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  • 7/10/2025
Bihar Aadhar Card Scam: बिहार के 4 जिलों में आबादी से ज़्यादा Aadhaar Card कैसे बन गए? इस रिपोर्ट ने चुनाव आयोग से लेकर केंद्र सरकार तक की नींद उड़ा दी है।
बिहार से एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सियासी भूचाल ला दिया है। जातिगत जनगणना के बाद जारी आंकड़ों से पता चला है कि बिहार के सीमांचल क्षेत्र के चार जिलों - किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया - में कुल आबादी से भी ज़्यादा आधार कार्ड बन चुके हैं। किशनगंज में यह आंकड़ा 105% तक पहुँच गया है, जो एक बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ीवाड़े की ओर इशारा करता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इन फ़र्ज़ी आधार कार्डों का इस्तेमाल अवैध रूप से निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए किया गया है। यह मामला इसलिए और भी गंभीर हो जाता है क्योंकि यह क्षेत्र बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ और तेजी से बदलते डेमोग्राफिक्स के कारण हमेशा चर्चा में रहा है। 1951 से 2011 के बीच इस इलाके में मुस्लिम आबादी में 16% की वृद्धि देखी गई थी, और हालिया जातिगत जनगणना में यह आंकड़ा किशनगंज में 68% और कुल सीमांचल में 47% तक पहुँच गया है।
इसी खुलासे के आधार पर चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू किया है, जिसका विपक्षी महागठबंधन पुरजोर विरोध कर रहा है। विपक्ष का तर्क है कि उनके M-Y समीकरण वाले वोट बैंक को निशाना बनाया जा रहा है। वहीं, चुनाव आयोग का मानना है कि इन इलाकों में हज़ारों की संख्या में फ़र्ज़ी मतदाता हो सकते हैं, और यह अभियान इसी गड़बड़ी को साफ़ करने के लिए है। यह क्षेत्र सामरिक रूप से संवेदनशील 'सिलीगुड़ी कॉरिडोर' के पास होने के कारण यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ गया है।
About the Story:
A shocking report reveals that Aadhar card numbers have exceeded the total population in four districts of Bihar's Seemanchal region. This story delves into allegations of large-scale fake Aadhar cards, their use in obtaining residency proofs, and the potential link to illegal immigration from Bangladesh. It also covers the political fallout, with the opposition protesting the Election Commission's voter list revision ahead of the Bihar assembly elections, a move suspected to be aimed at weeding out fake voters.
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~ED.276~GR.124~HT.96~

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Transcript
00:01बिहार में आबादी से अधिक आधार
00:03किस जाती में अचानक बढ़ गई अनुमान से अधिक जनसंख्या
00:08चुनाव आयोग के मतदाता सूची पून रिक्षन पर महाकट बंधन क्यों है चंतित
00:14नमश्कार मेरिचा और बिहार में विधान सब चुनाव की गहमा गहमी के बीच
00:20चुनाव आयोग के मतदाता सूची की विशेश गहन पून रिक्षन अभ्यान पर सियासी बवाल मचा हुआ है
00:26विपक्षी दल सवाल पूछ रहे हैं कि सूची में नाम के लिए आधार काड और आवासिय फ्रमान पत्र को मान्यता क्यों नहीं दी जा रही है
00:35अब ये मामला सुप्रिम कोर्ट तक बहुत चुका है लेकिन इधर जातिगत जनगर्णा के आधार पर जारी एक रिपोर्ट के बाद सियासी गल्यारों में फिर से खलबली मच गई है
00:44रिपोर्ट के हिसाब से बिहार में सिमांचल इलाके के चार जिलों में यानि कटिहार, पुर्णिया, पिशनगंच और अररिया में आधार काड की संख्या वहां की कुल आबादी से अधिक हो चुकी है
00:58आप ज़रा सोची ऐसा कैसे हो सकता है, आधार काड बनाने के भी तो कई माप डंड है, फिर भी संख्या से अधिक आधार काड बना दिये गए हैं, लेकिन कैसे? ये गहन विशय है
01:10अब बताया गया है कि इन इलाकों में जितने लोग रहते हैं यानि महाँ बसते हैं, उनकी संख्या से ज़ादा आधार काड बने होएं, मतलब बड़ी तादाद में फर्जी आधार काड होने की बात सामने आ रही है
01:22और इससे भी बड़ी बात यह है कि नागरिक्ता प्रमान पत्र के रूप में आधार काड की मानेता न होने के बावजूद इस शेत्र में इसी के आधार पर धडलने से निवास प्रमान पत्र भी जारी कर दिये गए हैं
01:49डेमोग्राफिक्स में तेजी वद लागातार बदलाव से चर्चा में रहा है।
01:531951 से 2011 तक इस छेत्र में मुस्लिमों की आबादी में 16 फेसिदी की तिवर बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
02:01इसका आधार है हाली में बिहार में हुआ जातिकत जंगर्णा।
02:04हालीय जातिकत जंगर्णा में यह सामने आया है कि मुस्लिम आबादी किशन गंज में 68%, अररिया में 50%, कचिहार में 45% और पुर्णिया में 49% हो गई है।
02:25और सबसे बड़ी बात यह है कि चुनाव आयों के मतदाता सूची के विशेश गहन पुनरिक्षन का आधार भी यही बताया गया है जिसके लिए बिहार में विपक्षी काफी बवाल काट रहा है
02:36पुनरिक्षन अभ्यान का सरवाधिक विरोध राजी के मुस्लिम इलाकों में ही है और महाकट बंधन के MY समिकरन की बात करें तो इस विराधरी का बड़ा हिस्स्ता अर्से से भी पक्षी महाकट बंधन का समर्थन करता रहा है
02:49अब इन सभी घटनाओं के बाद राजनीतिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि महाकट बंधन विरोध के बहाने इनके आस पास ही घेरा बना रहा है क्योंकि चुनाओ भी तो साधना है
03:00अब पूरे देश की करीब 90 फीसदी आबादी के पास आधार कार्ड है वहीं बिहार के सिमांचल में या आकड़ा आबादी से भी ज्यादा हो गया
03:09अब ज़रा एक बार आकड़ों पर नज़र डालते हैं तो आपको पता चलेगा कि किशन गंज में अधार कार्ड की संख्या बादी का 105.16 फीसदी है वहीं अरडिया में 102.23 फीसदी तो कटिहार में 101.92 फीसदी और पुर्णिया में ये संख्या 101 फीसदी है
03:28यह शेत्र सामरिक द्रिष्टी से बेहत सम्मेदन शील माने जाने वाले सिली गुडी कॉरिडोर के चिगिनने के करीब है चुनावायों के मुताबिक शिकायोतों के आधार पर लगता है कि सिमान्चन सहित कुछ चुनिंदा दिलों से जुड़े कॉंस्टिट्यूएंसी में
03:58इसके साथ या अबादी स्याधिक आधार कार्ट प्रथम द्रिष्ट्या से यही साबित करता है इधर विहार में ऑक्टूबर नमेंबर में चुनाव होने वाले हैं ऐसे में विपक्षित सवाल उठा रहा है कि महश तीन से चार महीन में विशेश गहन पूरी इरेक्शन अ�
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