Skip to playerSkip to main content
  • 4 months ago
The Beggar’s Chest – A Moral Story About the Real Treasure
In a quiet village, an old beggar arrives carrying nothing but a mysterious wooden chest. The villagers ignore him, but curious children begin to gather around. What lies inside the chest isn’t gold or silver—but something far more valuable. “The Beggar’s Chest” is a heartwarming story that teaches children about kindness, truth, and the real treasures hidden in good deeds and simple wisdom. A perfect tale for bedtime or moral education

Category

😹
Fun
Transcript
00:00फकीर का संदूक धूप से जुलस्ती दोपहर थी। गाव के प्रवेश द्वार पर एक बूढे फकीर बाबा दिखाई दिये। सफेद दाढ़ी, साधारन मटमैले कपडे, हाथ में लकडी की छडी और कंधे पर एक पुराना लकडी का संदूक।
00:15वे धीरे धीरे चलते हुए गाव के भीतर आ गए और एक पीपल के पेड के नीचे बैठ गए। गाव वाले उन्हें अजनबी समझ कर घूरने लगे लेकिन कोई पास नहीं आया।
00:25वहीं पास खेल रहे तीन बच्चों, अली, आईशा और हमजा की नजर उस संदूक पर पड़ी। वे कौतू हलवश पास गए। क्या इसमें खजाना है।
00:55एक दिन आईशा ने पूछा, बाबा, ये संदूक कभी खोलते क्यों नहीं। फकीर बोले, जब समय आएगा, ये खुद खुल जाएगा। एक रात जब बारिश हो रही थी, फकीर बाबा मस्जिद के बरामदे में भीगे कपड़ों में बैठे थे। अली और हमजा दोड�
01:25सबसे बड़ा काम है, लेकिन एक सुबह गाउं में खबर फैली, फकीर बाबा नहीं रहे, गाउं के लोग चुप चाप उनके पास पहुँचे, उनका वही संदूक पास ही रखा था, सबकी नजर उसी पर टिक गई, बच्चों ने आगरह किया, हमें यह संदूक खोलने दो
01:55लिखा था, सच्चाई सबसे बड़ा खजाना है, दूसरे पर किसी के आंसू पोंचो, तुम्हारा दिल रोशन हो जाएगा, गाउं वाले अवाक रह गए, वे पच्चतावे और शर्म से रोने लगे, उन्हें अब समझ आया कि असली खजाना सोने चांदी में नहीं, बलकि
02:25अब वह संदूक मस्जिद के कोने में रखा है, सादा, शांत और खजाने से भरपूर, शिक्षा, सच्चा खजाना धन में नहीं, बलकि नेक दिल और अच्छे कर्मों में होता है,
Be the first to comment
Add your comment

Recommended

2:43
Up next