00:00नमस्कार आप देख रहे हैं आज तक और आपके साथ मैं हूँ शैशी शर्बा मोमे मैच्छों में आपका स्वागत है
00:06सबसे पहले हम बात करेंगे भारे जैसे बहुभाशी देश में किस तरीके से हिंदी को लेकर जबरदस महराश में हंगामा है
00:14हिंदी वो पुल माना जाता है जो कोलकता से लेकर कोलहपूर, बनारा से लेकर बैंगलुरू,
00:19नाकپूर से लेकर नागालीन तक समवाद का शांदार जरिया है
00:24लेकिन महराश्चों के भीतस समवाद के इसी माध्यम पर लगाता सियासा जारी है
00:28और इसका असर ये हुआ है कि जिस महाराश्य सरकार ने चंद रोज पहले
00:33राज्य के मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पहली से पांच भी कक्षा तक हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर पढ़ाय जाने का आदेश दिया था
00:42उसे विपक्ष के विरोध की वजह से आनन फानन में वापस ले लिया गया
00:46भाषाएन तो दुश्मन होती है नहीं राजनी तक मोहरे
00:49वो होती है संस्कृती की पहचान और भविशे की चाबी भी
00:52तो फिर क्या इतनी गुंजाइश नहीं बनती कि मराठी के साथ साथ
00:56हिंदी को भी जगह दी जा सके फिलहाल तो जिन्होंने विरोध किया है
01:00उनका दावा ये है कि वो महराष्ट सरकार के फैसले के खलाफ लगातार हैं
01:06बने रहेंगे वो हिंदी के खलाफ नहीं है
01:08महराष्ट के स्कूलों में अब हिंदी जरूरी नहीं
01:15भाषा विवाद में बैकफुट पर आ गई फड़नवी सरकार
01:20महराष्ट में भाषा की लाई ने सियासत की जमीन हिला दी
01:25फड़नवी सरकार ने हिंदी को तीसरी भाषा बनाने का फैसला लिया
01:29लेकिन मराठी अस्मिता की लहर इतनी तेज चली कि बीजेती के निर्टतुवाली महायूती सरकार को आखिर कार जुकना पड़ा
01:36उनका हिंदी को विरोध है हमारा हिंदी को विरोध नहीं है
01:40इस देश की किसी भी भाषा को हमारा विरोध नहीं है
01:45हिंदी को तो बिल्कुल हमारा विरोध नहीं है लेकिन जहां तक हिंदी को कमपलसरी सिखाने का सवाल है तो इस संदर में जो निर्णे हुआ था उन्हीं के कारेकाल में कमिटी बनी थी उस कमिटी में उनके उपनेता भी थे उसी कमिटी ने निर्णे लिया था उस निर्णे को
02:15मेशा पलटे रहते हैं यहानि पलटु राम के नाम उनके बहुत सही है usta उल्हां का उन्ने तक की और एक Wanna know
02:19you can ya ने सरकार लिए
02:26सब्सक्रण को कोतफा नहीं सकता कि यह जनता के हित्व में निर्णे लेने
02:33लोगतंत्रमें लोगों की आवाज को संभने वाली सरकार इसलिए कई लोगों
02:43ने इस पर संदेव्यक्त किया कि यह जो निर्णें है यह इसका है या नहीं है
02:50तो हमने कमिटी तयार किये, कमिटी तय करेगी, निरने हितका है या नहीं है, अगर है तो किस प्रकार से है, नहीं है, तो किस प्रकार का निरने लेना चाहिए, उसके बाद हम निरने लेंगे, बाकी इनको छोटी मोटी चीजों में अगर जीत का ऐसास मिलते हैं तो लेने दी�
03:20वहीं उद्धव ठाकरे बोल रहे हैं कि ये मराखी अस्पिता की जीत है
03:24पहले उन्होंने एक सबके मन में जहर डालने की कोशिश की
03:30यहां कई सालों से बरसों से मराखी गैर मराखी रहे रहे हैं
03:34उनमें अलगता पैदा करो अलग अलग हो जाओ
03:39हिंदी कोई पराई नहीं हिंदी इस देश की आत्मा है
03:53केंद्र से लेकर कई राज्यों में सरकारी कामकाची भाषा है
03:57समझने की बात यह है कि हिंदी को थोपने की नहीं सहज डूप से अपनाने की जरूरत है
04:02इसलिए महराष्ट में जब उधव की सरकार थी तो एक समीती बनाई गई
