- 6/23/2025
Part- 01 परंपरागत अवधारणा (POL--समकालीन विश्व राजनीति--7--समकालीन विश्व में सुरक्षा)
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00:00:00क्लास में हम लोग चर्चा कर रहें एक नए चेप्टर पर और चेप्टर का नाम है समकालीन विश्व में सुरक्षा का क्या अब दुगाए हैं?
00:00:09समकालन इन विश्व में सुरक्षा का मतलब है कि 1950 के बाद जिस विश्व को हम समकालन विश्व के एकद पुकारते हैं उस में सुरक्षा किसे कहा जाएगा और सुरक्षा के लिए कौन-कौन से खतरे हो सकते हैं
00:00:22हम इस श्रक्तर के अंदर जहां सुरक्षा के परंपरागत खत्रों की चल्चा करेंगे, वही हम सुरक्षा के अपरंपरागत खत्रों की चल्चा भी करेंगे, परंपरागत खत्रों का मतलब है वे खत्रे जो की सदियों से एक व्यक्ति के साथ जुड़े हुए हैं, एक रास्त
00:00:52होए है या जुड़े हैं अब जैसा कि आप जानते हैं कि सबसे पेले हम स्चाणी से कहते हैं तो हमें ये पता होना चाहिए सबसुरख्षा का मिनिग कि रहें एक व्वक्ति जो बैर से बाहर निकलता है और शमय वहाँ रहता है हो सकता है प्यास्टे में चलते हो का उसका वो �
00:01:22बहुत सारे basic hit
00:01:35तो क्या है यह दो कि वी इस तुश्रीमें a इ सूरक्षा की बात कर रहे हैंघिए भी उचेश्जा हुर
00:01:44के इनसे हट कर कुछ और विशेस प्रकार के खत्रों देखेंगे इस स्वक्ष्ट्र केंदर परंपरागत डोनों ही खत्रों की चर्चा भी करेंगे
00:02:10और फाइनली हम देखेंगे कि क्या क्या तरीके हैं जो सुरक्षा के लिए अपनाए गए हैं
00:02:15तो करते हैं इस चेप्टर को स्थार्ट देखें
00:02:18सुरक्षा क्या है सबसे पहला यहां पर आप से प्रस्न पूछा जा रहा है
00:02:24कि सुरक्षा हम किसको कहेंगे हम सिक्यूरिटी की अगर बात करते हैं तो यहां पर हम कौन सी सिक्यूरिटी की बात कर रहे हैं
00:02:30कौन सी प्रड़क्शन की बात कर रहे हैं सुरक्षा का बुनियादी अर्थ खत्रे से आजादी है
00:02:34कि बुम्हें नियुक्प कि अधा है झहलो के नियुक्ता था मतलब थाथ नियुक्ता है है वह आता है कश्ष्ण
00:02:44पर आपिछी के अंदर पूछा जा सकता है कि इस राक्षा का का वुझन आफ्धर कर दिया है और ऑफ्र
00:02:55तो यहाँपर आपके सामने चार ऊक्षिन होगे, इसमें एक ऊप्षिन होगा, खत्रा।
00:03:02यह भी अर्थ मता होना चाहिए कि सामान्य सब्दों में गुन्यादी अर्थ जो है वो खत्रे से आ जादी है, अब इस यहाँआगे आपको,
00:03:09खत्रे का मतलब तो बहुत सारे खत्रे हो सकते हैं, तो यहां पर कौन से खत्रे से आ जा जा दी है, यह भी देखने की ज़रत पड़ेगी, जो लोग सुरक्षा का विशय का अध्यन करते हैं, मतलब एक्सपर्ट्स जिनको हम कहेंगे, अध्यन करने माले कौन होंगे, जो एक्स
00:03:39कि सुरक्षा को अगर हम यहां पर कह रहें सुरक्षा के खत्रे, तो किस से जांग केंद्रे मुल्यों को हत्रा हो, वो केंद्रे मुल्य क्या है, केंद्रे मुल्य है किसी भी देश की संप्रभूता, किसी भी देश की अखंडता, अगर इस पर कोई चोप पहुचाने की कोशि
00:04:09एक डेस की सुरक्षा जरूगी होती है
00:04:11इसलिए जब हम केंद्रे मुल्यों की बात करते हैं
00:04:15तो केंद्रे मुल्यों का मतलब होता है
00:04:16समप्रभुता, स्वतंत्रता, शित्रिय अखंडता
00:04:20इनको हम केंद्रे मुल्य कहकर पुकारते हैं
00:04:23सुरक्षा का रिस्ता ऐसे गंबीर खत्रों से है जिनको रोकने के उपाय न किये गए तो किंद्र मुल्यों को अपूरुनियक्षति होगी
00:04:32यहां एक सब्द आया है अपूर्णिय क्षति
00:04:35अपूर्णिय का मतलब होता है जिसके पूर्थी न की जा सके
00:04:39वो अपूर्णिय कहलाता है
00:04:41अपूर्णिय का मतलब क्या है?
