00:00अत्यदिक बारश और तूफान की वज़े से पीछे लगे हुए टेंट में प्राक्तिक आवदा हुई उससे हिर्दे को बहुत दुख है पुरे विश्व में बाणी से कार्य कम हो चरित्र से ज़्यादा कारणा चाहिए इस पर किसी का जोड तो नहीं
00:24पुर्श्वामी जी कहते हैं जनम विबाह मरंगत शोई जहीं विदि लिखासों तहीं विदि होई तो आज के और कल के जितने भी कारिक्रम थे वो भी विराम किये बड़ी सांती तरीके से सहज तरीके से सब लोग उत्षव को मना रहे हैं चुकि पूर्वबत सभी संगीत वा
00:54साधारन सबको शीता राम करके हम जो आ रहे हैं उनको राम राम करते हुए मिल रहे हैं इस जनम दिबस पर दो ही बाते हम कहेंगे कि ये जो साल हमारे जीवन का है एक हिसाप से आयू घट भी गई और दूसरी दिश्टी से आयू बढ़ी भी गई
01:13इस बर्ष की जो पद्यात्रा है साथ नमंबर से सोला नमंबर तक वह पद्यात्रा केवलो केवल हिंदू एकता के लिए सनातन को बचाने के लिए भेद भाव, जातपात, छुआ छूत, उँच नीच और जातिगत अभिमान से उपर उठाने के लिए
01:35इन सबसे छुगा छूत से उपर उठें लोग, भेद भाव से उपर उठें, जातपात से उपर उठें, राष्टबात की परती समर्पित हो बहें, इस भाव को लेकर कि इस वर्ष पद्यात्रा हम करेंगे
01:48दूसरा जनम दिबस पर जीवन है, नित्य जन्म होता है, जब भी जाकते हैं तब नया जन्म है, नूटन जन्म है
01:57पाश्चात संस्कृती के हिसाब से जनम दिबस ना मनाए, केंडल बुझा करने, दीप जलाकर के जनम दिबस मनाए
02:06यही भारत के सभी युवाओं को हमाई भी, पेरणा है और शिंदेश, अत्यदिक बारश और तूफान की वज़े से पीछे लगे हुए टेंट में प्राक्तिक आवदा हुई, उस से हिर्दे को बहुत दुख है, कल से ही, मन बहुत पुशन नहीं, बस उदेव कुटुम्ब
02:36क्योंकि सब हमारे अपने हैं, और पूरे विश्व में बाणी से कारे कम हो, चरित्र से ज़्यादा कारे हना चाहिए, जब तक चरित्र से आप चरितार्थ करके जीवन में कारे करके नहीं बतावे, तब तक आपकी बाणी की बात उतनी दूर तक नहीं पहुँचे, इसलिए
03:06सबी हन्याईयों को, पूर्वबत भी हमने कहा था, घर बैठकर के अनुमान चालीसा का पाठ करें, भगवान से प्राथना करें, अनुमान जी से प्राथना करें के हम हिंदू, हिंदुत और हिंदुस्तान की शेबा करते रहें, पर जो प्राक्तिक घटना कल हुई है, भग�
03:36लिखासों तहीं भी धी होई, तो आज के और कल के जितने भी कारिकम थे, वो भी विराम किये, आगामी जो एक कथा थी, परिश्ततियों को देखते हुए, इस कथा को भी विराम किये,