00:00राजस्थान का हृदयस्थली अजमेर अप्रवासी पक्षियों का ग्रिश्म कालीन प्रजनन केंद्र बन चुका है।
00:16हर साल गर्मियों की शुरुआत के साथ ही हिमाले, उत्तर भारत, दक्षन भारत और श्री लंका से सुंदर पक्षी अजमेर पहुचते हैं।
00:25वे यहाँ पेरों पर घोसले बना कर अंडे देते हैं और मौनसून तक यहीं अपने बच्चों की देखभाल करते हैं।
00:32देखिए अभी मौनसून है तो इस वक्त एक अलग तरह की प्रवासी पक्षियों यहाँ पर आते हैं।
00:40जो सर्दियों में आते हैं शीत प्रवास के दौरान उससे यह बिल्कुल अलग है।
00:44तो यह यहाँ पर एक विशेश वातवरण है जैसे यहाँ पर जो प्लांट से वो अलग हैं।
00:51उन प्लांट से पर अपने वाले कीड़े अलग हैं।
00:53जो इन पक्षियों का प्रमुग बोजन होते हैं।
00:56तो वह आसानी से इनको उपलब्द हो जाता है।
00:58तो इस समय यह पक्षी प्रजिनन के लिए यहाँ पर प्रवास करते हैं।
01:02जैसे इंडियन पैराडाइस फ्लाइ कैचर।
01:04इसके दोनों जो आकरतिक रूप हैं।
01:07जैसे एक तो भूरे रंग वाला नर और एक सफेद रंग।
01:11दोनों प्रकार के पक्षी अभी यहाँ पर जो मैंने देखा है कम से कम 4-6 तक यह पक्षी यहाँ पर उपलब्द है।
01:18इसके अलावा एक बहुत मशूर एक फेमस बर्ड है हर बर्ड वाचर की एक आकरशक। उसकी एक इच्छा होती है कि इसका फोटो कीचे इंडियन पित्ता यह भी इस वक्षी पर ब्रेडिंग कर रहा है कम से कम 4 की संख्या में मैंने इसको भी नोटिस किया है।
01:33पक्षी विशेशग्य डॉक्टर आविद अली खान बताते हैं कि अजमेर की जैव विविद्दा और शांत वातावरन प्रवासी पक्षियों को आकरशित करता है।
01:43खासकर काजीपुरा की श्री गंगा भैरव घाटी, मदार, तारागढ़ और आना सागर जैसे इस्थान पक्षियों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।
01:52इस बार पहली बार इंडियन पित्ता और पैरेडाइस फ्लाइ कैचर जैसे दुल्ला पक्षि यहां प्रजनन करते देखे गए हैं।
02:22और उनको लेकर के फिर वापस चलेगा।
02:52दर्श बनाती है।
02:54श्रीगंगा भैरव घाटी को लेपर्ड सफारी के रूप में विक्सित किया जा रहा है जिससे भविश्य में अजमेर जैविक पर्यटन का बड़ा केंद्र बन सकता है।
03:02अजमेर से एटीवी भारत के लिए प्रियांग शर्मा की रिपोर्ट।
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