Mann Mast Malang Episode 50 - [Eng Sub] - Danish Taimoor - Sahar Hashmi Mann Mast Malang is a captivating love story that follows the journey of two families once bonded by an engagement but torn apart by a single incident. What begins as a deep connection between Kabeer and Riya turns into rivalry, forcing them onto opposite sides. However, fate has other plans—despite the animosity, their hearts find their way back to each other. As love rekindles, they must navigate the complexities of family feuds, proving that true love can heal even the deepest wounds. Will their love be strong enough to reunite their families and overcome the past?
7th Sky Entertainment Presentation Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi Director: Ali Faizan Writer: Nooran Makhdoom
00:00कपीर, ठीज यार, सिकंदर भाई बहुत परेशान होते हैं
00:21क्यों?
00:22वो बहुत गुसा कर दिन को अच्छा नहीं लगता है तुम्हारा इस तरह बात पर आना कर वे
00:30और तुम उनके अजाज़त के बगार यहां रात पे रुक चाते हो
00:35उनकी गहरत को यह कवारा नहीं
00:37तुम मेरी बीवी हो, क्या हो गया, तुम्हें कैसी बाते कर रहे हूं
00:40अच्छा बता हो क्या करना है
00:46कभी प्लीज यार, मेरे बेहन बाई बहुत परशान है
00:53या असमापो को यू रूतावन नहीं देख सकती घच्छन जाने की उल्टासे
00:59सुन्ह, तुम्ह, तुम्ह, तुम्ह, तुम्ह, तुम्ह प्लीज यह घर मने वापस कई
01:04सिकंदर भाई को
01:09एक शर्त है मेरी
01:13शर्तों के बगएर कोई काम नहीं होता तुम्ह, अच्छा
01:20मैं तो बेलोज महापत करता हूं तुम्ह, इस शर्तों के मेले तो तुम्हों को नहीं लगा है मिश्ण
01:30क्या शर्त है
01:37क्या शर्त है
01:45तुम मुझसे खुला नहीं लोगा
01:52मेरे साथ मेरे गर में चलके रहोगी
01:58और हमेश हमेरी बन के रहोगी
02:06बोलोगर शर्त मन्जूर है तो
02:10मैं अगर सिकंदर खान के नाम कर देता हूं
02:13क्या शर्त है
02:25क्या शर्त है
02:27क्या शर्त है
02:37क्या शर्त है
02:39क्या शर्त है
02:41प्रूट क्या शर्त है
02:43अगर तो थे जब आपने वा था
02:45उनका उनका उनकी समझ भी नहीं आ रहा था
02:47कि मैं हसू या रोग क्या दरो
02:49अगर निगलने पारी थी
02:51आपने मेरे सवाल का जवाब नहीं दियो
02:53अगर निगल निपारी थी, हो का निवारी थी
02:57आपने मेरे सवाल का जवाब नहीं दियो
03:00अरे क्या जवाल है तुमारा बेवाजा का एंजॉय करने दो अभी
03:04तुम्हें पते हैं, जिन्देगी में ना कभी किसी ने उनको ऐसी मातनी दियोगी
03:09मेरी प्रेग्नेंसी की ख़बर ने दी और फोन करके कहा रही हाँ, शादी कैंसेल
03:21तुम्हें तुम्हें कहा था ना, मुबीन की दूसरी शादी तो मैं हर्गिज नहीं होने दूगी
03:33अजी मेरे सवाल अब, क्या सवाल है तुम्हारा, बिला वज़ा कि सवाल आगा है तुम्हारे पीच में, इतना अच्छा और अच्छा और है मेरा, एंजॉई करने दो वैसे हैट का,
03:46सबसे अपनी चमची को लेके कहां चली गई है सद्जी को लेके, मुझे नहीं पता, शेरवानी वापस करने तुम्हारा, आप मेरे सवाल का जवाब क्यों नहीं दे रही हैं, और, क्या सवाल है, हम्, कि सच है,
04:06एक वर नहीं, पूर, शाम लेकुम डॉक्ट शाइवा, कैसी यहां पता है, दुआई निकल रही हैं दिल से आपके लिए, पावववा, देखो, इस वक्ट दौाओं की जुरुरत तुम्हे है,
04:26तुम्हारी सास आई भी हैं यहां पर,
04:27मेरे पास यह जानने के लिए, कि तुम सच-मुच मा बनने वाली हो, या फिर, यह सब जूट हैं।
04:48मेरी सास, मतलब, माही जी?
