00:13ुणके दादा पर दादा लोग जगनास स्वामी को पूरी से उन विद्रहों को ले करके आये
00:21यहाँ छोटा साफ शुरुवात में मंदिर बनाया और उन विद्रहों को उस मंदिर में इसाफिस किया दिया
00:28और पूजा आर्चना प्रारंब हुई कश्पश्यात जो शतरपुर के महरास साफ के उन्होंने मंदिर के लिए रत्यात्रा के लिए रत्का निर्बान करवाया और वो रत्थ लगभग पचास वर्षों तक अनवरत चलता रहा
00:46और उसी में भगवान स्री जगनात, देवी सुबद्रा और भीया बलगाउ रत्प आरूर हुगर उस रत्यात्रा में सभी को जर्षन देनी के लिए निकलते रही
00:59जब वो जीरशीन हो गया लगभग पचास वर्षों की बाद वो रत्थ तब समस्त भक्तों ने मिलकर जनता जनार्दन ने मिलकर एक नए रत्का निर्बान करवाया और आज वर्षबान में उस नए रत्थ में आरूर होकर जगनात स्वामी रत्यात्रा में सबको दर्षन द