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00:00प्रॉटोप झाल
00:23प्रॉटोप झाल
00:27कर दो कर दो कर दो कर दो
00:57तुपही डायल के लिहा नंबर बंध रहे रूबया तोड़ा ने पुन्हा परायत न करत
01:15अपकी द्वारा डायल किया हूँआ नामाल अब यह बंध है
01:19जो लगे उसेफैत days
01:20माह दोखुँ निदी का फोन भना रहा है
01:22अशिश का पोन भूब होब्स क्ट्राइकिल के जो में है
01:23ख़र मैने दोनों को फोन लगाया ही था तभ
01:26तभी दोनों के फोन भन थे
01:28पथ बतु मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है
01:31यह मुणतन है चांपर आख अशिष के पापा का फोन गई आख सकता है अशिष्वन निदि रिटिका और आर्यन गूलें कहीं बाहर गया राए है यह हो सकता है उसके घर कहीं हुरू गुरूगराम में गया है
01:38वाँ दिल्ली आया है क्या?
01:48दो दिन से में उने फोन लागा रही हूं, तोनों के फोन बंद आ रहे हूं
01:52नहीं तो, आने वाले थे क्या वो लोग?
01:55यह अजिन अजिन आशिश ने तो मुझे इस बारे में कुछ बताया नहीं
01:58और ऐसे कैसे दोनों का फोन बंद आ रहा है?
02:01आपकी कुछ बात हुई थी इन दिनों उन से
02:03उन्होंने कुछ बताया था ऐसा कि कहीं बाहर जाने का प्रोग्रम बनाया हो
02:07और गायतरी जी एक अफता पेले मेरी आशिश से बात हुई थी
02:10वही हर बार की तरह हालचाल जानने के लिए बस
02:13मेरी भी चार दिन पहले बात हुई थी निदी से
02:15बातों से लग रहा था कि वो परेशान है
02:18और अब दो दिन से उनके फोन भी बंद आ रहे
02:20कुछ हुआ था का गायतरी जी निदी परेशान क्यों थी?
02:24आशिष ने दैने मैं कुछ मुछे बताया भी ने
02:28कोई जिक्र भी ने खिया उसके बातों से लग रहा था कि वो परेशान हαι
02:31अब उसने कुछ बताया नहीं
02:32अब मुझे भी चिंता हो रही है गायतरी झी
02:33दोनों का फोन ऐसे बंद नहीं रहता है और दोनों बच्चे का है
03:03की आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपके आपक
03:33वे पर मिल भी चुके हैं।
03:34कॉन नीटिया?
03:35आशिश की वाइफ?
03:36ओ हाँ अतुल, कैसे हो?
03:37हाँ मैं ठीक हूँ मैं जोदपुर में हूँ
03:39मैंने इसलिए फोन किया था कि
03:40आशिश आशिश आशिश तो पिछले दो तिन से आशिश ने आया
03:43और उसन नाइः किसी को कुछ बताया है
03:45यहाँ अएथ कि उसने आशिश ने बास नितीन को भी कोई इंफोमेशन ने ने दी
03:48मैंने काहा हुआ इससे के जाने से पहले नितीन सर को बता के जाए
03:52वो कहीं जाने वाला था?
03:53कुछ बताया था?
03:54कुछ बताया है?
03:55हाँ, फोन आया है उसका दो दिन पर लिवेक, मैं निदी और बच्चों को लेकर महाबलेश्वर जाना हूँ चार दिनों के लिए अज पूरे वेस्टन डिविजन सेल्स टीम की मीटिंग आउफिस और तू बोल रहा है तू महाबलेश्वर जा रहा है?