04:52जी.
04:52देखो, वफा, यह मामला अप मेरे हाथ से निकलता जा रहा है।
05:02मेरी मारां तो तुम यह बात सबको सच-सच बता दो।
05:10जिसना तुम ने मुझे अपनी मजबूरी बताई थी, और मुझे कन्वेंस किया था इसी तरह उनको भी अइत्माद में लेकर यह बात कर दो।
05:20ने, ने, ने, डॉक्टर साहिबा, एक मिने, टेक मुट मेरी बात सुने।
05:23तो कब तक चुपाओगी यह बात।
05:25कभी ना कभी तो यह साथ सामने आई जाएगा ना।
05:30फिर क्या करोगी?
05:31पिर क्या करोगी?
05:32प्रॉक्साहिबा, मेरी बात सुने, आपने उनसे अभी यही कहना है कि मैं, यानि कि उनकी बहू प्रेगनेंट है।
05:42कुछ नहीं बताना है इसके लावर।
05:50त्राइटो उंडेस्टेंड।
05:51मैं इस मामले में फसकर अपने लिए मजीद प्रॉब्लम की रियट नहीं कर सकती हूँ।
06:00कम सुन, यहां आओ और अपने मामले को खुद हैंडल करो।
06:04देखें, रख साहिबा, मैं मैं कुछ सब समहा लूँगी, आपको कुछ नहीं होगा, आपको कोई प्रॉब्लम नहीं होगी, आप इन लोगों को जानती नहीं है।
06:11वो गहर आएंगी, मुझे काट के रख देंगी और अपने बेटे की शाम तक दूसरी शादी करवा देंगी।
06:22अप यह चाहती है, मेरे साथ ऐसा हो जाए।
06:25अच्छा, ठीक है, ठीक है।
06:27तुम जल्दी से आओ, और अपने मामले को खुद देखो।
06:30मैं कोशिश करती हूँ, लेकिन आएंदा से यहां मेरे पास दुबारा ना आए।
06:33मैं खुद सब बता दूगी, मैं आज आ रही हूँ आपके पास, आ जाती हूँ, अभी हाँ, मैं देख लूँगी।
06:39खुद रास्ता नहीं था मेरे पास।
07:02जो मुझे सही लगा, मैंने वो किया।
07:12जोट भूल है बाची।
07:16मुझे भी चुपाया है आपने।
07:22तो बेहन हो तुम मेरी।
07:26सपोर्ट करो ना मुझे।
07:31मामु मा बीना पहुच गई है हॉस्पिटल।
07:38भी भाची अब आपने मच से पोच के जोट नहीं बोला है।
07:45आप काफी अपने लिये हैं।
07:53सम्भादनें।
07:59मिना, मिना मेरी बात्स, मिना!
