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  • 6 days ago

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Transcript
00:00Do you know that today is the day of the day
00:29The Rev�로ada brothers and sisters have visited them...
00:33Actually, we讓 them in France.
00:35Yeah, have to go.
00:37I투 naming events will all apply.
00:41It is also bye,
00:43recently took one a Sorry,
00:45we will be to
00:49But we have nothing wanted to say that
00:51fly Patricia Varito Singh,
00:54what question起 Sinatra is,
00:55who becomes the child's big name?
00:57It's a very
00:58True Dinner.
00:59The future will become the director of this state.
01:02My father will become the director of this state of state and the director of the character of this state and district of the state of state.
01:21ुप्रिया प्रजा कई वर्षों तक मैंने आपकी सेवा की
01:48अपना कार्य सत्य निष्ठा से निभाया
01:52हमारा गाउं प्रगती के मार्ग पर चले मैंने वो सब कार्य किये
01:57परंतु हमारा साथ यहीं तक था
02:01अब ये कार्य भार ये उत्तरदायत्व अपने पुत्र के नाम करने का समय आ गया है
02:08मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कि आज मेरा जो भी निरनाय होगा
02:13वो मेरे पुत्र मोह में नहीं बल्कि राज्य की उन्नती के लिए होगा
02:18जिस सुनकर सभी ताहिया बचाने लगे
02:21इतने में ही धोल नगाड़े बजने लगे
02:23फूलों की बरसात होने लगी
02:25और इसी के साथ दोनों राजकुमार
02:28मुकुर सिंग और भान सिंग
02:29दोनों ने अपने पिता को प्रणाम किया
02:32जनता की पलक तक नहीं छपक रही थी
02:39जिसके साथ राजा ने वो मुकुर छोटे बेटे भान सिंग के सर पर रखा
02:43ये देखते ही जनता में चारों और खुशियां फैल गए
02:47सभी के मन में उल्लास भर गया
02:50महराज भान सिंग की जये
02:52लेकिन ये देखकर मुकुर सिंग को बहुत बुसाया
03:02आज से इस राज्य की बाग डोर तुम्हारे हाथों में है
03:05अब देखना ये है कि क्या तुमें सुप्तरदाइत्वों को
03:09अपने करतव्य को अच्छे से निभा पाओगे या नहीं
03:14आज तक मैंने इस राज्य को इस शिखर तक पहुँचाया
03:18और अब तुम्हें इस राज्य को और उचाईयों तक ले जाना है
03:23मैं आपको वचन देता हूँ पिता श्री
03:25पुत्र मुकुल मुझे अनिथा मत समझना
03:30परन्तु ये राज्य के हित के लिए सही निरन है
03:35मुकल अपने पिता से कुछ नहीं कहता
03:39वोई घर की मुस्कान के साथ सभा छोड़ कर चला जाता है
03:42लेकिन उसके जाने से किसी को कोई परक नहीं पड़ा
03:46भान सिंग को बिर्यानी बहुत पसंद थी
03:48इसलिए भान सिंग की पसंदीदा बिर्यानी पूरे राज्य में बटवाई गई
03:53जनता ने खूब खुश्या मनाई
03:55अगले दिन बाजार में बहुत रौनक थी
04:01क्या बात है आज तो हमारा बाजार बिलकुल किसी महल की तरह सजाय गया है
04:07अरे क्यों नहीं
04:08महराज भान सिंग अब हमारे राजा है
04:10लेकिन जो भी कहो बेन
04:12मुझे तो लगा था कि इस निर्णे से
04:15दोनों भाईयों में तकरार पैदा हो जाएगी
04:17परन तु बहुत बड़ा हिर्दा है
04:20राजकुमार मुकुल का
04:21उन्होंने एक शब्द भी नहीं कहा
04:24बेचारे अपना दर्द कैसे चिपाते
04:26माहौल खराब ना हो जाए
04:28इसलिए वो वहाँ से चले गए
04:30एक शब्द भी ना बोले
04:32अच्छा भाई
04:33अब आप दोनों मेरी दुकान के सम्मुक खड़े-खड़े
04:36सिर्फ बाते ही करोगी
04:38या बताओगी कि क्या सामान लेना है
04:40हाँ हाँ
04:42मुझे दो किलो दाल दी दो
04:44राजा के फैसले से जरता बहुत खुश थी
04:47चारों तरफ राजमहल की ही चर्चा हो रही थी
04:50सभी मुगल सिंग राजकुमार की
04:52बहुत सरहना भी कर रहे थी
04:54उदर राजमहल मी भान सिंग आए दिन
04:56अपनी सेना को बढ़ाने के उपाए निकालता रहता
04:59अरे भीया मुगल
05:06आप आई आई ये
05:08हम देख रहे हैं कि तुम जोरो शोरो से
05:10पूरी लगन के साथ अपना उत्तरदायत्व निभा रहे हो
05:14ऐसे ही आगे बढ़ते रहना
05:16आज आपने सच में साबित कर दिया
05:18कि आपका कद सदैफ मुझसे उचा ही है
05:21परन्तु आप ये याद रखना
