00:00एक पेड पर लगे हुए न जाने कितने पत्ते, उसमें से कुछ पत्ते तूट करके उड़ जाते हैं, हवाओं को दोश दें क्या, बाकी पत्ते क्यों नहीं तूट गए?
00:07जरूर उन पत्तों में, शाकों में, डालों में, पेडों में कमजोरी होगी, जो हवाओं के सामने तूट जाते हैं, गिर जाते हैं, हम उनकी बात क्यों न करें, हवाओं को दोश देने से क्या होगा? हवाओं तो बाहरी हैं, हमारा उन पर कोई बस नहीं, वो आज बह रही हैं