08:02आप मुसे पूछ चुकी हैं।
08:04आप मुसे पूछ चुकी हैं।
08:06आप मुसे पूछ चुकी हैं।
08:08अप मुसे पूछ चुकी हैं।
08:30आप मुसे पूछ चुकी हैं।
08:32और मैं उको बता चुकी हूं।
08:33जब मैं अपने बेटे की दूसरी शादि करवा रही हूं।
08:36प्रेगनेंट होगी
08:38आपको तो खुश होना चाहिए
08:40आपकी दुआ कबूल हो गई
08:41दुआ या दला
08:43क्या कहना चाहती है आप
08:46मैं कहना यह चाहती हूँ कि यह जूट है
08:48जूट, वफा मान नहीं बन सकती
08:50कभी नहीं बन सकती
08:51यह सारा ड्रामा उसने इसलिए किया था कि मुबीन की दूसरी शादी रुपवा सके यही कहा था उसने
09:00कि वो मुबीन की शादी नहीं होने देगी
09:08इसलिए ड्रामा करी है वो प्रेगनेंट होने का आप मुझे सच-सच बताएं जूट अना ही है
09:17यह किस तरह की बात कर रहे हैं आप मुझसे
09:20बाही जी इसका थर में यकीनी
09:33कि डॉक्टर के पास आगई तसलिए करने के कहीं
09:45अवा जूट तो नहीं बोल रही है
09:47माई जी
09:55सची है ना कि आप आप चाहती नहीं है मैं मा बनू और मुबीन निकाल भार खड़ा करें मुझे घर से आप
10:11आप करा दें उनकी दूसरी शादी क्योंकि इतना बड़ा सच और आप आपकी बेद बारी
10:19देखें आप मेरे पास इस तरह के सवालात लेकर आई थी इसलिए मुझे मुझे मजबूरान वफा को बलाना पड़ा
10:26क्या आपके लिए काफी नहीं है माई जी क्या आपके खांदान को वारिस दे रही हूँ आपके इतनी बड़ी खाहिश पूरी कर रही हूँ मैं
10:39मुझे तुम पर भरोसा बिल्कुल नहीं है जूट बोलती हो तुम तुम तुमारी आदत है जूट बोलने की
10:55वफा तो तुम सिर्फ नाम की हो जरा बराबर वफा नहीं है तुमें
10:58मुझे और मुबीन को धोका देरी हो तुम चलि
11:06मुझे पैतबार नहीं है ना मैं जूट बोल रही है
11:10और ये इजो रिपोर्ट से हैं ये भी जूट बोल रही है
11:25डॉक्टर से जो आपने तसलियां किये हैं अपनी वो सब भी जूट है
11:28माही जी और क्या ही सबूट दो आपको
11:38और आप मुझे डाउट ही किये चले जा रही है बस
11:50देखें ये आप लोग के घर का मसला है लीज आप इसे घर जाके सबूट आउट करें
12:07और भी पेशन से मुझे उने देखना है तीस
12:09कर दो दो आपको
12:39वफा
12:40इस मैटर में अब मैं तुम्हारी कोई हेल्प नहीं करूंगी
12:47जो भी करना है तुम खुद देखो ठीक है
13:09खाना खालो सिकंदर
13:11नहीं खाना मुझे
13:17जब सुस नहीं गर खरीद है असा रखता जैसे उसके घर में हो उसका खारो
13:25क्यों परशान हो रहे हो सब ठीक हो जाएगा
13:32इस तरह भूके रहोगे तो तबियत खराब हो जाएगी
13:34नहीं खाना मुझे खाओ तुम लोग
13:36भाई
13:37कब तलाग लोगी उससे
13:39कब निकलेगा वा हमारी जंदगी से
13:49वो लोग कब खुला लोगी उससे
14:00कबीर आपको ये घर वापिस करने के लिए राजी होगा है
14:06क्या
14:10वो हमें हमारा घर वापिस करना चाहते है
14:15वो हमें हमारा घर वापिस करना चाहते है
14:19हम
14:21वो ये घर आपके नाम पर करते है
14:24लेकिन उसकी कुछ शर्ते हैं
14:37नवीना का बेटा है ना शर्त नहीं कह लेगा
14:45क्या शर्त है
14:47उसकी ये शर्त है कि मैं उससे खुला नहीं ले सकती