05:24कि ये राजकद्धी हम दोनों भाईयों के प्रेम के बीच में
05:27कभी नहीं आ सकती भीया
05:29आप सदैफ मुझसे पड़े रहेंगे
05:32मुकल राजकुमार मुस्कुराते हुए
05:35वहां से चला गया
05:36भान सिंग को बिर्यानी बहुत पसंद थी
05:39इसलिए महल में भी अकसर बिर्यानी ही बना करती थी
05:43ऐसा कौन सा मसाला है
05:44जो मुझे बिर्यानी के चरम सुप तक ले जाएगा
05:48मैंने अलग-अलग हाथों से बनी बिर्यानी चखी है
05:51परन्तु मुझे वो स्वात कहीं नहीं आया
05:54जिसे मैं आज तक ढोड़ता आया हूँ
05:57महराज, आज के भोजन में कुछ कमी है क्या
06:00ख्षमा चाहूंगा राजा सहब
06:02अरे अरे, ख्षमा की क्या वशक्ता है
06:04खाना ही तो है, उपर नीचे होता रहता है
06:08ऐसे ही कुछ तिंग बीद कए
06:10अरे आओ आओ, आओ, भरपेट बिर्यानी खाओ
06:20वो भी सिर्फ दस रुपे में
06:22जी हाँ, दस रुपे की प्लेट खाओ, आओ, आओ
06:26बिर्यानी खाओ, वो भी सिर्फ दस रुपे में
06:29जी हाँ, सिर्फ दस रुपे में बिर्यानी
06:31और कहीं नहीं मिलेगी
06:33आपके राज्य और आपके गाउं के लिए मात्र
06:36I have 10 rupees of plate of biryani.
06:39Listen, listen.
06:40I've heard it first.
06:43It's good.
06:44It's good.
06:46Let's give a plate of biryani.
06:49Oh, this is a great fun.
06:53You should do it.
06:56You should do it.
06:58Okay.
06:59Look at this man's man's biryani.
07:02It's completely empty.
07:04But the people's wealth was also very rich.
07:10It was very rich.
07:14What did you say, sir?
07:16What did you tell me?
07:18Where did you go?
07:20How did you go?
07:22How did you go?
07:23Mr. Rajaji, one of the people who came here,
07:26who has 10 rupees per plate,
07:28who has 10 rupees per plate.
07:30HMAKY SHAK HAY KHORAB KKISM KHA SAMAN PRAYYOK KERTA101H
07:35KYOKA KHADALEK HMAKY SHAK HATUK KHADALEK KHADALEK KHADALEK BHAHALEK TOYWAHALEK KHAWALEK TOYWA
07:44KHAGALEK KHAGALEK KHADALEK TOYWAK KHAVALEK KHAKADALEK KHADALEK
07:57I don't know what to do in front of you.
07:59You don't do this.
08:00I'll change the meat.
08:02Raja has made its own meat.
08:05After that, he came to the store.
08:08What name is your name?
08:10I heard that you are selling 10 rupees of meat.
08:14Put one plate of meat.
08:17Yes, my name is Raju.
08:19I'm going to put one plate of meat.
08:21Let's get this.
08:24After eating the meat,
08:27I haven't eaten a chicken.
08:29I don't eat a chicken.
08:31I've eaten a chicken.
08:33I've eaten a chicken.
08:36But you don't have a chicken?
08:39You don't have to eat it.
08:41You've eaten some milk?
08:43I don't have to eat it.
08:45Why will it make me a chicken?
08:47One day, my face will show you,
08:49I will show you.
08:51What do you think?
08:53What do you think?
08:54परन्तु दस रुपए ब्लेट बेच कर, क्या तुम्हें घाटा नहीं होता?
08:58अरे भाई, तुम्हें सुभा सुभा कोई और नहीं मिला क्या?
09:02अभी काम का समय है, बातों का नहीं.
09:05और रही बात मेरे घाटे की, तो ये काम मेरे दादा पर दादा के जमाने का है.
09:09और मैं बस जन्ता की सेवा ही तो कर रहा हूँ.
09:13अगर कम पैसो में मैं सबको आनंद दे सकता हूँ, तो मैं वो कारे क्यों न करूँ, जिससे मुझे पुन्ने की प्राप्ती हूँ.
09:21वैसे भी दाने दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम.
09:25ठीक है भी या, अब आप जाओ, बहुत भीर आ रही है.
09:29इसके बाद राजा अपने महल पहुचा.
09:46अगले दिन राजा ने तहकीकात के लिए कुछ सिपाहियों को बिर्यानी वाले के दुकान में भीजा.
09:52तहकीकात में उन्हें कुछ ना मिला.
09:55मैंने कहा था ना, कि तुम्हें मेरे किसी भी कारे में कोई मिलावट नहीं मिलेगी.
10:01अरे, मैं बहुत परिश्रम से और इमानदारी से अपना कारे करता हूँ.
10:05भला महराज को मुझे पर शक्किन हुआ.
10:07ये तो मुझे समझ नहीं आ रहा, पर मैं एक बहुत ही साधानन इंसान हूँ.
