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  • 3 months ago

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00:00कल साथ वस्ता भरपूर पाउस वारव अवधान आले, पाउस आला, माझे नारुक माझे उट्रट अखल्यान करा है, मी आम्बेगाउच अर्यवाश आये, लान मदी माझे शेती है, कमीत कमी माझे 2000 केड़ी है, पूर्णा रोप लाव लिला है मी, एक रोप पंद्रा वीस र�
00:30लागले, आज माझे केड़ी शग्री उद्वस्त जाली वारे वावधान आले, आता इस सरकार ने जर आमचे और कुर्पा केड़ी क्यों काई आनुदान दिला आमाला, तर बर होई, आशा पदतिना खर्च की जाला, आने उत्पन किती होना रोटो, आता स्यम्बा रुपए
01:00आम तो 4-5 लाग रुपए उत्पन वथ होते, पंची चार अरिज नमल्यान थार पड़ु लागले, चार लाग रुपए शर आमचे उत्पन वथ होते, आता काय मागनी राना तुम चम्राइब आता आमचे सरकार लाइ ओड़ी चुश्त आए कि काई ना काई तर शेतकरे ल
01:30भंड़ी साहबाद चामी कड़करी नमीन तिकोरों से लिया, आम तालू क्या आप शितके रेचे जे जे लुश्कान जाली ले त्या लुश्कानी परमान पैसे दीन है अवश्य गर्जे चाहे बड़ु माजाकर 3,000 केड़ी होती, 3,000 केड़ी मुदी सगल लाम धालेला है, �
02:00किती खर्चे जाला है, किती उत्पन होती होती है?
02:30दुसरा परियात नहीं ना दुसरा पीके नहीं आम चेकर, काय करवाता है? तरहाता सरकार करून काय तरी मदद भिटली तामाला बर होई, चांगले होई, थोड़ा जगाय पूर्त तरी होई, रहेले उत्पन माता थोड़ा आमाला खायाला पियाला तर लागे लेकरा बाड�

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