14:51उसकी ये शर्त है कि मैं उससे खुला नहीं ले सकती
15:09और उसके साथ उसके घर में रहूगी उसकी बीवी बन कर
15:15कभी लिए हरगेस नहीं
15:23वो मुच्छ मेरी बन से नहीं जाता
15:33कभी नहीं हो काई सा
15:37सुनो
15:51अभी कभीर से कुछ नहीं है
15:55मेरा दवाग खराब हो गया
16:09अपनी बेहनों से देजू
16:15अपनी बेहना चॉप
16:18अपने उसके नहीं भाब हो गए
16:21मैं अपनी बेहनें से दे दूँ
16:23अपनी बेहनों से दे दूँ।
16:25वो उसकी बीवी है।
16:30तुम ने मुझे कहा था कि हम उसकी कबीर से शादी कराएंगे।
16:34फिर उसको तराक दिलवाकर कबीर को जमाने भर में बदनाम करेंगे।
16:44ऐसा हुआ, नहीं हुआ।
16:46रिया को हासिल करना चाहता है उसके हासिल को लाहासिल कर देंगे।
16:55और अब तुम मुझे कह रही हो कि मैं रिया का सुक्ते साथ जाने दूँ।
17:03इसका सामने जुक जाओं, बार जाओं।
17:11सिकंदर पोश में आओ।
17:13आओ।
17:18अकल को हाथ डाल।
17:25ये घर तुम पहले ही गवा चुकी हो।
17:28नहीं है हमारे पास इतने पैसे कि इसको वापस खरीज सके।
17:35लेकिन अब ये हमें मुफ्त में मिल रहा है।
17:37करसा भी समझो अदा हो गया है।
17:41और रिया का क्या है।
17:42वो तो हमारे बस में है ना।
17:43जो हम कहेंगे वो वैसा ही करेगी।
17:45अब रिया का क्या है।
17:46वो तो हमारे बस में है ना।
17:48जो हम कहेंगे वो वैसा ही करेगी।
17:53फिलहाल ये छट बाबा का घर जरूरी है।
18:02बस किसी तरह ये हमारे नाम हो जाए।
18:08बाकी सब हम बाप में देख लेगे।
18:15आप डॉक्टर के पास क्यों गहीं थी हमारे आपको किस बात का शक है अमारे आपको किस बात का शक है हमारे।
18:45आपको यकीन क्यों नहीं आता।
18:52हम इसी आस पर तो उमीद बांदे बैटे थे के वफा मुझे आपको इस खर को एक वरिज देगी।
19:04और जब ये मुम्किन होने जा रहा है तो आप खुशी नहीं हैं आप माननी रहीं।
19:23मुझे बांज तक कह दिया आपने।
19:30मैंने कुछ भी नहीं कहा चुप रही।
19:45पर अब अब अब अब सभी की मुम्किन होने जा रहा है तो इससादा अपनी सचाही का सबूत और क्या दू मैं।
20:04पता चल गया होगा आपको आपके जूठी नहीं हूं मैं।
20:07कैसे आपके अंदर का महल साफ कर पाऊंगी मैं मुझे समझ नहीं आता है।
20:17तुम्हें कुछ करने की जरूरत नहीं है वफ़क।
20:20मुझे तुम पर यकीन है।
20:22ममा जब इतने सालों बाद मुझे यह खुशी मिली है तुम्हें
20:37मैं चाहता हूँ के आप भी खुश हो।
20:42मैं खुश हो। बहुत खुश हो।
20:45हो देखो, यह सब कुछ मैंने वफा के लिए मंगवाया है।
20:57और यह जो सेट है ना, यह तुम्हाई दादी ने मुझे दिया था तुम्हारी बैदाइश पर।
21:09अब मैं अपने पोते के लिए यह पफा को दे रहे ह।
21:20मैं खुश हूँ बिटा।
21:21बहुत खुश हूँ, यही तो चाहिए था मुझे, अपनी घोद में खिलाने के लिए एक पोता।
21:34मेरी खाश्पूरी हो गए, को मैं खुश हूँ
21:41बहुत शुक्रियाद।
21:44कॉश हूँ
22:02कबीर ने ये घर मेरे नाम कर दिया
22:10और बीबी होने के रिष्टे से ये मैं आपको देती
22:32ये घर रियाजगर अली खान के नाम नहीं था लिया कबीर खान के नाम था
