00:00सेब का पौधा धूप में जड़ रहा होता है, तभी एक कबूतरी उर्ती हुई आती है, और अपने पंखों से पौधे को धक लेती है, वो उसे पानी देती है, उसकी देख भाल करती है, समय बीटता है और वह छोटा पौधा एक बड़ा पेड बन जाता है, उस पर सेब के फ
00:30लेकिन एक दिन उसी पट्रियों पर एक ट्रेन आ जाती है, कबूतरी ट्रेन को रोकने की कोशिश करती है, लेकिन ट्रेन पेड से टकरा जाती है, पेड तूट जाता है और घोंसला भी जमीन पर गिर जाता है, पर अगले दिन उसी तूटे हुए पेड की जड़ों से एक न