00:02अंतराश्रिय योग दिवस की बहुत-बहुत शुब कामना है
00:05वैसे जिस जगे पर हम यहाँ पर है
00:07स्वामी रामदेव हमारे साथ
00:09आचारे बालकृष्ण हमारे साथ
00:11और यहाँ पर योग की जो आपको पूरी
00:16यहाँ बच्चों की छोटे-छोटे बच्चों से लेकर
00:19जो लटक कैसे रही वो तो देखो
00:21अद्भूत है
00:22मुझे तो उम्र पूछने में भी शर्म आ रही है
00:25इतनी छोटी सी उम्र में
00:26और इतनी स्फूर्थी है
00:28और देखो इधर जो बच्चे लगे हैं यह भी अप्रतिम है
00:32स्वावी जी मैं आई तो देखा कि पेड़ बने हुए थे
00:34मुझे लगता है धीरे-धीरे जी सब बनेंगे उसी
00:36और यहाँ पर आपने रख रख रखा है
00:39यह अभी थोड़ी देर के बाद आपसे घुमाओंगा
00:42मैं पूरी कोशिश करूँगी
00:44लेकिन अब देखिये हम जिस जगे पर हैं
00:48जिस ब्रह्म सरुवर के साथ हम यहाँ पर हैं
00:50जिस पावन जगे पर हम हैं
00:53सामने गीता का जो उपदेश देते हुए
00:56भगवान श्री कृष्ण जो योगेश्वर हैं
00:59आज पूरी दुनिया युद्ध के आग में
01:01और वहाँ पर भगवान कृष्ण की सीख है हमारे साथ
01:05आज पूरी दुनिया की दृष्टी तो वैसे भी स्वामी जी भारत की तरफ है
01:09हाँ समाधान युद्ध तो हो ही नहीं सकता समाधान तो योग से होगा
01:14और खाली युद्ध नहीं जितनी भी उँच नीच भेद भाव
01:19ये तो सामराज्य वाद है विस्तार वाद है पूजी वाद है आधिपत्य वाद
01:25लोग अपने क्रूर पाशों में पूरी दुनिया को रोंद देना चाहते हैं नोच देना चाहते हैं उसको माने एक इस तरह की पूरी आपाधापी मचीवी है राजनेतिक तोर पर भी आर्थिक तोर पर भी समझिक तोर पर भी जितने भी जो विगटन है वो योग सी यू सम
01:55वैंसे वैसे व्यक्ति जो है वो सब के उपार आपनी सर्वों पर इसक्था अब जैसे आप रोज देख रहे होंगे चैनल ट्रम बयान दे रहे हैं चाल नहीं दे रहे हैं अभी तो शीं जिम्पिंग के एंट्री बाकी है जिन किम जोग उतर बे उस दिन क्या होगा पता
02:15मींस छीस तरफ दुनिया जा रही है इसको रास्ता योग से मिलेगा क्यूंकि योग शारीर का इंद्रियों का मन का चित्त का जीवन का परिशकार है।
02:25और जैसे मैंने कहाने योग की जो दार्शरिक विर्ष्टी है वो है आत्मा हम शुद्धो हम एको हम और एक कत्तो का ही सर्वत्तर दर्शन और के आत्मक बक्ष में जब हम प्रणायाम करते हैं बस तरीका पुझ्याचारी बक्षन जी कपाल भाति करने में जुटे वे अनुलो
02:55ट्यून अप करना पड़ेगा हाट्वेयर शॉफ्ट्वेयर लोगों के गड़वड हो रखें होना तो यहां तक चाहिए देख़ए ऐसे
03:00इतना नियंत्रा आ जाए सरीर पर पर इंद्रियों पर बी मन पर भी जिसमें आत्ma नियंत्रा होता है योग के दर्शन का पहरा सुत्र है
03:13अथा योगानु शासनम
03:15अथा योगानु शासनम ही अथा यूगानु शासनम
03:20मैं कहता हूँ ये योग धर्म बन जाएगा जिन योग धर्म
03:24योग धर्म जी जिन योग धर्म बन जाएगा
03:27और योग मुलक सानातन जीवन पद्धती लोगों की जीवन पद्धती बन जाएगी
03:32उस दिन ये सारे डड़ाई, जगड़ा, फसाद, खोन खाराबा और चारों तरफ जो आपा धापी मची है
03:39मने आदमी सब कुछ पाकर के करना क्या चाता है
03:44मने सकता है, संपत्ती है, संसाधन है, सारी दुनिया का सामराज ये है
03:49सब मिला भी तो करेगा क्या आखिर
03:51हमारे यहां सास्त्रों में कहा