23:02उसी सूरत में रहता अगरी मेरे निका में रहती अब अगर इसकी मिल्कियत है ये जिसे चाहे थे मुझे कोई अतराज नहीं है
23:21चले चलती
23:51अगर कबीर के साथ चले जाना मेरी सबसे बड़ी हार है
24:12लोग हंस रहे हैं मुझ पर जो उसका मादाज कह रहे हैं
24:21आज हम हार चुके हैं
24:27बात को मान देना अश्वर अली खान का घराना हार गया हर एक चीज
24:41तो मारे गलत फैसमा जाजा सबुआ है
24:44मेरे गलत फैसमा के पज़ाइस है
24:48जाओ
24:50ये घर गिरवी मैंने रखा था
24:53ये घर मैंने वापस लिया सिकंदर खान
25:00मैंने इसे बचाए
25:03बच्ख ये घर मेरी शोड़ी बहन को कभी दे रहा
25:06बच्ख ये घर मेरी शोड़ी बहन को कभी दे रहा
25:09बच्ख ये घर मेरी शोड़ी बहन को कभी दे रहा
25:31टेजिए जाए बच्ख मेरी लेड़ी नहींत है
25:36ऑसकर खान की पेड़ी को
25:38उसका कातिल ने गए
25:40तुम घर रखो कुछोग
25:45कुष हो
25:46कुष हो
25:48कुष हो
25:51कुष हो
25:54कुष हो
25:56कुष हो
25:59कुष हो
26:00नाहीं जी, आपकी चाय, बैटो, तुम कितना पड़ी दियो, इंटर तक, उसकी बाद पढ़ाई छोड़ दी थी, क्यों, भावी ने कहा था कि घर के कामकाद संभादू,
26:30अब यहां तुम सारा दिन फारिग रहती हो, तो पढ़ाई शुरू कर दो, आगे.
26:39माही जी, वो जो आपने वादा किया था, मेरे उत अबीर की शादी करवाने का, उसके बार में कुछ सोचा आपने?
26:55कबीर और रिया आपस में खुश होते हैं तो मैं कुछ न कहती, पीछे अट जाती, लेकिन रिया तो वापस अपने घर चली गई है, वो कबीर को
27:25मैं बहुत महबबत करती हूं कबीर से, हमेशा उनके बनके रहना चाहती हूं, आपके खिद्मत करना चाहती हूं तो फिर, मेरी शादी क्यों नहीं करवा रहे हैं आप कबीर से, ये तो सच है कि रिया आप इस घर में कभी वापस नहीं आएगी,
27:55कबीर को राजी करें ना मेरे लिए, आपकी बाद थूरी टालेंगे, अगर टाल भी देते हैं, तो आप जब अपनी पर आती हैं, तो सब को जुपना ही पड़ता है आपके सामने, अचा, कबीर आजाए तो आज करती हूं उससे बाद,
28:25कोई ना कोई फैसला तो करना है ना, जितनी जल्दी हो जाए उतना ही बेतर है, आज उससे फैसला करना ही पड़ेगा,
28:33कबीर, एक मिन अमी, आओ,
28:41करते हैं, आपकी बाओ गर वापस आगई है, अब शाएंजे तीरस में पूरी करें,
29:03करेंगे, आज वाओ के बदले जबा कर रहे हैं, ने क्या कर रहा हूं और क्या कर रहे हैं,
29:23वाओ के बदले जबा कर रहे हैं, ने क्या कर रहा हूं और क्या कर रहे हैं,
29:29कैसे
29:35कैसे ये कबीर खान हमेशा दो कदम भागे मुझे से रहता है कैसे
29:41ताद मुझे क्या पता मैं तो तुम्हारा बंदा हूँ
29:46अल्ला की कसरा मुझे नहीं पता
29:47सिकंदर से घर चेंगिया
29:54सेट को मैंने बोला कि घर कबीर को बेही दे
29:57सिकंदर को जिससे गोली मारी उसी का प्यारा घर उसके पास है
30:02सिकंदर को बेचेंट देखकर
30:05कितना सकून मिलता था मुझे
30:09कितनी तसकीम मिलती थी मुझे ये सूच करके
30:14सिकंदर को भीर खागे और आज उसी की औरा दो कोरी कियों की रह भी
30:19लेकिन कबीर ने वही घर सिकंदर के नाम करके सारी बादी उल्टा दिया और मेरा सकून गॉरत कर दिया