04:05प्लान अचानक बना, मैं चेंज नहीं कर सता, मुझे जाना पड़ेगा
04:08कब बनाए प्लान? कल तो दूने इसके बारे मेर वो कुछ नहीं बताया है
04:12और यह मीटिंग तो पिछले दो अफते से फिक्से है
04:14अचानक मुझे जाना पड़ेगा तू किसी तरह मैनेज कर लेना हमाँ पर
04:17तो एक काम कर तू मुझे नहीं नहीं नहीं नहीं बता देता हूं सर को
04:21तू बता देना सर को
04:22और क्या बुरू तो इतनी इंपोर्टन मीटिंग छोड़ के माबलेश्वर गुमने जाना है
04:25तू माबलेश्वर तू गुमने जाएगा और बॉस की डांड मैं सुनूगा
04:30ठीके रहने ते नहीं बता देता हूं सर को
04:33लेकिन अद्डू अशिष ने नितिन सर को कुछ बताया है नहीं बनाबात की चला गया
04:36और यहां अकेला सारी प्रोल्म मैं जहल रहा हूं
04:38महाबलेश्वर में कहा रुकने वाले थे कुछ बताया उसने नहीं कुछ नहीं बताया अशिष ने बस इतना ही कहा था के चार दिनों के लिए वह महाबलेश्वर जा रहा है
04:45है
05:03कि अब जुक्त
05:07सर्य जोब यह निदी शिर्मा और ये उसका पति आशी शिर्मा और यारे नोरे दिगा आप नहीं के घर पे चाके है
05:14दिया था सर, महा ताला लगया सर, सेक्यूरिटी और पडोसियों ने बताया कि कुछ दिन से उन लोगों ने देखा ही नहीं ये इनको
05:19महा बलेशवर में ये लोग रुखने वाले कहा थे, पहले भी कभी गये हैं महाँ
05:23सर, आशिष ने अपने कलीग विवेक को सिर्फ इना बताया था कि वह माँ जाया हमें तो इस वेकेशन के बारे में पता ही नहीं था
05:28कहां रुकने वाले ही कहा से बता होगा सर
05:30हम बच्चों के स्कूल भी गए थे सर, वह भी कोई इन्फरमेशन नहीं थी
05:34महाँ बलेशवर का एक एक होटल चेक किया गया लेकिन फुलस को ना आशिष शर्मा या निधी शर्मा के नाम से कुल बुकिंग मिली और ना ही उन्फर को एक ख़बर थी
05:49मुंबई से महाँ बलेशवर तक के टोल नाका के सीसी टीवी फुटेजेस से भी कोई लीड नहीं
05:58अशिष की कार ने कोई टोल नाका कभी क्रॉस ही नहीं किया था जो उन्हें महाँ बलेशवर ले जासे था
06:19जो अशिष की है या अशिष नहीं दिखे नहीं है
06:47हो सकते है सर लेकिन मैं पक्का नहीं बूल सकते हैं कि मुझे नहीं बता हूँ दोनों कॉन सा है मोवाईली उस पर दो करा हूँ हम फार्मा प्रोड़क्स में डील करते हैं और आशिष हमारी कंपनी में सीनियर सेल्स मैनेजर है वो शुरू साही अपने काम में बहुत एफि�
07:17जब उनकी निदी से बात हुई वो काफी परेशान लग रही थी नहीं सर मेरी जब आशियस से बात हुई तो मुझे कुछ ऐसा लगा नहीं मेरा मतलब है हो सकता है ऐसा कुछ हुआ भी हो पर मुझे महसूस नहीं हुआ और अगर वो परेशान था भी तो अचानक यू एक द
07:47नहीं मिली थी पाफ जुलाय की दुपर को से बच्चों को बस्टॉप से लेने आई थी हमारी बात भी हुई ने तो कोई जिकर नहीं किया माफलेशर के बारे में कवीताजी क्या हाल फिलाल में निदी ने आपसे कोई ऐसी बात कही हो जिससे आपको लगा हो कि वो काफी पर
08:17तो एक दिन में अपने पुझा के साथ आरेन को भी ले जाती हूँ एक दिन का फ्री ट्रायल और्गनाइज कर देती हूँ आरेन के लिए सच में ऐसे मैक्स टीचर कहीं नहीं मिलेंगे अच्छा ठीक है माशीश से बात करते हुए हमने बस बुजमर्रा की बात की थी उन लो
08:47और निदी की बीच में जगड़ा वगएरा हुआ था कि मैंने तो कभी ऐसा कुछ भी नहीं देखा है मैं तो काम करके चली जाती है छे तरीकों भी आई दी काम करने के लिए तो वह वाच्वर्ण रमेश न उस ते बोला साहब और मैडम बच्चो लुकतब कही बाहर गया है
09:17मुझे पक्का यादें सर ये छे जुलाईगा फोटेश टास्फर किया है पेंटाइम में इसमें चारो दिखाई दे रहे हैं आशिश उसकी वाइफ निदी और उसके दोनों बच्चे आरेन और इतिका मैंदर जी के हस्बंड वाइफ के वीच में किसी किसम का कुछ थेंशन
09:47उसके बारे में मैं नहीं बता सकता है इसे राम तो और बच्चे तो घुमने फिने के लिए काफी एक्सेटेटर रहें और यहां पर वी बच्चे एक्सेटर लेकिन आशिश उन निदी इनके चेहरों को देखके लगता ही नहीं कि यह लोग खूश है अब खुश है अब ख�
