00:00अगर भंडारे का संकल्प अधूरा रह जाए, तो क्या भगवान नाराज हो जाते हैं?
00:04इस सवाल पर व्रिंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने बड़ा सरल और दिल छू लेने वाला जवाब दिया.
00:10उन्होंने कहा, भगवान स्वार्थी नहीं होते कि हमसे संकल्प पूरा होने की जित करें. वो तो बड़े दयालू हैं. हमारी परिस्थिती और मन्शा दोनों को समझते हैं. महाराज ने समझाया कि अगर आपने सौ संतों को भोजन कराने का संकल्प लिया और किसी कारणवश �
00:40या भंडारा अगर समय पर न हो पाए तो अगली बार जरूर करें. इन कामों को टालना नहीं चाहिए, बस हालात के अनुसार थोड़ा आगे बढ़ा देना चाहिए. अंत में प्रिमानंद जी ने कहा, संकल्प को भूलिये मत. जैसे ही सही समय मिले, पूरे मन से उसे पूरा