03:53सारे दुनिया का इश्वर ये एक व्यक्ति को भी मिल जाए
04:03तो भी उसके त्रिप्ति तो हो नहीं सकती
04:05तो त्रिप्ति तो व्यक्ति को उसके अपने शील और आचरन से होगे
04:11कल सुबह यहीं पर योग दिवस आप यहां मैंने सुना है स्वामी जी कि हर पूरे पूरे चारों तरफ ब्रह्म से अबर एक लाख लोग यहां पर योग करें
04:22और यह द्रिश्य भी बड़ा सुहाना है मने ऐसे हरियाना में इस द्रिश्य की कलपना थो भी मुस्किल हो जाती है कहीं समुद्र के किनारे कहीं ऐसे कहीं पर बहुत बड़ी कोई लेक हो वहां तो यह मनने भगवान कृष्ण के समय से आज से 5000 साल से पहले से यह जो एक पवि
04:52दर्मरत है तो यह धर्म की कहो सत्य की कहो नियाय की विजय का यह पूरा जो कॉंसेप्ट है तो जहां से शिमत भगवद गीता का शंखनाद हुआ था वहां से ही योग का संखनाद कर यहीं से होगा एक लाख लोगों के बीच में हमारे नाइव सिंग से इसके लिए बहुत �
05:22करना पड़ाएगा फेरा यह वाले पुरुशार्ट पहले मुझे पता होता नो मैं खोकला ले आती हां जड़ा उठा करके देखो ने तो पूझे आचारी बाक्शन जी को पकड़ाएंगे फेर आप अचारी जी आएंगे मेरे साथ हां आप कोशिश तो कीजिए उठाने के �
05:52अचारी जी का वैसा अभ्यास है गुरकुल का इसलिए आचारी जी तो गुमा देगे ठीक है वह देखो यह बात है अब देखो पीछे बच्चों को तो देखो आप और ऊपर देखिए जब पहली बार योग दिवस हो रहा था तो मैंने आप से पूछा था कि एक जिन की पर
06:22सुन्दर तस्वीरें आती हैं बर्फ से उचाई से आई यह सब बड़ा मन को अहलाद देती है कि जिम से कुछ टोले शोले तो बन सकते हैं लेकिन जो हमारा पूरा जैसे मैं कहा है ना हाड़ वेर साफ्ट वेर पर हमारा स्ट्रेक्चर करेक्ट और योग तो एक पूरे जी�
06:52अब यह जब ऊपर से चलांग लगाता है तो अपने देखना अब यह चोटा सा बच्चा है अब यह जब ऊपर से चलांग लगाता है तो
07:22को भी डर लगता है कहें कुछ है अन्होनी ना हो जाए लेकिन इनका इतना भ्यास है कि शरीर पर भी संतुलल मन पर भी संतुलल लोग आम तो पर स्विमिंग पूल में करते हैं अच्छा लेकिन मैं देख रही हूं कि वहां पर वेट्स भी आज रखे हुए ऐसा क्यों आ तो
07:52कि यह जब आये थे तो बहुत छोटे थे खड़े जाओ वह वापस वापस खड़े हो करके हां लड़ाई जादा सीरिसली नहों जाए है कितने साल के हो क्या नाम है
08:04नाम बोलो मेरा नाम जीत है जीत और आपका रुद्र चलो जीत हो रुद्र में जोर से फटको रुद्र भी रुद्र है और जीत भी जीतने के लिए पीछे नहीं अट रहा है ओ तो यह थोड़ी उससे सीनियर आ गए हाँ चलो यह तो पूरे दावला गाना समझेंगे
08:34हाँ जोर से भाई और यह तो थोड़े शीनियर हो गये जितने अमारें ओंलिंपियन हैं कि आपकी आपको देखकर सीखते आपके साथ सीखते हैं सब कहते ही रहते हैं यहां पर वो नहीं पीडी तयआर हो रही है जो ओंलिम्पिक्स में भारत के लिए लाइगी
08:55बेटों के साथ यह बेटियां भी कम नहीं देखो इधा माने यह सब पहना मिलती है कि अपने शरीर को साधो अपने इंद्रियों को साधो अपने मन को साधो और प्रकृति परमेश्वर ने पिंड में सारे ब्रह्मान की शक्ती दीविये दिखो यह तो दो दो चड़की पहले �
09:25भूती होती है और जह है वैसे यहां पूरा यह जो पूरा द्रिश्य है अभी तो सुरियास्त की तरफ हम बढ़ रहे हैं और यहां चारों और यह बच्चे कुछ आड़िद्वार चागए अब पूरे हर्याना से कल यहां एक लाख लोगों का पूरा मजमा जुटने वाला है �
09:55और उपर अच्छा है अब देखो इतना संतुलन अपने को तो देख करके आसे रहे गई जराशी चूक हो गई तो निची पड़ेगी
10:03स्वामी जे ओलिंपिक में बड़े सारी डिसिप्लिन्स होते हैं जैसे अक्रोबैक्टिक्स वगएर उसके लिए कहा जाता है कि भारत की टीम कभी नहीं मुझे लग रहे है कि यहां पर जो लचीला पने जिसमें लगता है शरीर में हड्या ही नहीं केवल
10:15अब आप देखो उपर वहां एक मलखंब पर एक पैर से देखे योग में फ्यक्सिब्लिटी के साथ है संतुलन भी है और सबसे बड़ी बात है मन के अंदर सैयम देखो योग जो है न वो केवल शारीरिक व्याया मात्र योग नहीं केवल आसन केवल प्रायम केवल ध्यान न
10:45और सभी प्रकार से एक उन्नत जीवन का एक निरंतर आयाम है उसका उत्थान है जीवन का उर्द्वारोन है जैसे अब देखो यहां से में पीछे तरंगा देख रहा हूं वह भी कितना संदर लग रहा है माने एक चारों तरफिक जो परिद्रिश्य है न इस सारे परिद्रि
11:15सारे सात्विक्ता के रंग भरता है और यह 21 जून अब उसका पर्याय बना है कि सारी दुनिया वापस सोचे जिस तरह से दुनिया में मोटापा पढ़ रहा है पीपी शोगार थायरा आस्मा सायटिस्ट रिवर किजनी फिलिया कम से कम 20 से 25 करोड लोगों कि अब से उस पाट
11:45आपको हाट के बाइपास की बिना इंजो प्लास्टिक की बिना पेस मेकर के बिना आप अपने ओरिजनल हाट को अच्छा कर सकते हो और इसके हमने करोड़ों एक्जामपल इखटे की हैं आज भारत के हर गाओं गली महला में योग जो हो रहा है उसके पीछे कोई सास की आद
12:15कुछ ऐसी चीज़ें आज योग डिवस के अवसर पर उसे एक रोज पहले जो हम पूरे पूरा देश आपको जब सुन रहा है तो कुछ ऐसे आसन स्वामी जे जो लोग अगर अभी तक नहीं भी प्रारंब किया है आज से प्रारंब करना चाहते हैं तो कोई भी दिन ऐसा न
12:45कला जैसे बश्त्रे का सब को पता का पायल भाती सब को पता यूत दो अलूव मिलूम सब को अजो पता आज दस द्रे अफि यर्शियो, मैं बहु सकरे जब स埃टी धा, और आनुलूम, विलोम है नद्रारिव, सक्वर्फिदी कि स्वर्व, कमब, बहुतु लब,
12:58हब 4,400 क्रूमूर्टर न्मारा रेस्परितरी ट्रेक एक लाख क्रूमूर्टर न्माव के साथ सर्कुलिटर ट्रेक। और अनुलोम विलोम से एड़ा पिंगला स्वर्णा और इसके साथ जुड़िए भैतर को भैतर लाख 10,201 नाडियां और हमारा शरी इंजर्वि मन चित्य
13:28स्वासों का एक विशे सनुसासन है ये इडा ये पिंगला इंद ये चंद्रस्वर ये सूर्यस्वर और अगनी और सोम दो प्रधान तत्व है और फिर ध्यान भ्रामरी से
13:44कि और कपाल भाती हो तो आप भी अच्छे से करती हो मैं देख रहा हूं आप 25-30 सालों से इसी तबक रही हो आपने भी अपनी उम्र के उपर ब्रेक रहा है रहा है योग से तो कहते हैं आपको लोंगी वीटी मिलती है इमिनीटी मिलती है ये एंटी एजिंग है और इस देखो
14:14आपको मिलेगी सदायवा रहने की शक्ति और अंदर से शांती भी तो कपाल भाती मैं कहा रहा है ये तो
14:44इतना इजी है कपाल भाती माने कपाल कहते है माते को फाती माने ओच देज और कुछ आज यहां तो परिद्रिश्य इतना संदर बंढ़ा है ऐसा लग नहीं हरा कि हम हर्याना में पुरुक्षित्र में ऐसा लग रहा करही हमालय में और ऐसा स्वर्ग जैसा बात हुण है एक�
