16 Somvar Vrat Vidhi 2025: व पुराण के अनुसार सोलह सोमवार व्रत की पूजा दिन के तीसरे पहर में यानी कि 4 बजे के आस- पास शुरू करनी चाहिए. सूर्यास्त से पहले पूजन संपूर्ण हो जाना चाहिए. ग्रंथों के अनुसार शिव पूजा प्रदोष काल में पुण्यफलदायी होती है.16 Somvar Vrat Vidhi 2025:16 Somvar Vrat Vidhi,Kab Se Shuru Kare,Kya Khana Chahiye Kya Nahi ? According to Shiv Puran, the worship of Solah Somvar Vrat should be started in the third quarter of the day i.e. around 4 o'clock. The worship should be completed before sunset. According to the scriptures, Shiva worship is fruitful during Pradosh period. #16somvarvratvidhi #16somvarvratkatha #16somvarvratkasekarave #16somvarrahiupasi #16somvarvrat #16somvarmekyakhanachahiye #16somvar #16somvarvratvideo #sawansomwar #sawansomvar #sawansomvarvart #sawansomvarvratkatha #sawansomvaar #pehlasomvarvratkaisekare #somvarvratvidhi #sawansomvarvratvidhi #sawanlatestbhajan #sawandjsong #sawankebhajan #sawan_jhanki #sawankesong #sawansomwar
00:00क्या आप भी उनश्व भक्तों में से ही एक हैं जो सावन महिने से 16 सोमवार वृत की शुरुआत करना चाहते हैं
00:09और यह पहली बार है जब आप सावन में 16 सोमवार वृत की शुरुआत करेंगे
00:14तो आईए इस वीडियो में हम आपको बता दे कि 16 सोमवार का वरत कैसे शुरू करते हैं
00:20साथी 16 सोमवार की पूजा कितने बज़े करनी चाहिए
00:2316 सोमवार वरत के लिए पूजन सामगरी क्या होगी
00:26और तो और आपको इस वीडियो में हम अविधी भी बताएंगे
00:29ये तो हम सभी जानते हैं कि माता पारवती ने भगवान अश्रिव को अपने पती स्वरूप में पाने के लिए ही 16 सोमवार का वरत किया था
00:38वह अगर आप भी शिवजी जैसे पती अपने जीवन में चाहती है
00:42या फिर आपकी शादी हो चुकी है लेकिन वैवाहे के जीवन में कई सारी परिशानिया है
00:48तो इन सबी परिशानियों को दूर करने के लिए भी 16 सोमवार का वरत किया जाता है
00:53आपको बता दें कि शियोपुरान के मुताबिक 16 सोंवार के वरत की शुरुवात ब्रह्मु मुहुर्थ यानि की 4 बजे से शुरु होकर शाम 4 बजे की पूजा के बाद ही समाप्त होता है
01:04जहां सुबह की पूजा सूरुदय के पुषरात करनी चाहिए तो वहीं शाम की पूजा का समय सूरियास्त से पहले यानि की शाम 4 बजे तक कर लेना चाहिए
01:15ये वरत भी महलाय फलाहार ही रखती हैं यानि की आप पूरे दिन में दो बार फलाहार ग्रहण कर सकते हैं
01:23एक बार सुब़ पूजा के परशात और एक बार शाम की पूजा के बाद, कई व्रती महलाएं शाम के समय ही सात्विक भोजन खाकर अपना व्रत खोल भी लेती हैं
01:34वही सोल सोमवार व्रत में भगवानशिप की मूर्तिया, शिवलिंग, गंगाजल, दूद, दही, घी, शहद, चीनी, सफेद, चंदन, फूल, माला, अक्षत, बेल, पत्र, धतूरा, भांग, धूप, दीप, अगरबत्ती, फल और मिठाई आधी चीजों की जरुरत होगी
01:50सावन के पहले सोमवार क्यों, नहाने के पानी में काला तिल डाल कर स्नान करें, स्नान के बाद साफ कपड़े पहन कर शिवजी के सामने वरत का संकल्प लें
02:00संकल्प लेने के बार सावन के हर सोमवार से लेकर पूरे 16 सोमवार तक वरत रखें
02:0516 सोमवार वरत की पूजा प्रदोशकाल में करें
02:08ऐसे में पूजा सूर्यास से पहले ही पूरी कर लेनी होगी
02:12अगर आप घर पर पूजा कर रहे हैं तो सबसे पहले शिवलिंग का गंगाजल या शुद्ध जल से अभिशेक करें
02:18फिर ओम नमश्रिवाय मंत्र का जाप करते वे पंचामरत चड़ाएं
02:22जल और गंगाजल से उन्हें स्नान कराएं
02:25इसके बार शिवलिंग पर सफेच चंदन, बेल पत्र, धतूरा और भांग आदी अरपित करें
02:29शिवजी के सामने दूप दीप जलाएं और फल या खीर का भोग लगाएं
02:34भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा जरूर करें
02:37मागौरी को श्रिंगार का सामान अरपित करें
02:40इसके बार शिव चालीसा और शिव पुरान का पाड करें
02:43नैवेद्धी अरपित कर अंत में आरती करें
02:46ध्यान रहें किसी भी पूजा का फल तभी मिलता है
02:50जब आप उस दिन दान दक्षना करेंगे
02:52वहीं पीरिड आदी की वज़े से भी 16 सोमवार वरत को बीच में नहीं छोड़ना है
02:57पीरिड में भी आवरत और मंत्र जापादी कर सकते हैं