10:17महाबलेश्वर, वहां तो यह पॉंचे नहीं हमने अपने तरफ से महाबलेश्वर का हर एक होटेल, लॉच्ट, सब जगा चेक कर आए हमने सर्च ओपरेशन तो लॉच्च कर दिया पर किसी भी बाहरी खात्रे की संभावना नजर नहीं आ रही है तो साफ है कि महाबलेश्�
10:47लेकिन निदी और आशिष, वो तो खुश नहीं, और हो सकता है बच्चों को भी कुछ ना बता, यसे आप लोगों को कुछ नहीं बता, किसी खत्रे में तो नहीं है सिर, मुझे सच में उनकी बात फिकर उड़ी से, वो भी सकते है, और आप लोगी बहतर बता सकते हैं कि अ�
11:17पहले ही पैरेंटीचर मेटिंग थी, निदी भी आई थी उसमें, उसको देखकर बिलकुल ही लग रह था, वो थोड़ी भी परिशान है, वो लग 6 जुले को निकले थे, उसके 4-5 दिन पहले रितिका और आर्यन के बरताव में कोई बदलाव, नहीं माम, कोई भी बदलाव �
11:47आज आए ज़ा आएगा, नहीं मातलब अलेश्वरतन नहीं करे और आशिश ने विवे को बोला था उस सिर्फ एक बहना ही था
12:17कि इस तरव कहां जा सकते हैं लोग एक तो यहां से सर्फ गुजरात जा सकते हैं यह फिर घुडबंदरों से राइट लेके नासिक से नासिक साइड में जो तोल लागा है महां की सिक्ष जुलाई की सिसी टीवी फुटेज मंगा ले और गुजरात बॉर्डर पर इंफॉर्मे
12:47तुम नासिक यह जा रहा है कि दोनों बिना किसे हो कुछ बताय हुए तहीं क्यों जाएंगे निदी ने मात को कुछ नहीं बताया कि यह है कै वह ज़ खाय उसकी बातों से मुझे इसा लगा कि वह परेशान है और मैंने उसको पूछा भी उसने कहां कि ऐसी कोई बात नहीं ह
13:17तो तो ठीक है ना? कोई परिशानी है क्या?
13:23हा माम मैठी, बार-बार एक ही बात क्यों बूछ रहे हैं?
13:26कुछ तो बात है, तो इतना चिट-चिड़ा कर क्यों बोल रही है?
13:29मैं चिट-चिड़ नहीं कर रहे हूं, बस थक गई हूं
13:31अब बिना मतलब के मेरी चित्दा करना छोड़ते मां
13:34और कुछ बुलना है या में फोन रखो
13:37मुझे ऐसा लगा कि आशिस से उसका कोई जगडा हुआ होगा
13:41इसलिए परेशान है और बताना नहीं चाहती
13:44गायतरी शी अपके बेटी और दामात के बीच कोई अन्मन थी
13:47या वो दोनों खुश थे साथ
13:48थोड़े बहुत जगड़े तो होते थे
13:51ऐसे जगड़े हर गर में होते रहते
13:52अशिश और निदी के बीच में अगर कोई जगडा होता भी था
13:55तो वो दोनों अपस में सुलजा रहे थे थे
13:57मा, रवेंदर अंतर, अब बात आम जगड़े की नहीं है
14:01वो दोनों गायब हैं बच्चों के साथ
14:04अब किसी से भी कुछ भी चुपा के क्या फायदा
14:07तो अब तक बहुत कुछ चुपाया गया है अबसे
14:09क्यों अतुल नहीं मैं ऐसी बात नहीं है
14:12अचली आशिश और निदी के बीच में दो मेने में काफी जगड़े बढ़ गए थे
14:16और निदी मा को भी कुछ नहीं बताती थे
14:18जब उसने खुझ से कुछ नहीं बताया तो आप लोग क्यों अंदाजा लगा रहे कि जगड़े बढ़ गए थे
14:22रवेंदर कल आप ही बताईए ना जो मुझे बता रहे थे
14:25क्या बात है रवेंदर की अगर कोई भी बात है तो छुपाईएगा नहीं
14:29शायद अपकी कोई बात हमें आपकी बेटे बहू और उनके बच्चों तक पहुचा सकती है
14:33मडम अतुल सही कह रहा है पिछले दो मेने से अशीश हम से ठीक से बात ही नहीं करता था
14:40उसके दिमाग में जरूर कुछ चल रहा था हां तो अपने काम को लेकर भी तो परेशान हो सकता है ना
14:45लेकिन ये साल पहली बार हुआ है कि नीधी बच्चों को लेकर छुटियों के महिनों जोद्पुन नहीं आई हाथ अगर वो आपके यहां नहीं आई तो इस पर वो गुरुग्राम भी तो नहीं आई अरे लेकिन
14:54एक मेंने टेक में इस जगडे का कारण था क्या यही तो नहीं पता मैंड़ ना मागो कुछ ठीक से पता है ना रविंद रंगल कुछ ठीक से पता है आशिश और नीदीन ने इस बारे में किसी को कुछ पता है नी तो दो महने पहले तक सब कुछ ठीक था
15:07बताये अब सब � cabin, दो माहीने पहले तक सब कुछ ठीक था. हमें तो सब कुछ ठीक ही लग रहा था दो महीने पहले तक.