15:14आसन में यह पांच तो प्रणया और पांच आसन ऐसे जुखे अब आप कोशिस करेंगे तो आप से भी हो जाएगा कुछ भी कठिन नहीं है यह लो सामने देखो क्या बात है आप तो बहुत अच्छा कर रही है वैसे मैं आपकी उमर तो पूछूँगा नहीं लेकिन आपने
15:44को हमने 25-30 साल पहले देखा था फिर मैंने का फिर आगे कहना क्या है बोला हम बूड़े होगे आप औहीं कमें रुखे भी हो तो एक ही राज है उसका बोले योग योग करोर योग युकताहार विचारवानि व्यभार स्वभाव आचर युकताहार विहार से युकताहार वि
16:14योग बुद्रासन आप करें थे नो पांच आसन और फिर यह करने गोमुखासन बाएं नीचे दाएं उपर स्ट्रेक्श्रल बैलेंस भी हो जाएगा देखो कितना अच्छा है न ऐसे यह और ऐसे अब यह तो लोगों से इतना तो होने लगाया अब यह कठीन कठीन आसन जो
16:44बाकी यह तो एडवांस ही हो कम से कम यहां से शुरुवात तो करें इतना तो करें इतना तो करें बटरफ्लाई तो करें कि थोड़ा हिलना डुलना शुरू तो करें यह ऐसे एक बार शुरू होता है उसके बाद सब का देरे देरे आपको एक योग की अच्छी आदत से कितन
17:14तो एक बर शुरुवात करें ऐसे करें उल्टा लेट जाए चलो अब आपको जो है ना पावर योगा कराता हूं उल्टे लेट करके देखो अब ज्यादा तर लोगों को कमर में दर्द है इतना तो करी सकते नहीं इसको कहते हैं मकरासन वैसे आप योगी नहीं भी अच्छी ए
17:44मिलता है उतना योग परती है उसके लिए थैंक्यू और यह अच्छी बात है अब देखो दोनों हाथ साइड में फोड़ी जुमीन पर दोनों पर पीछे पास में और पास में पीछे खीच के रखना पंजे पास में रखो और सामने से उठो उठो उपर देखो ऐसे ये ऐसे
18:14कमर जुकेगी भी नहीं ने तो आज कल लोगों की थोड़े दिनों में कमर का कबाड़ा हो जाता है और मैं तो पता ही किते बार कर लेता हूं ने इसको करता था पहले तो 500 बार, अभी भी 2202 सु बार ऐसी कर लेता हूं और एक मिनट में 100 बार
18:28मैं तो देखते हूं कि जिम जाने से किसी को कोई injury हो गई, कुछ हो गया, लेकिन यहां पर देख रहे हूं, यहां वाला योग वाला जिम है, इसमें कोई injury नहीं है, और आज तक मैं आपके सामने बैठा हूँ, एक बार injury नहीं ही, सुवावी जी हम ब्रह्मा सरूवर का आच्�
18:58देखा ही नहीं कुष्टी अच्छा चल बीच बीच यहां कोर्नर से सुरू करो पहले तो बेटू को देख रहे थे आप और ये थोड़े ओहो ये भी बड़ी गजब की बेटिया मने इन्होंने योगासन भी किया सुर्ण मस्कार भी किया और इसको मल युद्ध कहते हैं बड�
19:28युगे युगे इसकी हर पल जरूरत है माने जीवन में धर्मा धर्म का सत्या सत्य का पाप पुन्ने का संगर्ष्य चलता रहेगा और उसमें सत्य के पथपर आगे बढ़ते जाना है हम ब्रह्म सवर्वर की तरह आगे बढ़ रहे हैं
19:44लोग यहाँ पर बहुत बड़ी संख्या में लाखों लाट्स शद्धालू आते हैं जब भी सूरिग्रहन का समय होता है कोई भी पावन्तिधी होती है क्योंकि स्वामी जी वैसे भी युगो युगो पुराना इतिहास इसका केवल साल और दशक नहीं
19:59यह तो बात सच है कि यह पुन्य धरा है और एक धरती के कुछ स्वंदन होते हैं कुछ बाइफ सीजिन को कहते हैं तो यहाँ पर लोग आकर की थोड़ा फिसलन है वैसे तो जिन्दगी में हर जगे फिसलन है
20:18हैं तो जब हम ऐसे पवित्र जल में प्रवेश करके इसमें तो कुछ आगे पंची भी है और कुछ नाओं पर भी लोग हैं और
20:29यह मानि पवित्र जल का स्परस और उसका आजमन अपने आप में मन को शांति देता है और यहां चारों तरफ का जो प्रिद्रश्य है