30:31जी तो चाहता है कि एक एक करके ना कबीर खौन मुबीर खौन और सिकंदर खौन के सिंदे में गोली डाल दो
30:44सारा माबला ही खातू कर दो तो कर दो ना उस्ताद फिर सारी जिन्दगी सुकून से गुजारना हूँ
30:51सेमादा नी आएगा ये तो आसान मौत है एक के लसाम में दूसरा फ़से सब कुछ रुट जाए अस्मा मेरसत भाग जाए
31:07सिकंदर मर जाए मुबीन जेद चरा जाए और कबीर अकेला रह जाए असे मद आएगा ये उस्ताद पागल हो जाए
31:21अचल आ तो गई है लेकिन ये बताओ कब तक रहोगी
31:32बताओ तुम आ गई हो तो यहां रहोगी या
31:47कि अगले दिन सुबा मुझ चुपा कर भाग जाओगी
31:51बताओ भी कितने दिनों के लिए आई हो
31:54हमेशा के लिए
31:59अस्माने भी ये ही कहा था
32:22मुझ चादी के वत मुबीन से वादा किया था सारी उमर साथ ने भाने का पर क्या हुआ
32:36किसी के साथ चक्कर चलाकर मुझ चुपाकर भाग गई उसके साथ
32:50मा बीना जी मैं यहां आतो गई हूँ लेकिन एक बात आप पर वाज़े करते हैं
33:00मैं किसी से डरती नहीं ना ही मैं जुकूंगी और ना ही मैं कमजोर
33:06मैं अपनी बहन के किरदार के बारे में एक लफ नहीं सुनूगी
33:22अब वो आपकी बसंदी रराय हो ताना हो या आपका सच
33:34कबीर मैं अपने बहन भाई के खिलाफ एक बात नहीं सुनूगी
33:49यह किस तरह से मुझ से बात करके गई है और तुम चुप चौप खड़े रहे एक लस्नी बोले
33:56नहीं मैं मैं माफी मांगता हूं उसकी तरफ से आपसे
34:01मेरी रिष्टों के पास दारी माने आपसी सीखी है
34:08यह असकर मेरे लिए है यह मेरी वज़े से आई है
34:15उसकी इज़त अब मेरी इज़त है
34:22अगर आपको मेरी इज़त प्यारी है ना तो आप लिए को जरूर अपनाएंगे अपनी बहु की तौप पर
34:32मैं यह उम्मीद करता हूँ कि इस गर में उसके साथ कोई नाइसाफी नहीं होगी
34:47क्योंकि मैंने उससे वादा किया है इस मेरा वादा मैं तोटने तीचेगा
34:59सॉरी अब मैं रूम में हो
35:07झाल
35:17झाल
35:22झाल
35:24झाल
35:27झाल
35:31हम
35:35कबीर, मैं पहले ही बता रही हूँ, मैं यहाँ आई हूँ, इसका हर्गिस यह मतलब नहीं है कोई इसका गलत फाइदा उठाएगा, मैं अपने बारे में, अपनी बहन के बारे में, अपने बारे में, अपने बारे में बारे में अपने भाई के बारे में एक गलत लफ नहीं स�
36:05तो वो हर रोज मेरी यूही इंसल्ट करेंगे और तुम्हें एक अच्छे बेटी की तरह उन्ते रहोगे
36:11मैं पर्ताश नहीं करूंगे कबीर मैं चली जाओंगी
36:14बलके जैसे उन्हें ने कहा था
36:18मैं भाग जाओंगे
36:19तुम्हें क्या होगी या तुम्हें
36:23अगर वो कह रही है तो बड़ी है सुन लो ना है ठीक है तुम्हें नहीं मानना कोई बात नहीं यह कांचा सुने दूसरे कांचा
36:32तुम्हें सिर्फ एक अबात सुनाई दीनी चाहिए
36:36कि तुम्हें इस कर में कोई चाहता है
36:39परिया मैं तुम्हें बहुत चाहता हूँ
36:44I swear
36:47हाली करना अगर मेरी इज़त पर बात आएगी तो
36:51हमोना मेरी इज़त
36:52तुम कबीर खान की इज़त हो
36:56तुम्हारे मूझ से घर से भाग जाने का लफ भी मुझसे बर्दाश नहीं हो रहा तुम
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