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  • 6/25/2025
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Transcript
00:00टुरिस्ट जो है वो मोसली पंजाब, हर्याना और डेली से आता है वो यहाँ पर आते हैं जैसे कराब पीने नशे करने और शोर मचाने पाटीज करने
00:09पहाडों की निर्मलता पर हमारी वासनाएं और ज्यादा विसफोटक रूप से प्रकट हो जाती हैं
00:16जो नालाइकियां बत्तमीजियां हम अपने शहरों गावों में नहीं करते हैं वो हम जाकर के परोतों पर करने लग जाते हैं
00:22परोतों पर जाते हैं इसलिए कि यहां करने को नहीं मिलेगा, वहां कर लेंगे, वहां पर हम कुछ पैसे देंगे, तो लोकल समय कुछ भी करने की आजादी देंगे, योग भूमी जिसे होना चाहिए, देव भूमी जिसे कहते हैं, वो भोग भूमी ही तो बना दिया हमने, पह
00:52लिया था कि मैं उत्रा खंड में ही कहीं कुछ ले करके बस जाओंगा मुझे लगता था मेरा घर है वो पर जो वहां पर मानसिक्ता हो गई है उसको देखकर लगता है कि वहां हूँ यहां हूँ अंतर क्या है

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