00:00आज शिड़को नी आमाला जे स्वपन दाखावला होता स्वपन तला घर मंजे स्वपन पूरती त्या आनुशंगा ने आमी इता घर है गेतली
00:28आज शिड़को नी आमचा भ्रहन निरास केला है कि पाने सडी आमला आज रस्त्यावर याव लागला आमचा आया भईनी रस्त्यावर उतरले है आमी मध्यमोर गिया होत आज आज इस शिड़को आमला पक्त वाटाने चे अक्षेताला होता है
00:42ये आसाजर चालन आज प्तक्तिने आमी गांधी गिर सा अवलंब करोन निवेद्ण देटो है विदंती करतो है कि आमचा आज प्रश्णाय पाने चा आल लवकरत लवकर तुमी सोडवा जने करून आम आला जे तुमीं सफनदा कवला उता कि सफनतली घरत उमलारा आमी देत
01:12पाणी येतना है अडिते तैंचे तांतरी गोष्टिया अमाला सांगाद रहता है यहाँ प्रब्लम जाला तो प्रब्लम जाला पन्यादर गोष्टि सतत चालू रहेला तरमग रहेवाशाग नी कसका नियोजन का रहे घरी रहा थामाईज पाने साथी कामा और दाईज एक तर
01:42गशार में फैड़ आप उस माला पना सेघ्य है मनद पहलें थाज ब्लक पाणी मुबलक अमला द्यावत है युडय आमची एकडम छोटी दिक्वेस्ट अन्ची कूपच कूपच्पच अच्बी माफच मागनीए तेम जे आमसे पानी
02:12आश्वासन कसा ही करून तेनी पूर्णा कराव। आणि बाक्चा महिना बरा पसुन अपना पूर्ती संखुला मदे हाहाकार मासले पानीच नहीं है, उटलाई घराला पानी मेवत नहीं है, कोणाला आमचा घरा मदे प्रत्तिक अक्षिर्शा एक एक एक एक गोश्टी आशा ह
02:42आदिकारी और रात्तिक आदिकारें आमेला आठिक अची आए this water