00:04:47जिसकी पूर्थी न की जा सके
00:04:49जिसकी पूर्थी न की जा सके
00:04:55पूरती न की जा सके उसुत व्य पहीए अभ कुछef तो अगर हमने ऐसे खत्रों से समय करते सुरक्षा प्राप्थ
00:05:14नहीं फाले म portfolio गीता जूटी ब कुली कि नहीं है भारत पर ंधेश्य खुरलिटे मुन्हेर ईंता अृवाभ dul
00:05:24यहां पर मुगलों ने 200 वरसों तक सासन किया लगभग 400 वरसों तक लगभग 400 वरसों तक
00:05:38विदेशी सक्ता के अधीन रहे इतना ही नहीं इससे पूर्व भी कई विदेशी आक्रमन कारी समय समय पर भारत में आते रहे और भारत पर लंडे समय तक उनका अधि पत्य रहा
00:05:49रहा हम अपनी संप्रभुता को नहीं बचापा इसलिए हमने लंबा समय जो है वो गुलामी में विताया है हमने विदेशी सासना दिकारी जो थे या विदेशी जो अकरांता थे उनके अधीन एक लंबा समय गुजारा ये क्यों हुआ और इस दौरान हमने बहुत सारा अत्या�
00:06:19बिना किसी कारण के मौत के घाट उतारा गया अमानवी अत्याचाथ जिनको कहते हैं जिनको यातनाएं कहा जाता है वो भी हमने लंबे समय तक भुखती क्यों इसलिए क्योंकि हम अपने इनी केंद्रिय मुल्यों को बचा नहीं पाये थे जिनको हम सम्प्रभुता स्वतंत्
00:06:49सावरेंटी और जिसका हिंदी मिनिंग निकलकर आता है सर्वच सक्ति क्या अर्थ निकलकर आता है सर्वच सक्ति सम्प्रभुता का मतलब है एक देश की सर्वच सक्ति जो होती है जो देश को संचालित करती है जो राज्जी को संचालित करती है उसे हम सम्प्रभुता कहकर �
00:07:19लिए जाते थे लेकिन 1947 से भारतिक संप्रभुदेश बना यानि कि हम आंत्रिक और बाहरी शेत्र में अपने लिए स्वयम लेने की स्थितिव आये इसको कहा जाता है संप्रभुता दूसरा सब्द आया है स्वतंतरता देखें स्वतंतरता अंग्रेजी भासा का जो लिबर्ट
00:07:49जितने भी दुनिया के देश हैं वो किसी ने किसी सत्ता के अगर अधीन रहे हैं तो स्वतंतरता के लिए वहाँ पर एक लंबा संगर्ष चला है लोगों ने आजादी के लिए अंदोलन किये हैं उन खराबा हुआ है लोगों पर अत्याचार भुए हैं लेकिन फिर भी अप
00:08:19हमने एक लंबे समय तक संगर्ष किया अंग्रेजों को भारत शोड़कर जाने के लिए मजबूर किया क्योंकि हम अपना देश्म लेना चाहते थे हम अपनी आजादी चाहते थे तो स्वतंतरता कितना इंपोर्टेंट है कि उसके लिए इतने सारे अंदोलन हुए हैं कि किसी
00:08:49आसे बसे कहते हैं कि राष्त्रु के अकमतल मतले चाहते हैं कि अब जानते हैं ही भारत के लिए जब भात को खंडित करने की कोशीश थी और लग्यर Spicy
00:09:08हम जब आजाद हुए थे तो उस समय तो हम वैसे भी दो देशों के रूप में आजाद हुए थे भारत एक था उससे अलग करके पाकिस्तान बना दिया गया आजादी के बाद मिजवम नागालेंट इन दौनों जगों पर स्वतंत्र होने के लिए अंदोलन चला फिर पंजाब
00:09:38कोशिस की है कि हमें ऐसे खत्रों से बचना चाहिए क्योंकि यह खत्रे वह खत्रे हैं जो अपूर्णी एक शती पहुंचा करके जाते हैं एक बार इन्हों नागर हमें शती पहुंचा दि तो फिर हम पूर्दी कभी नहीं कर पाएंगे
00:09:54कि सुरक्ष्या की विभिन धारनाओं को दो कोटियों में रख करके समझा जासकता है और वो दो कोटियां क्या है परंपरागत धारना और दूसरी है अपरंपरागत धारना देखें जहां जहां मैंने आपको कहा है कि प्रश्णा बंता हुए डारेक्ट कुछन पूच्छा �
00:10:24और आपसे प्रशन पूछा जा सकता है कि सुरक्षा की जो अवधारना है उनको कितनी कोटियों में विभक्त किया जा सकता है और वो दो कोटिया कौन-कौन सी है एक है परंपरागत धारना और दूसरी है सुरक्षा की अब परंपरागत धारना अब हम परंपरागत धारना को स
00:10:54को हम दो भागों विवक्त करते हैं एक बाहरी सुरक्षा एक आंत्रिक सुरक्षा परंपरागत धारना को dalam
00:11:04आंत्रिक और बाहरी दोनों में विवक्त करते हैं लेकिन कुछ और ऐसे तत्व भी अनलग
00:11:14हम अलग से करेंगे, तो यहां पहले हम परंपरागत और द्हारणा की चर्चा कर लेते हैं।
00:11:19परंपरागत द्हारणा किस द्हारणा को कहा जाएगा? जो की सदियों से चली आ रही है।
00:11:25और सदियों से चली आ रही धरणा। वाले अर्थ जो लेती है बहारी सुरक्षा से,
00:11:32और बहारी सुरक्षा का मतलब होता है किसी एक देश के द्वारा दूसरे देश पर आक्रमन करना।
00:11:37आप सभी जानते हैं, दुनिया के जित्में भी देश हैं,
00:11:41वो एक लंबे दौर से युद्धों से गुजर करके आज के इस युग तक पहुँचे हैं
00:11:47यानि कि संघर्स हुए, लडाया हुई, युद्ध हुए, एक देश ने दूसरे देश पर आक्रमन किया
00:11:54अभी मैं थोड़ दर पहली बता रहा था कि भारत पर मुगलों ने अधिकार किया, भारत पर अंग्रिजों ने उपनिवेश इस्तापित किया
00:12:01तो ये एक लंबा दौर था, जो कि युद्धों का दौर चला है, और प्रतियक राष्ट अपनी सुरक्षा के लिए अपनी सेन्य शक्ति को मजबूत बनाना चाहता था, जिसे कि वो बाहरी आक्रमन से अपने आपको बचा सके
00:12:13अगर उस समय किसी से जाकर के पूछा जाए, कि आप खत्रा किसको मानते हैं, तो वो एक ही चीज को खत्रा कहेगा, और वो ये, कि अगर कोई देश हम पर आक्रमन कर दे तो उससे हमें बचना है, इससे बड़ी सुरक्षा हमारे में कोई दूसरी नहीं है
