01:29रोज हजारों मैसेज उसको गुड मॉर्निंग के आते हैं
01:33गुड मॉर्निंग का उत्तर देते गुड नाइट हो जाती है
01:37पढ़ती नहीं पढ़ती है, दिनबर रील बनाती है
01:44उसके कुछ फॉलोवर जैसे मैं खाने के रिंद हुए
01:48सुनिएगा कवीता टर्न लेलेगी किसी भी सब
01:51उसके कुछ फॉलोवर जैसे मैं खाने के रिंद हुए
02:06एक फॉलोवर ऐसा था जो सबसे पहले आता था
02:10तारीफों के पुल बांधा करता था नहीं लजाता था
02:14उसकी तारीफे सुनकर वो फूली नहीं समाती है, पढ़ती नहीं पढ़ती है
02:19सर्फ एक मिसकाल में, चिडिया पस गई जाल में, उसे मिल गया शहतादा
02:29प्याव हुआ इतना जादा, लाग गई वो गर की दहरी, सोचा किस मत जाग गई
02:34आखिर वो अपने ऑनलाइन प्रेमी के संग में भाग गई
02:38अब घरवाले ढून रहे हैं, कहीं नजर नहीं आती है, पढ़ती नहीं पढ़ाती है, दिन भर रील बनाती है
02:50मा की ममता छोड़ गई, दिल पापा का तोड़ गई, जिसके खातिर लटकी अपने सारे निष्ट तोड़ गई
03:07नशा प्यार का उतर गया, तो सब घड़ बर जाला निकला, आखिर में वो शहजादा अब्दुल पंचर वाला निकला
03:21अब उसको अपने पापा की याद बहुत तरपाती है, पढ़ती नहीं पढ़ाती है, दिन भर रील बनाती है, थोड़ी सी नादानी में
03:37आगे ट्विस्ट कहानी में, जो पापा का सपना थी, पहले जैसी यपना थी, यहीं शहर के पास मिली, वड़ी नहर के पास मिली, वो पापा की परी मिली, इस सूट केस में भरी मिली
03:53अब वो लड़की अपने टैटू से पहचानी जाती है, दुनिया वाले सोच रहे हैं, लड़की रील बनाती है, अब एक पिता के उपर क्या भी देगी, यह पिता हो रहे सुनेगा
04:04क्या सोचा था क्या पाया, क्यो मुवाईल दिलवाया, क्यो मुवाईल दिलवाया, अब पापा पच्चताते हैं, रोते हैं चिलाते हैं, अब पापा पच्चताते हैं, रोते हैं चिलाते हैं, लेकिन उस मुवाईल की अब भी किस्त चुकाते हैं, अरे कितने कीमत और चुक
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