04:0721 सितंबर 2020 को उधव ठाकरे की सरकार ने विशेशग्य समीती बनाई
04:1516 अक्तूबर 2020 को डॉक्टर माशेलकर के निर्टतु में टास्क पोर्स बनी
04:2014 सितंबर 2021 को रिपोर्ट सौप दी गई
04:23हिंदी को अनिवारे भाषा बनाने की सिफारिश की गई
04:26इसके तहट कक्षा 1 से 12 सच और संभावित रूप से कॉलिज डिगरी कारिक्रमों में
04:31अंग्रेजी और हिंदी अनिवारे दूसरी भाषा होनी चाहिए
04:34ताकि छात्रों को तक्नीकी और व्यवसाइक पाठे क्रमों के लिए तैयार किया जा सके
04:39जबकि उच्छ शिक्षा में मराथी को प्रात्मिक्ता दी जाए
04:4316 अपरेल 2025 और 17 जून 2025 को फड़नवी सरकार ने सरकारी आदेश दिया
04:49लेकिन 29 जून 2025 को विपक्ष समेथ कई पार्टियों के दबाव में फड़नवी सरकार को यू टर्न लेना पड़ा
04:56हाला कि फड़नवी सरकार ने संजे राउत की मौझूदगी में विपोर्ट को ततकार लागू करने का निर्जेश दिया था
05:04लेकिन अब यही हिंदी महराष्ट में बेवजह विवादों में खसीती जा रही है
05:10कि आर्थिये जंता पार्टी की एक नेशनल पॉलिसी जूड बोलने की वो नेशनल पॉलिशी जो है राष्टिये धोरण
05:21तो यही दोरण के साथ महराष्टे में लोग काम करें जूड बोलें अरे भाई उद्धो ठाकर जी ने कोई एक रिपोर्ट बनाया है माशल कर कमिटी तो सामने लाइए ना बार-बार बोलें कि आप उनुद करेकरम है आप सामने लाइए यह कमिटी का रिपोर्ट सामने आय
05:51अब सियासत का अगला अध्याय शुरू हो चुका है उदे सामन्त ने ठाकरे गुट पर क्रेडिट लेने का आरोप जड़ा तो सुनील प्रभू ने नया टर्म देते हुए कहा कि हमने रिपोर्ट तो मानी थी
06:20लेकिन बीजेपी ने महा विकास अगारी सरकार घिरा दी थी
06:50चला तब उन्होंने मनसे के साथ जाने का अंगर नहीं किया अभी कल से मनसे को बाजो में रखे यूबिटेनी ये सब किया है यह अभी श्रेयवाद वो कर रहे हैं
06:58ये रिपोर्ट आपके ही मुख्यमंत्री पत के समय त्री भाशा और हिंदी अनिवारिकता के साथ स्विकार ने की कारवाई आपने की की नहीं आपने क्यों की
07:12देखे हम तो चत्रपती शिवाजी महराज के मावले हम डरेंगे और और किसी के सामने जुकेंगे ये विशही नहीं बनता जनमानस की भूबिगा के साथ सेवा किसना ते काम करना ये हमने किया
07:28उस वक केंदर सरकार का ये धोरन लब कैबिनेट के सामने आया था तब माशल कर दी कि सभी के अपने पर दिया और उन्होंने जो अवाल दिया उसके उपर अब्वैस गट आप निर्गे मित करो इस तरह के आदेश दिये गे ते उसकी टिपनी कैबिनेट में होगी लेकिन को
07:58दरसल जैसे ही माराष्ट में पहली कच्छा से हिंदी के अनिवार होने की बात सामने आई तो इसके खिलाफ विपक्षी शिफसेना यूबी टी और राज्ठ ठाकरे की पार्टी मनस एक हो गए दोनों दलों ने पांच जुलाई को महा मोचा निकालने का ऐलान कर दिया
08:14महा विकास अगारी समेथ कई संगटनों ने फटनवी सरकार के फैसले के खिलाफ मोचा खोल दिया जिस तरह से मामले ने तूल पकड़ा उससे इस बात की संभावना बढ़ गई कि ये आगे डाकर बड़ा मुद्दा बन सकता है
08:26लहाज़ा फटनवी सरकार ने एक कमिटी बना कर फिलहाल मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया
08:32यानि अब शिवसेना शिवसेना यूबिटी बीजेपी समेथ महराश की सियासी पार्टियों ने एक ही भाशा पर अलग-अजेंडा पकड़ लिया है
08:56सवाल ये नहीं कि हिंदी जरूरी हो या नहीं
08:59सवाल ये है कि क्या स्षिक्षा भी अब बोट बैंक में तब्दील हो चुकी है