00:12:28तो आप यहाँ पर देखेंगे, हम बाहरी सुरक्षा के अंतरगत किसका अध्यन कर रहे हैं, सुरक्षा की पारंप्रिक धार्णा का संबन राश्ट्री सुरक्षा से हैं, यानि कि हम तभी सुरक्षित हैं, जब हमारा राश्ट्र सुरक्षित हैं, जैसा कि मैंने कहा हम तभ
00:12:58किसी देश के लिए सबसे ज़्यादा खतरनाक माना जाता है जब हम सुरक्षा की अवधारना की बात करते हैं एक देश द्वारा दूसरा देश पर
00:13:08कर दूसरा देश पर
00:13:28कर दूसरा देश पर
00:13:58कर दूसरा देश कर रहे हैं एक किसी देश का अक्रमन आफ़र होगा एंकी दूसरा देश इसका इस सुरक होता है जो सैन्य हमले की धंकी देकर यानि कि
00:14:26अब कि जब भी हमने की दराने की कोशिस करेखा तो सैन्य हमले की धंकी देगा हमारी संप्रभुटा स्वतंतर्ता सेत्री kayकंडता जैसे कि देश के केंद्रे मुल्यों के लिए खत्रा प्रेदा करने की कोशिस
00:14:36केंद्रे मुल्यों के लिए खत्रा पैदा तरने की कोशिस करता है यह हमारे केंद्रे मुल्य हैं जिनके हम यहां पर चर्चा कर रहे हैं तो और कौन से सम्प्रभूता स्वतंद्रता और सेत्रिय अखड़ता और कोई भी देश जब किसी पर आक्रमन करता है तो वो किसका प्रय
00:15:06अपले सकते हैं वुच से युकरेम चायर राहा है यह आजिनर्षे कालण से हो रहा है है पर रूज लोक्रे मीन है आ liability को थीए विए दैसी दौल शहां क्या है
00:15:23युक्रेन की अखंडता को नुक्षान पहुचाना किसको नुक्सान पहुचाना अखंडता को नुक्षान पहुचाना क्योंकि ये तो रसिया जानता है कि पूरे युक्रेन को जीत कर अपने अधीन करना बहुत मुश्किल काम है क्योंकि युक्रेन के साथ विश्व के बहुत
00:15:53इंपोर्टेंट क्षेत्र हैं यूक्रेन के अधीन जिनको अपने साथ मिलाना चाहता है तो यानि कि उसको खंडित करना चाहता है
00:16:01थी किसी प्रकार से आप देख सकते हैं कि भारत और चीन के बीच में 1962 में वार हुआ था
00:16:08मुख्य उद्देश ये चीन का क्या था भारत की अखंडता को नुक्षान पहुचाना था
00:16:141962 में जब चीन ने भारत पर आक्रमन किया था तो उद्देश ये था उसका अरुनाचल प्रदेश और लगदाक इन खेत्रों में काफी कुछ ऐसे एरियाज हैं
00:16:25जिन पर चीन अपना अधिकार जमाना चाहता था और इसी उद्देशी से उसने 1902 में भारत पर आक्रमन किया था और काफी हग तक कुछ शेत्रों को उसने अपना दिन कर भी लिया था तो हमारी अखड़िता को नुक्षान पहुचाना हुआ ये
00:16:40इसलिए आप यहां पर देखेंगे कि जब भी कोई देश किसी को लाक्रमन करता है तो वो केंद्रे मुल्य जो होते हैं उनको नुक्सान कहुचाने की कोशिस करता है
00:16:50सेन्य हमले में आम लोग इस्तरिक पुरोश भी मारे जाते हैं
00:16:56इसको कहते हैं गुँखने के मजबूर किया सके बिचिए इसको कहते हैं सॉफ्ट टार्गेट का मतलब क्या होता है
00:17:10जिससे आपको ग दर्द गो कुण जोफ्ट टार्गेट to आपने देखा हो का पई बार बहुत सारी ओसम्डी में दिखाया जाता है
00:17:21कि जब कोई अप्रादी प्रबर्ती का वेट्टी किसी एक वेट्टी को जुकाने की बोशिस करता है
00:17:25लेकिन वेट्टी इतना कठोर और मजबूत है
00:17:27कि वो मरने को तयार लेकिन जुकने को तयार नहीं है
00:17:31तो soft target किया जाता है
00:17:33और वो soft target होता है
00:17:35उसके बच्चे को गिडंफ कर लेना
00:17:37उसकी पत्नी को गिडंफ कर लेना
00:17:39उससे सब से करीबी किसी खास वेट्टी को गिडंफ कर लेना
00:17:42उससे टौर्चर करना
00:17:43तो मजबूर होकर की होगरी आप भी जुक जाता है
00:17:46एक संकार, एक संप्रभू
00:17:48किसी भी देश का वो तभी जुखता है जब उसके soft corner को target करने कोशिश की जाती है और वो corner होता है उनके आम नागेख
00:17:57अगर सेनने ठीकानों को target किया जाए तो प्रत्यक देश की सेना किसी भी हमले का सामना करने के लिए तयार होती है
00:18:05और युद्ध भूमी पर लड़ने वाले जो वीर होते हैं जो जवाद होते हैं वो अपनी जान को जो क्हिम में डालकर देश की
00:18:13करते हैं और अगर सेनिक मरते हैं तो देश को इतना दर्द नहीं होता है क्योंकि वो सेनिक बनाया गए है युद्ध लड़ने के लिए लेकिन जब आम नागरिकों को जिनके पास कोई हतियार नहीं है एक सेना उनको टार्गेट करती है उनके पर जब हामला करती है तो एक जो �
00:18:43कि पीछी उद्धेश्य होता है उसके केंद्रे मुल्यों को नुकसान पहुंचाना केंद्रे मुल्यों का मतलब है उसकी संप्रभुता उसकी अखंडता उसकी स्वतक्तरता को नुकसान पहुंचाना और उसके जो सौफ्ट टार्गेट है उन पर निशाना बोलना सौफ्ट �
00:19:13कि बुल्यादी तौर पर किसी भी देश के पास जब युद्ध उसके ओपर थौप दिया जाए तो वो क्या क्या कर सकता उसके पास कौन कौन से विकल्प हो सकते हैं तो वो तीन विकल्प क्या क्या है देखें पहला विकल्प तो आप देखेंगे आत्मसमर्पन करना है आत्मस
00:19:43सब्सक्राइब और आपको सर्टों के साथ जीना पड़ेगा और ऐसा कई बार युद्धों में हुआ भी है जब बहुत ताकत्वर देश हमला करता है तो जो कमजोर देश होता है वो हतियार डाल देता आत्म समर्पन कर देता है आप में देखा होगा भारत पकिस्तान के बीच
