Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 2 days ago
सावन की दूसरी सोमवारी को भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन उनके डमरू और त्रिशूल की पूजा की जाती है.

Category

🗞
News
Transcript
00:00शावन महा की दूसरी सुम्बारी पर राची के शिवालयों में एक बार फीर भक्ती की गुंच सुनाई दी
00:05शहर के कोने कोने से हजारों सधालू भगवान शिव के आरधना को उम्रे
00:09लेकिन सबसे ज़्यादा आकर्षन का केंद्र बना राची का एतियासिक पहारी बाबा मंदीर
00:14जलावी से कियें बाबा पर
00:24क्या मननते मांगी बाबा से
00:39खेक है साथ में नाग बाबा भी है साथ में
01:16प्रशाशन और मंदीर समीती के ओर से सावन के पावन अवसर पर सुरक्षा और व्यवस्था का विशेश ध्यान रखा गया।
01:46पारी के इस वभीत्र दीद पर महाकाल मंदीर परिसर में बाबा भोले के त्रिशूल और डमरु की विशेश पूजा की गई।
02:16ठीक है कितना बड़ा है कितना इसका यह है ना चाड़े आठ फिट है आप बताएंगे
02:26सावन का मुत्रा यह जार अशी बातना नहीं है कि पाहरी बाबा का भक्त आज इतना भीड है उतना हमेशा शालों भर रहता है अब पाहरी बाबा का अशिक बाद कुरा भाखन प्रदेश को मिलता है पाहरी बाबा।
02:32४ुजारियों के अनुसार प्रतिकवर्ष सावन के खास अबसर पर यहां विशेष पूजन होता है
03:01भक्त दूर दूर से आकर त्रिशूल और डमरुका असपर्स कर आसिरवाद प्राप्त करते हैं
03:07यह पुजा विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्तपुड माने जाती है
03:11जो अपने जीवन में साहस, शांती और अध्यात्मिक बल की कामना करते हैं
03:17चन्दन भटाचारिया, ETV भारत, राची

Recommended