09:26मराठी बनाम हिंदी की इस लवाई में कोई भी हारता नहीं है
09:30अगर कोई हारता है तो सिर्फ छात्र जिस शिक्षा में भाषा राजनीती से बंस जाए
09:36वो ग्यान नहीं घोश्णा पत्र बन जाती है
09:39ऐसे में सवाल ये है कि क्या राष्ट भाषा हिंदी का विरोध सिर्फ इसलिए हो रहा है
09:45कि महराष्ट में सभी अपनी अपनी राजनीतिक पूंजी की गठरी को पकड़े रहना चाहते हैं
09:50भाषा विवाद के बीच विपक्ष से लेकर सरकार तक सियासी पार्टियों के करकटा से लेकर निजी संगठन तक
09:59सभी को साफ साफ समझना चाहिए कि मराठी को सम्मान दीजें
10:03हिंदी को अपनाईए और राजनीती को भाषा की क्लास से बाहर करिये
10:07भाशा विवाद से जुड़ा निर्ने सरकार ने भले ही वापस ले लिया हो लेकिन आरोप प्रत्यारोपो का दोर अभी भी जारी है
10:17जहाँ एक तरफ मुख्यमंत्री देवेंद्र फड्नविस उद्दव ठाकरे को पल्टू राम कह रहे है
10:22तो वही दूसरी तरफ उद्दव ठाकरे का दावा है कि महराटी की एक जुड़ता से ये सरकार डर रही है
10:29ये देखना बहुती दिल्चस्प होगा कि आने वाले स्थानी निकाय चुनाव में आखिरकार महराटी जनता किसके पाले में अपना वोट डालती है
10:38महराश्य के चुनाव में बीजेपी को जिस नारे ने जीत दिलाई थी वो था एक हैं तो सेफ हैं
10:49दो साल के बाद उद्धव और राच ठाकरे को इस नारे का अपने लिए मतलब समा जा रहा है
10:55हिंदी वीरोध के नाम पर ठाकरे भाईयों के खरीबी बढ़ चुकी है
10:58फड़नवीज सरकार ने भले ही कक्षा एक से पांच तक के लिए मराथी और अंग्रेजी के बाद
11:04तीसरी भाशा के रूप में हिंदी की अनिवारता के फैसले को वापस ले लिया हो
11:08फिर भी ठाकरे भाई पांच तारीख को साथ नजर आएंगे
11:12सवाल अभी है कि उद्धब और राज ठाकरे को क्या ये समझ आ गया है
11:16कि एक हैं तो सेफ है
11:17बाला सहब ठाकरे का उत्तरा धिकारी बनने की जंग ने उद्धब और राज के रास्ते अलग अलग कर दिये थी
11:26इस अलगाओ के 20 साल बाद दोनों भाई एक साथ एक मंच पर आ रहे हैं
11:30सवाल है कि वजूद बचाने की जंग लड़ रहे ठाकरे भाई क्या एक साथ आएंगे भी
11:34देखो ये मराटी लोगों की शिवस्यदा उनके हीद के लिए काम करने वाली शिवस्यदा
11:44और ये सब नेत्रुतों वाला सब ठाकरे ने अपने जीवन कार में किया उनके साथ काम करने वाला में एक कारे करता
11:55वे शिवस्यदा का division हो गया विवाजन हो गया इसलिए ताकत कम हो गए शिवस्यदा की और ये इखटा आएंगे तो शिवस्यदा की ताकत बढ़ेंगी
12:14अभीवार का और उनकी दृष्टित से पॉलिटिकल कैसे जिन्दा रहना उनका अपना भी शहर है।
12:24रही बात भाषा के उपर से राजनिती करके जिन्दा रहने का प्रहतना।
12:31उनको तुप कामना देते हैं। मराठी महारात की राध्यभाषा है।
12:36एक बहुत अच्छी भाषा विश्टूत विक्सित है। रही बात तीसरी लेंग्वेज करके कैसे सिखाना, कब सिखाना।
12:49उस विशे पर अनेक बार चर्चा होती है, चर्चा होगी।
12:53जिस शिव सेना पर कबजे की जंग ने उद्धा और राज ठाकने को दूर किया, अब उसी की अखंड संस्क्रण की बात होने लगी।
13:01इसकी वज़ा महराष्ट्र में हिंदी भाषा को लेकर शुरू हुआ विवाद है, जिसमें दोनों भाईयों को सियासी वापसी का एक साथ मौका नजर आया।
13:10आतर ये भाषी कानी बानी ते लाजते है, ये भाषी कानी बानी आहै, आन्यया तयाचा विरोध हां आमितक कलना रोध, पण विशेश मन जिये