15:19मैंडम उन दोनों के बीच में जो कुछ भी चल रहा था उन्होंने हमें कुछ नहीं बता
15:23पर ये बात पक्किया कि कुछ तो ठीक नहीं था उन दोनों के बीच में
15:27परिशानी कि कोई वज़ा तो थी
15:28दही सर टोल नाके से आशीश की कार की फुटेज मिलने के ठीक एक दिल बाद
15:47ठाने डिस्ट्रिक के मनोर के जंगलों में आशीश की कार मिलने की ख़बर आई
15:51वापर देखा सकती है
15:53सर्ण नामे यह गड़ी उदरी खड़ी में यह थे अंदकर नजार पह प्यान के लाशे मिली तो
16:01करीब एक गंटे पहले यह गड़ी यह लोकेट वी
16:23सर वो जब चौथा अदमी यह आशीश शर्मा उसकी लाश अवितल नियुक्त
16:27सर अशीश शर्मा की लाश नहीं मिली यह लेकि तलाश जारी है आखिर इस वैमली में ऐसा हुआ कि इसने जबरदस्ति कुछ किया होगा
16:41सर अशीश शर्मा की लाश नहीं मिली यह लेकि तलाश जारी है आखिर इस वैमली में ऐसा हुआ कि इसने जबरदस्ति कुछ किया होगा इसा लग तो नहीं रहा है सर चांसा सही है कि एक सुसाइड काओ उरी फैमिली ने एक साथ लेकिन सिर्फ आशीश की बोड़ी ने लेक
17:11हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ हुआ ह
17:41इन्हें देखके लगता है कि इन्हें जहर देके मारा गए
17:43क्राइम स्पोट पे हमें चोकलेट का बॉक्स मेरा उसे एनलेसिस के लिए अपने लाब बेज देख देख
17:48इन्हें जहर देख? लगता तो ऐसे ही
17:51पोश्मोटम रिपोर्ट के बाद ही हम कुछ कंफर्म कह सकते हैं
18:21पार्टा साव हमाई तालाश जारी है आज भी तीन डाइवर्स गया नदी में लेकर अमें कुछ मिला नहीं चाहा है
18:27इस केस में काफी कारवड़ तुसाइड है या फिर मदर को सुसाइड करूप देखकर हमारे सामने परोज दिया गया है
18:35मौत की वज़ा सिवियर पॉजनिंग है इन सब को जहरीली दवाई दी कई थी दवाई थी दवाई
18:40किसी ड्रग कंपोनेंट काम इस ही उसकिया गया है
18:44हाँ इस्तिमाल किया गया था बच्चों को यही दवाई दी कही है
18:48हाँ आपको एक चॉकलेट का बॉक्स मिला था यस दवाई शायद उसी में मौजूद थी
18:53बच्चों को मुश्किल से 5 मिट लगे होंगे कोलाप्स करने में
18:56और उनकी माँ को लगबग 10 मिट लगे होंगे
18:59और मौत उसके तुरंद बाद ही हो गई
19:01ऑफिसेर आपका अंदाजा बिलकुल सही
19:11चॉकलेट में मौजूद वो भी काफी ज्यादा क्वटी
19:15यह जो बंदा आशिश शर्मा फर्मा कंपनी में काम करता है
19:18तो पका इस ड्रक के बार में जानता होगा
19:20इंफेक्ट हो सकता कि इसकी कंपनी इस डिस्टिबूटर हो
19:24हाँ सर हमारी कंपनी इस डिस्टिबूटर है
19:27आशिष सेल्स में था और इसके बारे में जानता था
19:31सर यकीन ही निया तब कि आशिष इस तरह खुद की और अपने परिवार की जान ले सकता है
19:35आशिष नब ने बीवी और बच्चों को मानने के बाद खुद सुसैड किया है या नहीं
19:39या अब तक लियर नहीं है
19:40हमें सिफ उसके बीवी और बच्चों की बॉड़ी मिले
19:42इतना क्लियर है कि उसने और जहरीले चॉकलेट्स क्राइम सीन पे नहीं कर इसलिए या तो आशिष या उसकी डेड़ बॉड़ी अब तक मिसिंग
19:48अरे अरे अरे अरे अरे नितिकर येलो
19:58पापा, उचे बर्गर चाहिए, मुझे भी लेकिन पापा आप मुझे तो बाता हम हाइवे पर रूख कर बर्गर खाएंगे
20:05दिस पापा, मुझे बर्गर ही चाहिए
20:07पटा, उसमे थोड़ा ताइम तब तक येलो चॉपलेट्स खाँ
20:10पापा, लेके न हम यहां क्यो रुके हैं?
20:13वेटा, पापा थोड़ा थग गए, थोड़ा सा बस ब्रेक लिया है, ना, थोड़ी देर के बाद चले, बहुत दूर जाना है ना यहां से, यहां, खाओ
20:40यह रिए, रहाँ जाना है, यहां ुपि!!