00:20:13अधाका समझोता और ये सेनिक समझोता था इस समझोते के अंदर लगभग लगभग 93,000 पाक सेनिकों ने आत्म समर्पन किया था पाक सेनिकों का आत्म समर्पन हुआ था
00:20:43क्योंकि उनको लग गया था कि भारत की सेना के साथ अब युद्व में लंगे समय तक संगर्ष कर पाना मुस्किल है कठेल है इसने वहान आत्म समर्पन कर दिया और युद्व को वहीं पार रोग दिया गया तो आत्म समर्पन तो सबसे पहला तरीका है लेकिन जब कोई भी
00:21:13तो आप यहां पर देखेंगे पहला तरीका है आत्म समर्पन करना लेकिन पराजित रास्ट आत्म समर्पन की नीती को अपने देश में प्रचारिकन करना चाहेगा क्योंकि ऐसा करने से उसकी प्रतिस्थ है उसकी जो गरीमा है वह अपनी प्रजा के सामने नीचे बजाएग
00:21:43लगातार सामना गर पाएगा और चुकि उसके पास में बाहरी देशों का यानि की जो योपियन देश है जो उसको हत्यार भी दे रहे हैं जिसको आर्थिक मदद भी दे रहे हैं उसकी वज़े से उसामना कर पा रहा है लेकिन स्टाइटिंग जब में युद्ध होने की जो धं
00:22:13लेकिन युक्रेन आत्म समर्पन नहीं करना चाहता था वो जुकना नहीं चाहता था अगर मुद्ध जुक जाता तो हो सकता है कि वहां के जो प्रेजिडेंट थे व्लादिमीर जलेंस की वो अपनी ही जन्ता को अपना चेहरा नहीं दिखा पाते हालांकि कुछ एक्सपर्स �
00:22:43कि आप युरोपिय संग का सदस्य मत परिए अगर आप नेटों का मेंबर मत परिए अगर आप नेटों की सदस्यता ले ली तो वो रूस के लिए एक चुनौपी है और रूस उस देश को कभी माफ नहीं करेगा बस इतनी सी बात पर जो है वो दौनों देशों के बीच में ए
00:23:13अपरोध का मतलब होता है दो 37 सारी देशों के पास में अगर घातक हत्यार हो जो कि मास डेस्ट्रक्शन कर सके यानि कि जो भहनकार विनास ला सके वो दौनों ही देश एक दूसरे पर आक्रमन करने से घवराते हैं डरते हैं आपने देखा होगा जब से दुनिया में परमा�
00:23:43में यकर दोनों के पास तुमल नहीं के Be
00:24:02चीन इस बात कुछ जानता है, अब वो ये सोचें कि मेरे पास ज्यादा परमानु बंग है और भारत के पास कम परमानु बंग है, क्या हरा देंगे हम तो भारत को, ऐसा नहीं, क्योंकि परमानु बंग का जो खत्रा है वो भी किसी देश के लिए जहेंगना बड़ा मुश्किल
00:24:32को बहुत भेंकर नुकसान पहुंचा चुका होगा, इंडिया और पाकिस्तान दोनों के पास परमान बंग है, वरतमान समय में, दोनों नुक्लियर स्टेट से हैं, अब दोनों देश अकसर एक दूसरे के खिलाफ डारेक्ट यूद से बचने की खोशिस करते हैं, वो समय था
00:25:02जाए है, रूस और अमेरिका के बीच में यू दुना होने का कारूँ, कब जब क्यूबा संकट आया था 1962 की घटना है, याग वोगा आपको अपरोग का सीधा संब्ध जब कोई दुनिया देखती है, तो वो देखती है क्यूबा संकट से, क्यूबा संकट, क्यूबा संकट �
00:25:32क्यूबा को ले करके, क्यूबा में जो कमिनिस गवर्मेंट थी, यादि कि वहां की जो सामयवादी सरकार थी, उस सामयवादी सरकार को जब अमेरिका ने गिराने की कोशिस की, तो बदले में सुवच संग ने क्यूबा में परमाणों मिसाइल तेनात की और जिसकी हद में, �
00:26:02सोवज संग के साथ बाच्चित से इस समस्या का समाधान ढूंगने का प्यास किया और आखिर का समाधान निकला क्योंकि परमानु हमला सोवज संग भी नहीं करना चाहता था
00:26:13अगर वो करने की कोशिस करता तो अमेरिका कुद एक परमानु सक्ति संपन देश है वो भी सोवज संको बगभारी नुक्सान पहुंचाता तो कोई भी देश परमानु सक्ति संपन होने के बाद युद्ध लड़ेंगे यह संभावनाय घट जाती है और इसी को कहा जाता है अ�
00:26:43अपने परोसी देशों को अपने साथ में जोडने की कोशिस की जर्मनी ऑस्त्रिया अंगरी
00:27:13यह आपस में एक समझोता था इन तीनों देशों का और वहीं दूसरी तरफ इनके अगेंस्ट में इसी के खिलाफ संतूरं बनाने के लिए
00:27:22ब्रिटेन, फ्रांस, रूस इन देशों ने आपस में समझोता किया और जो फर्स वर्ल्ड वार हुआ था वो इसी समझोते की वज़े से ही हुग गया था क्योंकि जब दो छोटे-छोटे देशों के बीच युद हुआ ऑस्त्रिया और हंगरी के बीच तो ऑस्त्रिया और हं
00:27:52और वही सर्विया को सपोर्ट कर रहा था उस्टियाड सर्विया था सवेटन अर्ष्ट रहा था रूस और नों देशों के बीच की जो लड़ा थी वो एक वाल वार में तबडिल होगहीं जो यह इसा ही सक्ति संतुलन दूसरे श्यूम्त से पहले इस्तापिक करने की कोशि�
00:28:22नित्रास्तों के रूप ना है और इनके बीच की जो ये सेनिक गुटबंदिया थी इन्हों ने सेकंड वर्ल्ड वाउ को भी जन्द दे दिया
00:28:28तो ये तो सक्ती संतुला में एक तरीका है किस से युद्ध से बचने का
00:28:35अगर एक कमजोर देश जिस पर एक सक्ती साली देश नजर गड़ा कर बैठा है और वो उसको कभी भी नुकसान पहुंचा सकता है
00:28:43तो आप बैलेंस बनाने की कोशिस करेंगे ये तो एक प्रकर्ति का नियम है कैसे आपने देखा होगा कि जहां पर वायुदाब कम होता है
00:28:53वहां हवा का अपने आप ही रुख बढ़ना सुरू हो जाता है मलब हाई प्रेशर से जो है वो लो प्रेशर की तरफ हावा बढ़ती है बस ठीक इसी तरह से जहां जो जेस कमजोर है उसकी तरफ कोई नो कोई सक्ती साली देश उसको हेल्प करने के पहुंचता हो इसलिए कि