13:18शिवसेने गद्दार जे जिकने मिंदेपणाने राता है त्याना सुरा ता बाडा सहेवन ची विचार काया है ये मराठी तुन पुना सांगनी ची वेडा लेली है
13:28आमी कोंटी सक्ती ही स्विकारणार नाही हिंदी जबर्दस्तिनी शिकला नाही है अचा आरता हिंदी कोणाल येतने आचातला भाग नहीं है
13:36प्रत्येक भाशे नुसार दिलाती सा प्रांत मिड़ालेला है
13:51हिंदी किवा इतर कुछ यही भाशे ची सकती माराष्ट्र मदे हुँ देडार नाही मंजे नाही
13:55आणि या गोष्टीन साथी मणोल मी सर्वपक्षान आवाहन करतो है कि ये त्या सहा जुलेला गिर्गाव चावपाटी ओरुन मोर्चा गाडायसा निरने आमी घेत्तेला है
14:13पालगर्ज एक चुकाने वाली खबर और तस्वीर सामने आई जहां मासूम बच्चे रोज जान को जोखे में डालकर नदी को पार करके स्कूल जाते हैं
14:39वो भी टाइट ट्यूब पर बैठकर या ना तो पुल है ना ही सडक है और इनके सिर्पे स्कूल के बैग्स आपको नजर आएंगे
14:47हाथों में कपड़े और किताबे नजर आएंगी रोज इसी तरह से स्कूल जाने की जद्दो जहर नजर आती है
14:53सवाल फिर से वही सरकार और प्रशासन से कि क्या हाथ से का इंतजार किया जा रहा है
14:57जान हधेली पर रखकर स्कूल जाते बच्चे चा यही है शुक्षा का अधिकार
15:18देश के आर्थिक राजधाने से कुछी किलोमेटर दूर महराश्ट के पालखर जिले में विक्रमगर तहसील का महसे गाउ
15:25जहां हर रोज सुबर कुछ बच्चे स्कूल जाने के लिए ऐसी जत्तो जहत करते हैं जिसकी कलपना भी शायद शहरों में बैठे लोग नहीं कर सकते
15:32सरकार कहती है स्कूल जाओ लेकिन जाएं कैसे ना स्कूल बस है ना पक्की सड़क और ना ही कोई पुल जिससे नदी पार की जा सके
15:43ये बच्चे हद रोज एक बहती नदी को टायर ट्यूब पर बैठ कर पार करते हैं सिर्पर स्कूल बैग हाथों में कपड़े और किताबे और आखों में डर नहीं बस पढ़ने की ललग
16:13बच्चों के माबाब भी बेवस हैं खुद भले ही किताबे ना पड़ पाए हो लेकिन वो नहीं चाहते कि उनके बच्चों के सपनों को भी ये बहती नदी बहा ले जाए
16:29जब हमने शुक्षादिकारी से बात की तो उनकी आखों में भी दर्व साब जलक रहा रहा है
16:50बच्चों का संघर्ष को महसूस तो कर सकती है लेकिन अफसोस कि उनके हाथ भी बंदे हुए
16:56कि ये बच्चों को जो स्ट्रगल करना पढ़ रहा है स्कूल में आने के लिए उसमें जरा पॉजिटिवली चेंज कैसा लाया जा सकता है इसके लिए इसलिए मैं यहां पर आज हूँ इसलिए इसका पूरा अभ्यास करके मेरे साथ मेरी टीम भी है हम सब ये सब परिस्तिति
17:26मिल बैटके इस पे कोई न कोई तो हल निकलेगा ये मुझे आशा है
17:32इलाके के पूर विधाय कहते हैं उन्होंने कई बार सरकार से गुहार लगाई लिकिन सरकार ने कभी उनकी सुद नहीं दे
17:40वहाँ पर जो बच्चे स्कूल के टायर के ट्यूपर बेटकर नदी क्रोस करते हैं नदी को पार करते हैं वहाँ पर जो आज बिडियों आया है आज तक के माध्यम से वो बिल्कुल सही है
17:52लेकिन ये परसी क्यों आई जब मैं विधायक था मेरे वो टायम में हमने शत्तादरी पार्टे के साथ हम लोग गए नहीं उनमें शामिल नहीं हुए इसके लिए मेरे विधानसवाशतर के धाई सो करड़ के विकास काम इन्होंने रद कर दिये ये पुल भी उसमें उसमें �
18:22उनका बुनियादी अधिकार और सुरक्षित शिक्षा का रास्ता नहीं मिल सका है अगर अभी सरकार ने आखे नहीं खोली तो संभभ है कि अगली ख़बर किसी हाथ से किना सुननी पड़े और तब सरकार भी सिर्फ मुआवजे का एलान कर पाएगी