20:55आस्थिया पाद में, यहां, इससमें लापने।
21:01झाल झाल
21:31परिवार में ऑफिस में और आस परोस में किसी को इनके घर की असली हालत की ख़बर नहीं है पर सिचुएशन किस हद तक बिगड़ गई थी कि सुसाइड गरने की नौबता और किसी को बनत तक नहीं लगई ये सुसाइड को पूरी प्लैनिंग के साथ अंजाम दिया गया और �
22:01आशीश और निधी के परिवार और जान पैचान वालों के अलावा पूरा शेहर ही इस विचित्र सामोहिक आत्मत्या के केस के बारे में सुनकर हैरान था
22:26कई अनुमान लगाय जा रहे थे लेकिन सब के सब सच से कोसों दूर थे
22:31तीन लाशे मिल गई थी लेकिन चौथी लाश का कोई नामों निशान नहीं था
22:37इसलिए ऐसा भी हो सकता था कि आशीश शर्मा जिन्दा हो और गायब हो
22:42इस भयानक जुर्म को अन्जाम देने का कोई ठोस मकसद अब तक सामने नहीं आपाया था
22:47अगर मुझे पूछी जानकरी तो मैंने देवां कर दोस्तों आपको अपको शिचार मां के कंपनी एउस के सिय से बात करनी जाए है
23:06हाँ इस हाउसिंग लोग के अलावा उसके चार एपडिस एक मुचल फोन अकाउंट और एडिमेट अकाउंट भी है
23:11अगर मुझे पूछीए तो मुझे नहीं रखता आशीश शर्मा किसी तरह के पाइनेश एस्टेस में
23:16सर पिछले छे मेनों में कंपनी के काम के सिलसले में आशीश, भूनेशर, कॉलकता, लखनो और पटना जाते रहें
23:24कहीं सभी जगहों पे अकॉमडेशन आपकी कंपनी रेती हैं?
23:26जी हाँ, सारे डीडेल्स हैं हमारे पास
23:28सर, MN Group of Hotels
23:30जब भी कोई अंप्लोई कंपनी के काम से बाहर जाता है तो यह ही रुखता है
23:34क्या आशीश पर काम या परफॉमेंस का कोई स्ट्रेस था?
23:36काम का और परफॉमेंस का स्ट्रेस किसके उपर नहीं होता
23:39मेरे उपर है विवेक और कंपनी के पूरे स्टाफ के उपर है
23:43पर उसके उपर अलग से ऐसा कॉन सा स्ट्रेस था यह समझ में नहीं आ रहा
23:48पर अगर सर उसको कोई स्ट्रेस था भी
23:50तो प्रेस था भी, कोई टेंशन थी भी, तो किसी से वो बात करता, इसी को बताता.
23:55और सर, आपके कहने पर मैंने हमारे सारे क्लाइंट से बात भी किये,
23:59स्पेशली जिनके साथ आशिष डील करता था, लेकिन उनमें से भी किसी ने नोटिस नहीं किया कि आशिष परेशान था, ऐसा भी क्या टेंशन थी, कौन सा स्ट्रेस था जिसके चलते उसने पूरे परिवार को मार दिया, बच्चों तक को नहीं चुना.
24:10सर मैने अशिष और निदी के बैंक स्टेट्मेंट और फिनैंशल डीटेल्स को बारी किसे स्टडी किया, कही कुछ गडबर नहीं लगता, वोई ऐसा ट्रांजक्शन ही जो गलत या गैर कानूनी है, जैसा बैंक मैनेजर ने हमसे कहा था, फैमिली में पैसों को लेकर कोई प
24:40और अगर ये सुसाइड नहीं मर्डर है तो, जो कि शायद आशिष ने बहुत सो समझ के की, मर्डर नहीं लगता, यही तो अजीब बात है, पोस्ट मॉटम रिपोर्ट में ये साफ साफ लिखा है, कि तीनों बॉड़ी पर स्ट्रगल मार्क्स नहीं है, निदी, आर्यन, रि
25:10घर में इतना कुछ हुआ, और हर कोई एक ही डेट लगा रहे है, इसे को कुछ नहीं बता, सर, होपफुली आशिष हमेज जिन्दा मिल जाए, क्योंकि अगर उसकी भी डेट बॉड़ी मिल तो, शायद एक केस हमेशा के लिए अंसुल जा रहे जाए, और मकसद कभी सामने ही