00:29:23लेकिन युद्ध होने से पहले इसी उक्रेयन को अमेरिका जैसे देश ने सायोग देने की बात कहीं कि हम आपके साथ में आपको जुकने की जरुत नहीं है और आप एक्जामपल ले सकते हैं ताइवान बहुत चोटा सा देश है चीन का पड़ोसी देश इवन चीन का इक हि
00:29:53को धंकी दे रहा है कि वो वन नेशन पॉलिशी के अंतरगत यानि कि आप तो हमारा ही हिस्सा थे और हम आपको अपना दीन करेंगे एक नई दिन तो होगा ऐसा वन चाइना पॉलिशी जिसको कहते हैं चाइना ताइवान पर अभी तक हमला नहीं कर पा रहा है क्योंकि उसके
00:30:23पाउरफुल कंट्री है इवन दक्षन कोरिया भी पाउरफुल कंट्री है बट उत्तर कोरिया में एक तर से कहा जा सकता है कि निरंकुस और ताना साही सासन है किम जॉंग जो कि एक ताना साह के रूप में और अक्सर दक्षन कोरिया को धंकी देता है वहाँ पर भी संतुलन
00:30:53तूलन के कुछ एक्जाम्बन्स बताएं मैंने आपको जो कही ना कही युद्ध रोकने के लिए सक्तिसारी देशों के द्वारा कमजोर देशों को हेल्प करके किये जाते हैं इतना ही नहीं फिर हम बात करेंगे गठबंदन बनाना देखे गठबंदन अपने आप में सेनिक ग
00:31:23कि अगर आप पर हमला हुआ तो हम आपका साथ देगे इनको सेनिय गठबंदन कहा जाता है और आप सभी जानते हैं सीट यूद के दोरान सेनिय गठबंदन हुए थे नेटो, सीटो, सेंटो, वर्सापेक्ट ये सारी क्या थे सेनिय गठबंदन थे
00:31:37जब अमेरिका ने पुझीवादी देशों को जो खास करके यूरोप के पुझीवादी देश थे उनको अपने साथ लिया और नेटो यानि की नॉट्स अट्लांटिक प्रिटी ओर्गनाईजेशन उत्री अट्लांटिक संधी संगठबं का गठबंदन किया 1949 में तो उसके ब
00:32:07जिवादी खेमे के ही संगठन थे जिनकों सीचो और सैंटों को देखते हैं लेकिन यह सेंग गठबंदन हुए थे इनकर क्या उद्देश ये था उद्देश ये था अगर गठबंदन में सामिल किसी भी देश पर कोई भी देश हमला करता है तो उसकी मदद की जाएगी उस
00:32:37इस दौरान कोई बड़ा युद्ध नहीं हुआ हालां कि इस दौरान उत्तर कोरिया और दक्षिन कोरिया के बीच में लगबक तीन वर्सों तक युद्ध चला
00:32:47इस दौरान जर्मनी के दो टुकड़े कर दिये गए इस दौरान क्यूबा संकट जैसा एक संकट भी उत्पन हुआ लेकिन बड़े युद्ध नहीं हुए कारण क्या था कारण यही था कि संबीर देश लंदूर सभी देश कईना काई सेनिक गठबंदन में सामिल थे और सेनिक
00:33:17तो हम कैसे उसका मुकाबला करेंगे तो गठबंदन भी युद्ध को रोकने में एहम भूमी का निभाते हैं तो यहां पर आप देख रहे हैं कि आत्म सबरपन करना अप्रोज सक्ती संतूलन और गठबंदन बनाना यह जो है वो कही न कहीं युद्ध रोकने के बहुत एहम
00:33:47इस्लामिक आतंकवात को जन्म देने में एहम भूमी का निभाई थी हम यह कह सकते हैं कि सोवेत संग के विरुद्ध क्योंकि सोवेत संग में 1979 में अफगानिस्तान के अंदर अपनी सेना बेज़ती थी जिसका विरुद्ध अमेरिका और दूसरे पुंजीवादी देशों न
00:34:17दोनों के पास न्यूकिलियर पावर थी तो क्या करे उस्में अफगानिस्तान के अंदर वहाँ के जो लोकल आतंकी थे हलां कि वहाँ के लोकल लोग थे उनको हतियार दिये उनको एकॉनोमिक हवेल्प की गई और उन्हें उक्साया गया कि आप सुवेत संग की सेना से लड�
00:34:47कि एक सेलरी के साती है वैसे आपके खातल पैसा आएगा हत्यार उठाइए लड़िये इसे तब यह तालिबान नामक जो स्यनिक संगठन बना तालिबान नामक जो आतंगी संगठन बना उसका जन्द वहीं से हुआ होसमा बिन लादेन अल जवाहिरी जिनको बाद में अमेरिका
00:35:17आतंगवादी संगठन को अमेरिका ने अपने से दूर कर दिया क्योंकि इसी आतंगी संगठन ने अमेरिका पर हमला बोल दिया था नाइव दिलेवर तोनों के बीच दूरिया बढ़ गई तो इसका मतलब यह हुआ कि गटबंधन बदल भी सकते हैं यहां हमने जो प्रड़
00:35:47उनके साथ पूरे हो रहे होते हैं हम उनके साथ गटबंधन में उस समय तक रहते हैं अगर हमारे national interest पूरे नहीं होंगे तो गटबंधन हमां बदलना पड़ सकता है
00:35:58आप अगर बात करें हालिया जो इस्तती है पूरे विश्वकी उसमें आपको कौन-कौन से देश हैं जो एक दूसरे के साथ खड़े पे दिखाई दे रहे हैं देखिए मैं वर्तमान अभी जो इस्तती चल रही है उसकी बात करना है आपको एक तरफ दिखाई देगा रूस
00:36:28इनके साथ खड़ा हुआ है इवन अगर बहुत दूर जाकर बात करें तो भारत भी इसी की तरफ है भारत का भी जुकाव डारेक्ट नहीं दारेक्ट इनके साथ नहीं तो अब हम पाक करें अगर रूस के खिलाब जो लड़ रहा है वो है यूक्रेन अलाग यूक्रेन को ब�
00:36:58यूके खड़ा है इसके अलावा जो नेटो कंट्रीज हो तो सारी ही है यानि कि जो उत्र एक्लांटिक संदी संगिठन में सामिल पीज देश है वो तो सारे है तो हम यहाँ पर प्लस नेटो ही कर लेते हैं कि यह तो सारे मजबूरी में हो चाहे बल इनकी आवशक्ता हो यह क
00:37:28कि मैं बतारा हूं कैसे गठ बंदन बदलते हैं मैं उसकी चर्चा कर रहा हूं यह यूत्जम शुरूओ आथा इससे पहले भारत
00:37:35है अमरीका के साथ काफि गहरा ही से जूड़ा था tässä कि आतको यात होगा
00:37:42और जो है ये एक बाध्चित का गठ बंदन डायलोग के लिए है कि कि बाध्चित गठ बंदन है और यह बाध्चित गठ बंदन किं किं देशों के बीच
