00:00एक दिन रुक्मिनी जी ने भोजन के बाद श्रीकृष्ण को दूध दिया। दूध अधिक गर्म था। जिससे श्रीकृष्ण के हृदय में जलन हुई और उनके श्री मुख से निकला। हे राधे। ये सुनते ही रुक्मिनी जी ने पूछा। प्रभू, ऐसा क्या है राध
00:30रुक्मिनी जी ने सोचा, यही तो राधारानी होंगी और उनके चरणों में जुख गई। तभी वहस्त्री बोली, आप कौन है। रुक्मिनी जी ने अपना परिचय दिया और आने का कारण बताया। वहस्त्री मुस्कराते हुए बोली, मैं तो राधारानी की दासी हूँ
01:00रुक्मिनी जी ने आश्चर्य से पूछा, देवी, आपके शरीर पर ये चाले कैसे पड़े। राधारानी ने शांत्स्वर में उत्तर दिया। देवी, कल आपने श्री कृष्ण को जो दूध दिया था, वह अत्यधिक गर्म था। उससे उनके हृदय पर चाले पड़ ग