25:40विक्टिम्स के परिवार वाले उनकी आत्मा की शांती के लिए पूजा तो जरूर कर रहे हैं, पर उन सब की मौत हुई क्यों, यह अब तक एक रहस से ही है
26:10आशी शर्मा जिन्दा था और दरदर भटकाद, दिशाहीन और निर्ची
26:40हम सब गले में पंदा लगा कर पंके से लठक कर मर सकते हैं
26:50पहले बच्चे, फिर तो, फिर मैं
27:10निदी, हम सब जाकर नदी में कूद कर अपनी जान देंगे
27:18यह अशीश, यह नहीं होगा मुझसे
27:21निदी, यही सब से आसान तरीका है, सब साथ में मर जाएंगे
27:26नहीं, नहीं
27:28समझने की कोशिश करो
27:31इसके अलावा, जो भी तरीका होगा, वो बहुत तर्दनाक होगा
27:35हम सब की बरदाश्ट के बाहर
27:39हमारा तो ठीक है, बगर बच्चों का क्या हो
27:43निदी, निदी, निदी
27:48प्लीस मेरी बात समझो
27:50नदी में कोशिश के जानने नहीं सब से सही रहा
27:52नहीं आजीश, नहीं
27:54प्रस
28:20पुलिस पूरी जद्दो जहद के साथ आशीश को आसपास के सभी शहरों में ठून रही
28:30लेकिन आशीश इसी शहर मुंबई में भटक रहा था और अब तक पुलिस के नजर में नहीं आया
28:36एक रेप्यूटेट फार्मा कंपनी का एफिशेंट एंप्लॉई आशी शर्मा लोगों के दिये गए दान फिक्षा पर जी रहा है
28:46शायद उसने जो किया था उसके लिए वो खुद को दोशी मान रहा था शायद उसे अपने किये पर पच्चतावा हो रहा है
28:54कि अ
29:04आलो.. विवेक
29:09अशिष
29:11थक गयाओं मैं cheap
29:13थक गयाओं भटकते भटकते
29:15तू है कहां है
29:17मैंने तीनों को वाड़ डाला
29:20निदी, रिदिका, आरियन
29:22सबको खतम करा
29:24अशिष तू है कहां इस वकत ? बोला
29:27समझ में नीत रहा है कहां जाओ हां
29:29क्या करूँ?
29:30आशिष, तू कुश्मत कर, तू मुझे ये पता, तू है कहाँ, मैं आता हूं तुझे लेने के लिए
29:33तुरी सोसाइटी के पास तुरी घर के सामने वाली दुकान पार
29:48आशिष, आशिष, ये तूने क्या कर दिया?
29:52क्यों किया?
29:53जिस तो बोल
29:54पर ये क्या होगे है तुझे?
30:00मा, अभी अभी फोन आएगी आशिष, मिल गया है
30:03या, उसने कुछ कहा, क्यो बाह डाला उसने सबको?
30:06उसने भी तक इसे कुछ ने पताया मा, मैं भी मुम्भी के लिए निकल रहू हूँ
30:10रवेंद रंगल और कल्पराइटी भी महां पहुच रहूँ ने
30:13क्यों आशिष, ऐसी क्या मजबूरी थी जिसने तुम्हे अपने परिवार की जान लेने पर मजबूर कर दिया
30:18हम दोनोंने मिलकर ये फैसला लिया था
30:22प्लान मनाया था आत्माहत्या करनेगा
30:24कई सारी तारीके टूंडे, सबसे असानी ही लगा
30:28जिससे किसी को भी तकलीफ नहीं हो
30:31मैं किसी को भी दर्द नहीं देना चाहता था
30:34नेदी भी मेरी बात बात गया
30:46तुम दोनोंने प्लान के तो सुसाइट का
30:49आखर क्या
30:50सर ऐसी जिनकी जीने का कोई फाइदा नहीं था
30:54मैं घुटगुट के नहीं जीना चाहता था
30:58सारी गलती मेरी थी
31:00नेदी और बच्चे बेकुसूरत है
31:02कैसी गलती अशिष?
31:03कौन सी गलती?
31:05आखर ऐसी कौन सी गलती थी?
31:06जिसने तुम्हें तीन दिंदे के लेने पर मजबूर कर दी?