00:37:55बाट्षीत का विठबंदन के बीच में यह है अमेरिका ऐस्ट्रेलिया और जापन पिए इन चार देशों के बीच में एक बात्षित का विठबंदन है जीसे क्वाइट कहकर के पुकारा जाता है और भारत इस गठबंदन में अमेरिका की साथ क्यों खड़ा इसको समझेगा �
00:38:25चीन जो है वो हिंद प्रशांत शेत्र में हिंद प्रशांत शेत्र में हिंद प्रशांत शेत्र में नौस्यनिक सक्ति बढ़ा रहा है
00:38:41क्या कर रहा है नौस्यनिक सक्ति बढ़ा रहा है जो कि भारत को रास नहीं आ रहा है करण है कि भारत का जो हिंद महासागर का
00:38:54चेत्र हैं उसब थो भारत का राज होना चाहिए वहां चीन अपनी नौसलीक सक्ती बढ़ा रहा है चीनale मौल्डीव कभी स्र 것처럼नका के साथ में संजोते करके यहां
00:39:03पर अपनी नौ सेना की सप्टी को बढ़ा कर भारत को गेड़ने की कोशिस कर रहा है
00:39:06आरप अमेरिका का साथ यहां पर लेकिन जब यहां आपने देखा बेगे बदले कैसे हैं
00:39:12यहां तक तो अमेरिका के साथ खड़ा दिखाई दिया लेकिन जैसे ही रूस और युक्रेयन के बीच में वार हुआ इन दौनों के बीच में युद हुआ और अमेरिका ने भारत को यह कहा कि आप हमारे साथ है ना
00:39:23तो युए ने सीम आईए सवित रास्ति स्वक्षा परिश्यक्तना और सोवेट संग के खिलाफ बोली सोवेट संग के खिलाफ वोट कीजिए आप दबाव डाली सोवेट संग पर भारत ने कह दिया नहीं है हम नहीं कर सकते क्योंकि भारत के नेस्नल इंट्रेंस जो है वह सोव
00:39:53रसिया के साथ पहले सोवेट संग और बाद में रसिया के साथ लगाता अपने समझोते के माधियन से व्यापार वाणेजे के संबंदों को बहुत स्ट्रोंग रखा है इसकी वज़े से दौनों देशों के बीच में सांस्कृतिक संबंद भी काफी गहरे हुए
00:40:06अब भारत ऐसी इस्तिति में बला रूस का साथ कैसे छोड़ सकता है जबकि भारत की वो सारी अवशकता है रूस पूरी कर रहा है और अभी अभी आप देख रहे हैं कि पैट्रों पूरी दुनिया को मिल नहीं रहा है और रसिया भारत को कम कीमत पर दे रहा है यह है कब आ�
00:40:36उठी अब आप्सेशा की वा मतलब है दूसरे देह का हम पर आकरमन होता है तो हमें उससे अपने आपको बचाने का प्रयास करना यहां सुरक्षा के सबसे बड़ा खत्रा है और अशर एक देश जब आकरमन करता है तो हमारे केंद्रे मुल्यों को तार्गेट करने की कोशिस
00:41:06यह उर देशों के भी युद्ध होता है तो युद्ध को रोकने के कुछ तरीके भी होते हैं कि युद्ध
00:41:16हो ही नहीं तो हम इसके अंतर देखा चार अक्रसा पbury साम इंतोर आप साध़
00:41:26सक्तिसंतुलन इस्ताफित कीजिए या फिर आप गटबंधन कीजिए यह वो तरीकें जिनके मार्धियन से आप युद्ध को रोग सकते हैं या फिर अपरोध अपने आपकी युद्ध को रोग देता है अब हम जो चर्चा कर रहे हैं पारफपरिक धारणा यानकी आंतरिक सु
00:41:56उसरे विश्वित के बाद से इस पहलू पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया तो इसका कारण यही था कि दुनिया के अधिकांस ताकत्त्रदेश अतनी अंद्रूम्नी सुरक्षा के प्रतिक कमोबेश आस्वस्थ थे
00:42:07कि अंद्रुनी सुरक्षा को लेकर के क्या थे वो आश्वस्त थे क्यों समझेगा जाना है कि सुरक्षा की परंपरागत धायना का ज़रूरी इस्ता अंद्रुनी सुरक्षा से भी है बाहरी सुरक्षा तो है अंद्रुनी सुरक्षा से भी है दूसरे विश्वित के बाद मैंन
00:42:37तो दूसर विश्मित के बाद से इस पहलू पर जाना जोर नहीं दिया गया
00:42:41तो इसका कारण यहां नहीं था
00:42:43इसका कारण यहीं था कि दुनिया के अधिकांस ताकत्वर देश जो थे
00:42:48वो अंदरूनी सुरक्षा के प्रती कमोबेश आस्वस्त थे
00:42:51क्योंकि बाहरी आक्रमन से वो जाना सहमें वे थे
00:42:55अंदरूनी सुरक्षा को लेकर के उनको कोई खत्रा ही नहीं था
00:42:58अगर हम सीत्यूद तक की बाद करें
00:43:001945 तक की बाद करें
00:43:02ताकत्वर देशों का मतलब उससमें अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस जर्मनी जापान इटली यह वो देश हैं जो कि उससमें के सबसे इंपोर्ट सबसे ताकत्वर देश हुआ करके थे
00:43:12यह अद्रुनी सुरक्षा को लेकर के आस्वस्त थे कि अंदर उनके किलाफ कोई आवाज नहीं उठे और यह हमेशा धियां रखिएगा जब आप पर बाहर से खत्रा मंड्राय रहा हो तो अंदर के खत्रे अपने आप ही गयब हो जाते हैं
00:43:26कैसे अगर आप किसी एक देश के साथ युद्ध में व्यस्त हैं तो सोचे क्या आपके इहां पर कभी कोई जन्विद्रों होने की संभावना बनेगी क्या क्या आपके खिलाफ कोई अलगावाद का मामला उठे काटे नहीं ना क्यों कि अभी तो हम दूसरे देश से लड़ �
00:43:56के दौरान सेन्य संधियों में बंदे हुए थे और सबको खत्रा था कि कोई हम पर आकर्मण न कर दे तो अंदर से तो बिल्कुल अपने आपको सुरक्षित मैसुस कर रहे थे आंत्रिक सुरक्षा एतियासिक रूप से सरकारों का सरोकार बनी चली आ रही थी लेकि दूसरे �
00:44:26और मैं देखेंगे एक राजा, जिस समराजी पर अपना स्कारता था एक चोटी सी जगे से भी आनदूनन भर ससरथा विद्रो पर जयदा
00:44:34कोई एक चोटा सा वहां का जो उसी के अदिन सासन करने वाला वैक्की होता था वह उसके फिल्याम आजादी की घोशना दर्वित था अंत्रिक शुरक्षा मामला पहले भी था और आज भी है लेकिन जब यह शीट्युत का दोर चलना था अंत्रिक शुरक्षा का मामला दबा ह�
00:45:04की गार?
