00:00वैसे तो नेता यही कहते रहते हैं कि मुझे पता चल गया है अब जल्दी समस्या दूर कर देने
00:05लेकिन जनता का दर्द सत्ता में बैठे लोगों को तब ही समझ में आता है जब वो खुद उससे दोचार होते हैं
00:11मुंबई का मामला देखिए शिवसेना शिंदे गुट के एक विधायक को खराब दाल क्या मिली उन्होंने आस्मान सर पर उठा लिया
00:18कैंटीन के संचालक को न केवल पीटा बलकि अपनी कारवाई को इस मारपीट को सही बेठैर आया
00:24इस घटना ने बता दिया कि मिलावट खोरी का ये जहर अब सत्ता तक पहुचने लगा है
00:29अगर ये लोग सुदरते नहीं हैं तो मुझे मेरी स्टाइल से मुझे उन्हों से बात करना है
00:41वाकई में सत्ता की हना किसी को कहते हैं जब चाहे जिसको चाहे किसी को कहीं भी पीट दो पता है कारवाई तो होगी नहीं
00:52विधायक होकर भी गुंडे की तरह बरताव करने वाल ये शिव सेना शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवार है जिनकी करतू जनता के प्रतिनिधी के स्तर की कताई नहीं लगती
01:05संजय गायकवार ने अपकी मुंबई में विधायक होस्चल की कैंटीन को अखाडा बना दिया जिसमें खराब दाल पर उसे जाने के बाद विधायक संजय गायकवार ने कैंटीन के ठेकेदार को पीट दिया
01:23जब पूछा कि ऐसा क्यूं किया तो जवाब मिला
01:26इसे कहते हैं पहले चोरी और फिर सीना जोरी
01:37संजय गायकवार को अपनी हरकत पर कोई अफसोस नहीं
01:40पच्चतावे का रत्ती भर भी अहसास नहीं
01:42जिससे सवाल उतता है क्या मिलावटी खाने के नाम पर कोई आम आदमी ऐसा कर सकता है
01:47जबकि मामला मिलावटी खाने से जोड़ा है जिसका हर हिंदुस्तानी रोज सामना करता है
01:54लेकिन जब विधायक इसकी चपेट में खुद आए तब वो बॉकसर बन जाते हैं ठेकेदार को पीटने लगते
02:00सबसे पहले सत्ताधारी पार्टी के स्विधायक बदबुदार दाल पर उसे जाने पर हंगामा किया
02:05और वो कॉंट्रेक्टर को बुलाने पर अलगे इस दौरान विधायक संजेग आइकवार दाल का पैकेट पकड़ कर खड़े रहते
02:12बारी-बारी से लोगों को दाल सुगवाते रहते हैं
02:16कुछ देर बाद जैसे ही कैंटीन का करमचारी संचाला कुले कर आता है
02:35पहले तो उसे दाल सुग और अचानल धपड़ों की बरसाथ शुरू कर दिए
02:39इस मारपीट से कैंटीन संचाला जमीन पर घिर जाता
02:48लेकिन विधायक संजेग आइकवार का गुस्सा नहीं थमता
02:51समर्थकों के साथ मिलकर वो उसके उपर हाथ साफ करते हैं
02:55विधायक मारपीट करके विधान सभा पहुँच गए
02:58आमा आदमी तो है नहीं कि मारपीट के बाद यहाँ पुलिस आएगी
03:01और आमा आदमी कानून से डरेगा
03:03विधायक को किस बात की चिंता
03:05इसलिए जब उनके हाथों कैंटीन ठेकेदार को पीटे जाने को लेकर
03:10सवाल आज तक करता है तो जवाब सत्ता के हैंकार में डूबा हुआ मिलता है
03:15देखो अगर कोई मेरे जान से खिल रहा है
03:18मेरे जान लेने का प्रयास कर रहा है
03:20और हर तरीके के माद्यम से
03:23गोर्मेड के माद्यम से
03:24आधिकरी के माद्यम से
03:26सब माध्यम से उनको request करने के बाद, complaint करने के बाद अगर उनकी पर कारवई होती नहीं
03:31और मेरे जान से खेलेंगे तो मैं मेरी जो reaction थी हो सही थी
03:34यह आप किस base पर कह सकते है कि आपकी जान से खेलने का प्रयास हुआ है
03:37कहते हैं कि गलती का हैसास नहो ना उससे भी बड़ी गलती होती
04:07लेकिन महराश्ट्र के इस विधायक के कहने ही क्या जो प्रशासन से शिकायत में विश्वासी नहीं रखता
04:12सीधे फैसला सुनाता है
04:14फैसला पीट देने का, फैसला मुक्य मारने का, फैसला थपड़ बरसाने का
04:20वैसे नयायत उस शक्स को भी नहीं मिला, जिससे मार पीट हुई
04:44अपने साथ हुई बदसलूकी के बावजूद वो खामोश रहा, कैंटीन का कोई करमचारी विधाय के खिला, मुझ खुलने को तयार नहीं हुआ
05:14को पीटा गया था, मालूम मैं नहीं था, लेकिन जो पिठे आपके यहां से वो कौन थे, कॉन ट्राक्टर से, नहीं आइडिया था, लेकिन यहीं इसी जो आप कह लिजे कैंटीन में, यहीं पर देखना बनता है, कई सारे आम लोग भी यहां पर आके खाना खाते हैं, और ज
05:44गया कौर पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रहें, उन्होंने पिछले साल सितंबर में कहा था, जो कोई भी कॉंग्रेस नेता राहूल गांधी की आरक्शन प्रणाली को खत्म करने की टिपड़ी