31:13अशिष आराम से
31:15बैटो
31:18दिलो अशिष पाने को लोगा
31:19अशिष कितनी बार कहा है किसी अच्छी डॉक्टर से चेकप करवालो
31:25अच्छार दिन हो गया तो मारी उल्टी बंध होने का नामीनिंग ले रही है
31:29हाँ बाबा, करा लोगा
31:32खुद परेशान हो गया अपनी तबियत खराब होने के वज़े से
31:35आराम करो
31:50कि अच्छी शर्मा आशिष कर्मा जे
31:583500
32:03माम बता साथे इसमे क्या लिखा है
32:05यह आपको सिफ ड़क्टर साह भी बताएंगे
32:07मेरा काम सिफ रिपोर्ट देना है
32:19झाल प्राइब का घाल झाल
32:49अरे आशीश, नुम ने अब तक कपड़े नी बदले, चल्दी से कपड़े बदलो, खाना तयार है, मैं तब तक रितिका और आर्यन को खिला देती है, क्या होगा, तुम ठीक हो ना, शीश क्या होगा, कुछ बोलो कि, कुछ बताना है तुरे,
33:17अब अटाना चाहते हूँ,
33:23जब मैं ऑफिस के काम से पतना गया था, मैंने अपना चेकप करवाया था, और इस बार कॉलकता के ट्रित में फिर से सारे टेस्ट करवाया, मुझे लगा पतना के रिपोर्ट के गलताई हो, मकर दोनों जोगा के रिजल्ट एक है, नेधी,
33:47अब मैं हाईवी पॉसिटिफ।
33:51अशीश, लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है, ऐसे कोई हाईवी पॉसिटिफ तो नहीं,
34:03अशीश, क्या किया है तुमने, अब मैं नेधी से और जुट नहीं बोस सकता था,
34:17मुझे उसे सब कुछ सच सच बताना पारा, कौन सा जुट, ऐसा क्या था जो तुम अपने पत्नीं से छुपा रहे हैंगे,
34:23मैं कोठो पर जाय करता था, भार उस चहर में जहां कमनी मुझे काम से भेशती था,
34:30कुछ दिनों से, बल्कि कुछ महीनों से मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था,
35:00मैंने पहले भी टेस्ट करवाए था, लेकिन नीदी को बताने की कभी हिम्मत नहीं हुए,
35:07उसे क्या बता था, खुद मुझे ही यकीन नहीं हो रहा था, फिर क्रॉस चेक करने के लिए मैंने कॉलकाता में फिर से सारे टेस्ट करवाए,
35:15जो हो चुका था, मैं उसे बदल नहीं सकता था, लेकिन मुझे डर था कि मेरी गलती की वज़े से कई नीदी भी तो इस बिमारी की शिकार नहीं बन गई है,
35:24नीदी इस बात से बहुत नराज थी, परिशान थी, तूट चुकी थी, लेकिन हमारे हालात उससे भी ज़्यादा भायानत थे, मेरे साथ साथ अब वो भी खुट रही थी,
35:38आखिरकार मुझे नीदी को समझाना पड़, कि इस बिमारी के चलते हमारी जिन्दी का अंत, दर्दनाक ही होगा, और हमारे बाद हमारे बच्चे बिखर जाएंगे, अकेले रह जाएंगे,
35:54लगबख दो महीने तक इस समस्या के बारे में बात करने के बात, नीदी और मैंने ये तेह किया, कि ऐसी दुख और तड़ब भरी सिंदी की जीने से बहतर, मर जाना होगा,
36:09नीदी, हम हमारी फैमिलीज और बाहर समाज के लोगों को कैसे मूँ दिखाएंगे, इस बीमारी के नाम परी लोग घिन से देखते हैं, और आर्यन और रितिका उनका क्या, हमारे जाने के बाद क्या हाल होगा उनका, उनके माबाप की बीमारी का कारण जानने के बाद लोग
36:39हमें कुद को कादम करना होगा
36:40हमने मरने के कई तरीके ढूंडने की कोशिश की
36:47पिर ये तरीका साम में आया
36:50मैं अदमी को जानता था जिसके पास उसका स्टॉक था
36:54मैंने उसे जूट बोल दिया कि हॉस्पिटल में इमर्जनसी में इसकी जरूरत है
36:58और उसने वह बॉटल्स बज़े दी तुम सब के मानने का प्लान था पूरे परिवार जी तुम कैसे बच गए पिमारी तो तुम ही थी ना
37:08मैं ढर गया था सार लिम्मा थार गया तो मैं
37:28मैं डर गया है तो मजसे हमत ही तो
37:58मैं वह चॉक्लेट नहीं कह पॉप।
38:01लेकिन उसके बार भी नै अपनी जहानमेनी की कुशिश की तहीम
38:04मैं खुद को फास ही लगाने कए नेकिन मोरी नहीं कर पाया
38:08उसके बाद मैं कई दिनों तो यू ही बटकता रहा
38:19कि अब ज़र खुद कुमार्य की कोशिश भी कि अगर कभी हमत दे
38:24तर मैं गुनेगार अपने बीवी का अपने बच्चों का
38:28मैंने बहुत बेरह में से उने मर्ते होंगे तेखा है
38:32सब मेरी फजय से
38:36तो मेरे अचराभी के पॉजिटीफ blewest कउने है तो मेरे घटना अस्थाल पर तुमारे अचराभी ब॥ाधि ने कि अब क मदिफ ने कारवाया था
39:06तो उसे भी होगा.
39:07और बच्चे? उनका क्या? उन्हें क्यों मारा डाला?
39:11बच्चे बेक जूर्द है सर.
39:14उन्हें तो पता भी नीदा कि हमने क्या प्लाइन किया.