00:45:23याद होगा आपको
00:45:24यू इसे साथ जिसम की बाद कर रहे हैं
00:45:28यह कोई एक देस नहीं था
00:45:29वल्कि यह पंद्रह गनराजीर थे
00:45:31कटते हैं चाने?
00:45:32पंद्रह गनराजीर
00:45:34जो 1922 में एक जुट हुए थे इनका जन्म जो है वो 1922 में हुआ था यूससर का और यह तो 15 गंडराज्ये थे यह सब एक विचारधारा से बंदेवे थे और वह विचारधारा थी साम्यमादी विचारधारा जिनको इन देशों ने अपनाया था और इसी के अधार पर यह बं�
00:46:04ताकत्वर पश्चिमी मुल्कों के सामने अपनी सीमा के भीतर बसे समुदायों अथ्वा वर्गों से कोई घंबीर खत्रा नहीं था इस कारण इन देशों ने अपना ध्यान सीमा पाल के खत्रों पर केंद्रित किया है अधिकांस ताकत्वर देश जो खास करके पश्चिमी �
00:46:34ऐसे अंद्रों की उस्वर में कोई संभावना यह नहीं थी क्योंकि वही बात वही घटना वही सित्तान कि जब बाहरी खत्रे जादा हो तो अंद्रोंनी खत्रे सर्थ नहीं उठाते हैं बस इसी कारण से इलेश सारा ध्यान किस पर गिंद्रित कर रहे थे बाहरी सुरक्षा
00:47:04की बीच में जो द्वंद्ध चला था उसी कौम सीट्यूद कहते हैं जिसकी शुरुआत उनिस्व पैटालिस में हुई और जिसका अन्त उनिस्व एक्राण में हुआ था
00:47:12कि कुछ यूरोप्य देशों को अपने उपनिवेशों में उपनिवेशी क्रत जन्ता से खून खराबे की चेंटा सता रही थी यह अब यहां से आपको थोड़ा सा एक डिफ्रेंट वे की तरफ जाना अलग वे की तरफ अलग रास्ता चुनना है कैसे हम बात कर रहे हैं स्व
00:47:42जब बहुत सारे सक्तिसाली देशों के अधीन कुछ उपनिवेशी क्राजिय थे जैसे भारत भी तो बिटेन के अधीन था 1945 में अभी तो 1947 में जो है वो आजाद मुए हैं तो इन सक्तियों को डर सता रहा था जो जहां जहां आपने उपनिवेश बना कर बैठी कि उनको डर स
00:48:12सतावन के ग्रांती में सुरूआ 1947 तक नहीं थमा आखिरकार अंग्रेजों को कहना पड़ा कि हम थी कि भारत छोड़ कर जाने को तयार हैं जब भारत छोड़ों आंदोरन गांदी जी के नेतरत्व में प्रारम हुआ तो हम अंग्रेजों को लग गया कि भारत पर हम सासन करना
00:48:42कुछ यूरोपीय देशों को अपने उपनिवेशों में उपनिवेशी करब जनता से खून खराबे की चिंता सता रही थी हम यह लोग आजादी चाहते थे जैसा मैंने भारत का एक्जामपल दिया इस सिल्सल में हम याद करें कि 1950 के दसक में फ्रांस को वियतनाम ये 1950 के बात
00:49:12जूजना हर किसी देश को पड़ा जहां जहां उन्हों ने अपने उपनिवेश इस्तापित कर रहे हैं क्योंकि अब वो समय आचुका था जब पूरी दुनिया में उपनिवेश वागते खिलाफ अंदोलन बढ़क चुके थे अब लोगों को रोक पाना मुश्किल हो गया थ
00:49:42देखे अब यहां पर यह जो ताकत्वर देश थे यह खुद भी घबरा रहे थे किस चीज़ को लेकर एक तो वह सीतियूद चल रहा था वहां लग रहा था कि कोई देश हम पर हमला न कर दे और दूसरा जहां जहां इनका सासन था वहां अंदोलन बढ़क गए थे तो कहां �
00:50:12प्रांस को वेतना तथा 1950 और 60 के दसक्त में केनिया में जो है वो ब्रिटेंग को जून जिना पड़ा था
00:50:19कर देखे स्टूडेंट्स अब तो कि हम इस चेप्टर के कुछ महत्वपन बिंदों पर तो चर्चा कर चुके हैं तो क्यों नहीं थोड़े से प्रश्णों पर भी चर्चा कर ली जाए बाकी हम वजीवी चर्चा जो आपके है उसकी नेक्स क्लास में करेंगे यह आपका पह
00:50:49चुक हासथ में होगा है � cut शोड़े 57 करी के अप्रिश क्माहका चर्चा कोंसा और थे सोड़े स्वास्तिय महामारी तो थां।
00:51:10राश्ट्पे सुरक्षा देखिए अला कि पारंपरिक सुरक्षा के अंतरगत महामारी भी आ सकती है क्योंकि महामारी कोई आज से तो नहीं शुरू हुई है महामारी तो जब से धर्ती पर इंसान रहा है तब से आती रही है लेकिन फिल भी महामारी किसी बड़े खत्रे के र�
00:51:40कि अगर आज से 500 साल पहले आया होता तो चीन में ही भुग जाता क्योंकि उस समय तक चीन का यूरोप एसिया अफ्रीका अन्य देशों के साथ इतना आना जाना नहीं था व्यापार वानित जी नहीं था और यह फैलना फामें टूमें एक वेक्ती से दूसरे वेक्ती में तो
00:52:10किसी एक देश में जन्मी और वहीं पर रुख भी तो वहामारी इस कारण से परंपरागत जाना के अंतरगत नहीं आ पाता है और गरीबी अगर हम बात करें तो यह तो लंबे समय से किसी भी एक देश की समस्या रही है इसमें कोई दोरा ही नहीं है बट गरीबी एक सुरक्�
00:52:40जैसा मिला जीवन जीया लोगों ने और मानवाधिकार यह तो सब्द ही 1950 के बाद जन्मा है 1950 से पहले मानवाधिकार को लेकर कोई सजग यह नहीं था जानता नहीं था यह क्या होता है यूमन राइट्स तो लाने वाला जो है वो यूएनों है और उससे पूर्व प्रव सहि
00:53:10बाहरी आक्रवट क्या है बाहरी आक्रवट एक देश दूरा दूसरे देश पर जो हमला होता है उसे हम रास्ब्राइश सुरक्षा कहते हैं और इसी खत्रे को हम रखते हैं पारंपरिक सुरक्षा के अंतरगत
