1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान संविधान में सेक्युलर और सोशलिज्म यानि पंथनिरपेक्ष और समाजवाद ये दो शब्द जोड़े गए थे। आरएसएस ने अब इन दोनों शब्दों की समीक्षा करने की मांग उठाई है। संघ में नंबर-2 की हैसियत रखने वाले सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द इमरजेंसी के दौरान संविधान में शामिल किए गए थे, ये कभी भी उस संविधान का हिस्सा नहीं थे जिसे बीआर अंबेडकर ने तैयार किया था होसबाले के इस बयान के बाद देश की सियासत में हलचल शुरू हो गई। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आरजेडी ने आरएसएस को घेरना शुरू कर दिया।
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