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  • 2 days ago
पूरा वीडियो: प्रेम सीखना पड़ता है || आचार्य प्रशांत, बातचीत (2022)
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Transcript
00:00जो फिल्म दिखाई गई है कि एक आदमी जो संदिगी में कभी किसी से प्रेम नहीं करता था
00:04बच्पन में उसके माबाप बहन की मृत्य हो गई थी उनसे उसका प्रेम था
00:07उस आदमी के जीवन में ये कुट्टा आता है वो इस कुट्टे को पहले एडॉप्शन के लिए देना चाहता है कुट्टे को
00:12लेकिन फिर दीरे दीरे उसके भीतर जो बाध बन गया उसके दरवाजे खुलने लगते हैं
00:17तो इदम चमतकार होने लग जाता है जो आदमी शफदों से नहीं हूसो और ठपड़ों से बात करता था
00:22वो आदमी आद बात पर रोने लग जाता है आप पाते हो कि उसमें पच्चों जैसी नर्मी आ गई है
00:27जिस आदनी को संदगी में कुछ भी नहीं चाहिए था
00:29उसमें भाव आ जाते हैं, उसका चेहरा ही बदल जाता है
00:32उसके कुट्टे को कैंसर हो गया है
00:34और उसे कुट्टे को परिफ में खेलना बहुत पसंद था
00:36केता है न гор ait छोड़के मैं सिवार गुब humana है एंसान ही दूसरा हो जाता है वंछे दूसरा इंसान है वो हम सब Prinzip के काहुए और हमने उसको लॉक कर रखा है कि बाहर से हमको
00:47चोट पड़ी है, हम कहते हैं मैं तभी दोंगा जब मुझे बाहर से मिलेगा
00:50और बाहर से मिले ऐसा कोई जरूरी होता नहीं देखो
00:52आदमी वो है जिसको बाहर से मिले या ना मिले वो बाटता चले

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