00:53:25परंपरिक सुरक्षा में दो प्रकान के खत्रों के हम चर्चा करते हैं
00:53:29एक हम करते हैं बाहरी सुरक्षा की
00:53:31और दूसरा हम करते हैं आंतरिक सुरक्षा की
00:53:38और आंतरिक सुरक्षा का खत्रा जो है वो इतना बड़ा खत्रा नहीं है
00:53:45क्योंकि अंत्रिक सुरक्षा के बड़े खत्रे तो अपरंपरागत धारणा के अंतरगत जन्म लेते हैं
00:53:52तो मुख्य रूप से आता है बाहरी आक्रमण या फिर राष्ट्रिय सुरक्षा
00:53:56प्राशन है सुरक्षा क्या है? आपके सामने चार विकल्प है
00:54:02जब हम सुरक्षा की बात करते हैं तो इसका मतलब यह कदापी नहीnd है
00:54:25अगर एक देश का सबसे बड़ा जो पदादिकारी है
00:54:31उसी के जीवन को कोई खत्रा है तो अभी हम उसको सुलक्षा के अंतरगत नहीं एक ळोकसा के खत्रा
00:54:40तब होगा जब वो एक समुह को वो केंद्रे मुल्यों को नुपसान पहुचाने वाला खत्रा हो तभी हम उसको सुरक्षा के अंतरगत परते हैं अदर्वाइस नहीं रखते हैं तो आप देखेंगे यहां पर व्यत्ति के असुरक्षा, जीवन यापन के असुरक्षा, स्वास
00:55:10शक्ति, संप्रभु शक्ति छीन सकती है किसी तेस के द्वार आक्रमन करके उसकी समप्रभु शक्ति को Samapt कि
00:55:18सकता है उसके जो नेतरत उसकी जो निर्णे समता है या निर्णे का जो अधिकार है को और देश चीन सकता है तो समप्रभूता बहुत बड़ा खत्रा है क्योंकि इसे अभी तक आप स्वतंत्र है
00:55:30और कल आप मलब जब आप पर हमला होगा उसके बाद अगर हार गए तो फिर आप एक गुलाम बन जाएगे
00:55:36तो सबसे बड़ी तौस रक्षा वही है इसलिए इसको केंदरे मुल्ये में रखते हैं
00:55:40ार्ण आपके अधिकाल आपकी सवतंतरता को जीन ले जैसा कि आप डेख है तालिबान शाषन आया अफड़ानिस्तान में तो वह सवतंतरता चीनी है नौर्थ और नौर्फ नमार जो पहले बर्मा कहला था वहां पर भी सब्सक्र जिनी है ऐसा जब कोई खत्रा आता है तो उसे
00:56:10सुरक्षा चता चतां को किंत्सक्राइब आती है इसमार को सट्वा को स सकता हुआ आधडर गया
00:56:35तो सुरक्षा क्या है केंद्र मुल्यों को खता और केंद्र मुल्य क्या है संप्रभूता स्वतंतरता और राष्ट्री अखंडता यह हमारे केंद्र मुल्य कहलाते हैं
00:56:45कि बुन्यावी तोर पर किसी सरकार के पास युद्ध की स्थिति में जो विकल्प होते हैं उन्में से गलफ विकल्प को डूढ़ना है आपके सामने चार विकल्प है ए आत्मसमपन करना बी अपरोथ सी गढ़बनन और डी आक्रमन करना इसमें से सही उत्तर है आपका डी आक्
00:57:15हतियार हो जिससे कि दौनों इक दूसरे पर हमला करने से कत्रा एंडरे तो युद्ध होगा नहीं इसको कहते हैं अपरोथ गटबनन अक्सर कमजोर देश को सुरक्षा प्रदान करने के लिए भी गटबनन हो सकता है और कुछ देश मिलकर सामुई सुरक्षा के लिए भी ग�
00:57:45पर जबने हैं अलाकि विकल्फ है आक्रमण करना क्योंकि आप भी तो हमला बोलेंगे अगर आप पर हमला हो जाएगा तो आपको जवाब को देना ही पड़ेगा लेकिन यहां पर विकल्प कि रूप में कहा है कि बैस्ट विकल्प क्या है जिससे कि आप अपने आपको बचा
00:58:15पाकिस्तान के साथ रड़ाई की थी दॉना टाइम में पाकिस्तान ने भारत पर अटेक किया था और भारत ने जवाबी कारेवाई की थी तो यह भी तरीका होता है आत्रमन करने का लेकिन यहां हम देख रहे हैं सुरक्षा को लेकर तो यह विकल्प जो है वो इससे अलग बन �
00:58:45यह सब हम देख रहे हैं सुरक्षा के परिफ्रेक्षान और युद्द करना आक्रमन करना वो तो सुरक्षा के परिफ्रेक्षा में नहीं आएगा तो यह उत्तर इसका जाए वो बाकि सबसे अलग हो जाता है हम आक्रमन करना करें
00:58:58प्राशना है उनिस्वासी के दसक से सोवेट संग के वुरूद किस देश ने इसलामी उगरवाद को समर्थन दिया
00:59:06ए बिटेन, बी फ्रांज, सी संटराग्जी अमेरिका और जर्मनी तो संटर क्या होगा आपका
00:59:12सी होगा संटराग्जी अमेरिका यानि की यूएसे
00:59:15यहाँ आप देख रहे हैं कि सोवेट संग के वुरूद यानि की अफगानिस्तान में यह गतना है अफगानिस्तान की
00:59:37कि इसना ब्यजी अफ्गास verdad करने के लिए तो फिर अफगालिस्तान में ही यूएस एनप जन्म दिया
00:59:47किसको इस्लामी आतंकवात को अई इस्लामीere को रिकित कि Сके ने तरक्तों न के यह दिया गया नादे यदि या
00:59:59यहां हम कहें यहां पर तालीबान के रूप में तालीबान जो कि एक आतंगवादी संगठन बना तालीबान तो तालीबान जो एक आतंगवादी संगठन बनाया गया था यह बनाने वाला भी कौन था अमेरिका इता अमेरिका ने एक सक्ति के रूप में काम में लिया USA के खिला
01:00:29में सुवेट संग के गुरुद्ध इसलामी उग्रवात का समर्थन किया था तो स्टूडेंट्स आज की स्क्लास को तब हम यही समाप्त करेंगे उलाकात अगली क्लास में फिर होगी और हम अभी बहुत सारी चीज़े बाकी है इस चेफ्टर में इस पर चर्चा करेंगे तो मि