39:19लेकिल हमारे जाने के बाद कौन समालता उनको?
39:23मैं और निदी उन्हें अनाद बना कर नहीं जाना चाहते थी.
39:30समाज में जब सबको पता चलता कि उनके बाबाब को HIV पॉसिटिव है.
39:35जीना दुश्वार हो जाता उनका है.
39:37तुमने निदी के टेस्ट महीं करवाथे. बच्चों का कोई लेना देना नहीं थाएंसे.
39:41और तुमने उन सब की जिन्देगी खतम करने का फैसला ले लिया.
39:45मैं और निदी नहीं चाहते थे कि हमारे जाने के बाद हमारे बच्चे किसी भी परेशानी का साम लग गए.
39:51इसलिए फैसला हमने मिल कर लिया था.
39:53लेकिन निदी तो मर गए और तुम जंदा हो.
39:57तुमने अपनी बीमारी की वज़े से निदी को मौत के मूमे कूदने पर मजबूर की.
40:01तुम दर गए. तुम मुझे भी मार दीजे सर.
40:07मेरी वज़े से मेरी पीवी तेरे पच्चे सब चलेगी.
40:10मुझे भी जीने का हग नहीं है, सर.
40:16मार दीजे सर, मुझे भी.
40:19मुझे भी मार दीजे सर.
40:21सर, क्या बगवास कर रही आज़े?
40:22सर, मुझे इसकी बात में बिलकुल भी यकीन दी.
40:25सर, कुछ और ही हुआ है.
40:26कुछ और हुआ तो हम उसे ढून निका लें.
40:27यह मारे ले भी जाना जरूरूरी है.
40:29सर, ऐसा कैसे हो सब्सकता है?
40:31सर, इतनी बड़ी बात हो गई हुआ और उसने हमें कुछ भी ना बताया हूँ.
40:33सर, रिपोर्स का हैं इसमें लिखा है कि निदी अचाही भी पॉसिटिवी और आशीष की रिपोर्स का है?
40:38सर, मैं कहा रहा हूँ, बात कुछ और ही है.
40:40रिवेंदर जी वही कुछ हम भी पता का निदी को कुछ रिशिष कर रहे हैं.
40:42हम ने आपके बेटे को टेस्स के लिए भेजा है उसका कहना है कि उसने अपनी टेस्स रिपोर्ट जला दी और निदी को करवाई नहीं है.
40:48वेलाल उसने इतने हैका.
40:50सर जूट ओर है या की, सर वहत किया रहा है, सर उसने बच्चेोंको और निदी को मारने का,
40:57उसका सर खुद मरने का जब ही प्लैन थाही नहीं, इसने भार रके ला, अंते हुम्राइचाती.
41:01अम आशिष की टेस्ट की रिपोर्ट के अधिदा कर लें, कि आज जिद उसके बाद ही फाइल हो अशिष को टेस्ट के लिए भेजा गया ताकि उसकी सचाई का पता लगाया चाहसे कि या तो ये अशिष शर्मा जूट बोल रहा है या तो फिर इसे गलत रिपोर्ट दी गई ह
41:31सामने है नहीं बिलकुल नहीं और अगर ऐसा कुछ होता तुम्हें खुदी बता देती निदी अचाही में पॉजिटिव नहीं थी
41:36सरब तो रिपोर्ट भी सामने आए और ये साफ हो गया है कि ये बंदा सफेट जूट बोले ये पूरी इसकी प्लानिंग है बीवी को कंफिदेंस बिले कि बीवी और बच्चन को मार दिए और प्लान भी ऐसा बनाया है कि साफ भी मर्जय है और लाठी भी ना तो लेकिन किस
42:06की गई ताकि इस जुर्म का असल मकसद सामने आ सके ये पता चल सके कि आशीश जूट बोल रहा था या नहीं गहीं ऐसा तो नहीं था कि आशीश ने जान बूच कर अपनी पत्नी को HIV पॉजिटिव वाली बात पर यकीन दिलाया था ताकि वो निधी और बच्चों से अपना
42:36गए केस के ट्राइल के दौरान भी आशीश इसी बात पटे का रहा ये उसका और उसकी पत्नी का आपसी सहमती से लिया गया फैसला थी
42:45ट्राइल के बाद आशीश शर्मा को उसकी पत्नी और बच्चों के मरडर के चार्ज में उम्र कैद की सजा सुनाई गए
42:55निधी का परेवार समझ इन पा रहा था कि निधी ने उनसे बात क्यूं नहीं की बिना कोई जाच परताल किये उसने इतना भयानक कदम क्यूं उठाया
43:07आशीश के माता पिता भी अब तक इस बात को समझ नहीं पा रहे
43:10कि आशीश ने ऐसे कैसे इतने बड़े जुर्म को अंचाम दे दिया
43:15जबकि उसके पीछे का कारण बे मतलब था
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