घूमने से रोखते
00:43:49पर वो अभी सो रहे हैं
00:43:53और छे महीनों तक उठने नहीं वा ले
00:43:56कल नवमी का दिन है
00:44:00और लंकेश शिव मंदिर में साधना कर रहे होंगे
00:44:03चाहे कुछ भी हो जाए
00:44:06वो अपनी साधना कभी भंग नहीं करेंगे
00:44:09हम तीन दिशाओं से लंका पर आक्रमन करेंगे
00:44:14वानर राज सुग्री
00:44:20आप हमारी एक सेना के साथ उत्तर की दूसरी दीवार पर कूच करेंगे
00:44:25शेश
00:44:29रिभीशन अंगद और तुम समुद्र दुवार पार करके स्वन जील पहुंचोगे
00:44:35और पानी के अंदर इन्रजीत को समात करोगे
00:44:39मैं और बजरन दीवार पार कर भीतर से शत्रू को मारेंगे
00:44:45जिस टुकुडी को मेरी आवशक्ता होगी
00:44:50मैं वहाँ पहुच जाओंगा
00:44:53पर इतनी जल्दी आप यहाँ से वहाँ पहुचेंगे कैसे
00:44:57यह जिम्मेदारी मेरे कंदों पे
00:45:00तैयार रहा
00:45:20जिस प्रण के लिए हमने जंगल पर्बत और सागर लंगे
00:45:38उसे पूरा करने का समया आगया है
00:45:44शत्रू की सेना बहुत बड़ी है
00:45:46पर हमारे पास केवल एक विश्वास है
00:45:49हम सत्य के लिए लड़ रहे है
00:45:51फिर अड़ाई सरल नहीं होगी
00:45:55कई बार विश्वास तोलेगा
00:45:59कई बार तलवार की मूट पर हाथों की पकड़ धीली पड़ जाएगी
00:46:05कई बार विचार आएगा कि बस
00:46:09बस अब और नहीं लड़ सकते
00:46:13लेकिन शस्व छोड़ने से पहले एक बार ये सोशे ना कि क्या उत्तर दोगे इस धर्दी की हर्स्त्री को
00:46:22कि ये सत्य से पराजित होकर जीवित कैसे लौटा है
00:46:27सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं
00:46:36हर हर मारे
00:46:39हर हर मारे
00:46:42ये मेरी लड़ाई थी जिससे तुम सब जुड़ गए
00:46:48मैं अबारी हूँ
00:46:51लेकिन आज
00:46:55आज मेरे लिए मत लड़ना
00:46:59अपने लिए लड़ना
00:47:01उस दिन के लिए लड़ना जब हजारों वर्षों बात तुम्हारी गाताई सुनाकर माए बेटों को बढ़ा करेंगी
00:47:08उस दिन के लिए लड़ना जब भारत की किसी बेटी पर हाठ डालने से पहले तुराचारी तुम्हारा पौरुश याद करके धर्रा उठेगा
00:47:18उस दिन के लिए लड़ना जब इतिहास में तुम्हारा नाम पढ़कर सम्मान से सर जुग जाएगे
00:47:28मेरे लिए मत लड़ना
00:47:32अपने लिए लड़ना
00:47:35अपनी मर्याता के लिए लड़ना
00:47:39लड़ोगे
00:47:40रइमे
00:47:41आगे बड़ो
00:47:44और गारदो अहिंकार की छादी में विजय का भगवा धर्च
00:47:49रागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भागो जहान, विए भ
00:48:20प्टोर गता है
00:48:26कि झाल
00:48:29कि अ
00:48:42किन Чंट
00:48:45हुआ
00:48:46कर दो कर दो
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00:49:45झाल झाल
00:50:15यह सकत्सकत किस आयाल
00:50:37स्वरफ
00:50:42कि हम लाग। चाह। हुआ।
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00:51:42झाल झाल झाल
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01:20:01कर दो कर दो कर दो
01:20:31कर दो
01:20:33कर दो दो आप ठिता माड़
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01:20:42कर दो कर दो कर दो कर मौरिय।

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