20:47सची बात तो यह है कि मैं कई बार को रुक्षितर आया लेकिन योग दिवस के निमता है तम मैंने इसके भीतर के उर्जा स्पंधनों को महसूस किया कि योगेश्य भगवान कृष्ण ने यहां पर घीता का उपदेश को ऐसे संयोग वसने किया धरती का भी एक अपने आप म
21:17हम योग की जो शारीरिक मानसिक बुद्धिक शक्तिया हैं उनको तनोभव कर रहे हैं योग की पारमार्थिक सक्ति भी बहुत बढ़ी है जितना हम देख रहे हैं जो द्रिश्य जगत है यह तो आध्यात्मिक द्रिश्य से स्वरताजी एक प्रतिशत में आजाते है निन्या
21:47सिसे संट्रियन से एक एक सहल के अनदर एक सेट में एक लाग से लेकर के एक करोड तक एक जी एक सेकीड में होते हैं दिवीशूर यशासर से भवेत यूकबत उथिता यदिभाह सदेशी सास्यार वाससरस से महात्मान जो योग करता है ना उसके तन में मन में उसके प्राण
22:17तरेलिक मानसिक बुद्धिक आध्यात्मिक उर्जा तरंगु का जीवनिय उर्जा का संतुलन और सही कारिय में उनका नियोजन और उसका नाम जो है योग है और वो संदेश जहां से दिया था भगवान श्री किष्ण जी ने वो जगय इस बार हमने चुनी है और ये ये जगय
22:47जहां से युद्धस्वा माम अनुस्मर है युद्ध भी करो और मेरा स्मन भी करो तो यह आपको परिद्रिश्य जो है यहां सामने से दिखाएंगे तो कि नहीं और अच्छा लगएगा अब एक ये भी यूग है हमारे देश के प्रधान मंतरी जी देखो
23:04राजनीती में योगनीती को लिया है योग में राजनीती नहीं होने चाहिए लेकर राजनीती में योगनीती शिक्षा नीती में योगनीती उद्योग में योगनीती तो कर्मन्नेवा अधिकारस्ते माफलेशू कदाचने का जो भगवान जी ने गीता में उपदेश दिया
23:34पुस्मर युद्ध तो जीवन में हर पल रहे, जीवन में हर पल संघर्ष हैं, चनोतिया हैं, और उन संघर्ष और चनोतियों के बीच में आपको आगे बढ़ना है, तो वो संदेश भगवान कृष्ण जी यहां से दे रहे हैं, आज तो यही है कि दिमाग को दुनिया के नेत
24:04जीर में, इंद्रियों में, मन में, संतोलन, और यह जो संतोलन है, यह बड़ा घहरा है, सास्थे का भी मूल है, और जीवन का भी मूल है, मैंने खड़ा उपर ही किया है, और दिमाग को ठंडा रखने के लिए अनोलोम बिलोम, शीतली शीतकारी, इसके बड़ी भूमी का है,
24:34तो नियम ले लें कि जैसे आपने कहाना, कम से कम पांच आसन, पांच प्रणायाम, पांच मुद्रा, ध्यान मुद्रा, वाय मुद्रा, शन्य मुद्रा, वन मुद्रा, पृत मुद्रा, शक्ति मुद्रा, अपान मुद्रा, कोई भी पांच आसन, पांच मुद्रा, पांच स
25:04तो करें, ऐसे किया, थोड़ा ऐसे किया, थोड़ा ऐसे किया, कहीं न कहीं से सुरुवात करेंगे न, तो ये जो पूरी दुनिया में एक जो त्रा सदी है, बीमारियों, बुराईयों और तमाम तरह के जंजावातों में, मानवता उल्जी पड़ी है, सारी उल्जन सुर्जे�
25:34तो सब से आभवान करूँगा हम सब रिशिश्रिकाओं के वन्षधर है हमारे तो डिएने में रोग नहीं योग है तो हम योगियों की संतान हो करके हम रोगी हो यह आमेश वभा नहीं देता जैसे भगवान श्री कृष्ण कहते हैं न कलब में मास्म गवप पार्था नहीतत्
26:04अप्र अग्रस्रीत हो जाए और जैसा स्वामी जी ने इस बार की योग दिवस के लिए कहा भी आना कि कुछ आधे मंद से करना नहीं है बड़ी स्थर पर करना है उससे तो घर पर ही आप आज तक देखकर करिए योग शुरुआत की जिए शुरुआत जरूरूर आज तक न