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  • 7/7/2025

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Transcript
00:00माबू फर्माते हैं कियामत के दिन अल्ला तबारकावताला एक गुनागार के बारे में जन्दत का फैसला फर्मा देगा
00:06वो गुनागार ना रब के करम पर रोव पड़ेगा
00:09और रात बांद के अर्स करेगा मौला मैं तो जानता हूँ मैं क्या हूँ
00:13ऐसी कौन सी मेरी नेकी थी कि तुने मुझे बख्ष दिया
00:16मेरे माबू बेपाक अलिक सलाम फर्माने लगे रब करीम उससे फर्माएगा
00:20एक दिन रात को ना तो अपनी गली से गुजर रा था
00:22गली से गुजरते हुए तेरे पैर से करोड़ा टकराया था
00:26तुने वो रोड़ा उठाके पैख दिया था
00:28क्यों पैंका था
00:29तो नेकी चूंके उसकी नजर में मामूली थी
00:31तो वो भूल चुका तो अखेगा
00:33याल्ला वो वाला रोड़ा
00:34वाली के करीम
00:35वो तो मैंने इसलिए उठाया था
00:37के मेरे महले में बुड़े भी रहते हैं
00:39बिमार भी रहते हैं
00:40बचे भी रहते हैं
00:41कमजोर भी रहते हैं
00:42इसलिए उठाया था
00:43किसी को ठोकर न लग जाए
00:44रब करीम ने फरमाया
00:46तू रात के अंधेरों में
00:48रोड़े उठा उठा के
00:49If you have a feeling of my friends, I will not think of your thoughts.
00:54I will not think of you.
00:54I will not think of you.
00:57I will not think of you.

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