10:13तुम्हें महराज ने राजभावन बुलाया है.
10:15इसी समय अपनी दुकान पर ताला लगाओ और हमारे साथ चलो.
10:18वो आदमी बहुत घबरा गया, लेकिन उसे सैनिकों के साथ जाना ही पड़ा.
10:48और अभी तो मेरा विवाव भी नहीं हुआ है, महराज.
10:51अरे-अरे, डरने के आवशक्ता नहीं है.
10:54मैंने कब कहा कि मैं तुम्हें कालकोट्री में डालूंगा,
10:58बलकि मैंने तो तुम्हें यहां बावर्ची की नौकरी के लिए बुलाया है.
11:03क्या तुम राजसी बावर्ची बनोगे?
11:06मेरे लिए प्रति दिन ऐसी ही बिर्यानी बनाओगे,
11:09तो मैं तुम्हें यहां से जाने दे सकता हूँ.
11:16मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा.
11:18महराज, मैं आपके लिए बहुत ही स्वादिश्ट बिर्यानी बनाओँगा.
11:22मैं आपका बहुत आभारे रहूँगा, महराज.
11:28उस रात, जब महल के सभी लोग सो रहे थे,
11:32तभी बगीचे की तरफ राजू किसी को इशारा करता है.
11:35अभी यहाँ से जाओ, मैंने कहाना जाओ,
11:38मुझे समय मिलेगा, तब मैं सोयम तुमसे बात करूँगा.
11:42किसी के कदमों की आहट हुई,
11:44और कदमों की आवाज सुनते ही,
11:46काली शॉल ओढ़े हुए वो आदमी वहाँ से भाग गया.
11:49ये लीजिये महाराज, गर्मा गरम भोजन तयार है.
11:57परन तो ये क्या, आज आप कुछ चिंतित लग रहे हैं?
12:02हाँ राजू, विशय ही चिंता का है.
12:05हमारे राज्य पर वर्षों से नजरें गड़ाए हुए,
12:08कानपुर राज्य का राजा बाला,
12:10हम पर आखरमण करने की योचना बना रहा है.
12:14अगर वो आखरमण करेंगे तो,
12:16विजय तो हमारी ही पक्की है ना महाराज?
12:18नहीं, मेरा कहने का ताथ पर ये था महाराज,
12:22कि हमारे पास तो धेर सारी सिना है ना?
12:26कानपुर राज्य के महाराज के पास,
12:28हमसे दोगुनी सिना है.
12:31और मुझे भय है कि अगर उन्हें इस बात का पता चला,
12:34तो वो आखरमण करने में एक दिन भी जाया नहीं करेंगे.
12:39इतने नहीं मंतरी वहाँ पहुँच गए.
12:41महाराज, राज्य के अंद्रोनी बात हैं,
12:44इस प्रकार खुले आम नहीं करते हैं.
12:47अरे, यहां राज्य के सिवाए है ही कौन?
12:51ये तो हमारा अपना राज्य है.
12:53देखो, देखिए, राज्य आज क्या बना कर लाया है?
12:57अच्छा हुआ मंतरी जी आप आ गए.
12:59चलिए, साथ बैट कर खाते हैं.
13:02राज्य और मंतरी को खाता देख, राज्य वहां से चला गया.
13:09राज्य बड़ी ही देड़ से बगीचे में किसी का इंतिजार कर रहा था.
13:17अंधेरा होते ही, धीमी कत्मों की आहट के साथ,
13:21काली शौ लोड़ कर अपने मूँ को ढखा,
13:23एक रहस्य मई आदमी राज्य के पास आ पहुँचा.
13:47राज्य के हाथ से वो कागज लेकर रहस्य मई आदमी वहां से पौरन गायब हो गया.
13:53क्या बात है राज्यू, आज पूरे राजभवन के लिए तुमने बिर्यानी बना दी?
14:04बिल्कुल वैसे ही बनाई है न, दस रुपए प्लेट वाली बिर्यानी के तरहा.
14:11इसके बात राज्यू फौरन सभी को बिर्यानी परोज देता है,
14:14कि कुछी समय बात मंत्री वहां दम दमाता हुआ भाग कर आया.
14:21रुख जाईए महराज, ये बिर्यानी मत खाईए.
14:25लेकिन क्यों? क्या बात है मंत्री जी?
14:28सैने को, फौरन इस बिर्यानी वाले को बंदी बना लिया जाए.
14:33सैने को फौरन राजू के हाथ में हदकरियां लगा देते हैं.
14:36अब तो बताईए मंत्री जी, बात क्या है?
14:39राजू को बंदी क्यों बनाया गया है?
14:41महराज, ये देखिए, इस डब्बी के अंदर नशीला पदार्थ था.
14:47और ये मुझे रसोई घर में भोजन बनाने वाले बर्तनों के पास मिला.
14:54इस बिर्यानी में अवश्य कुछ न कुछ मिला है.
14:57मुझे इस राजू पर प्रारंब से ही शक था,
15:00कि भला कोई दस रुपए प्लेट बिर्यानी कैसे बेच सकता है?
15:04सच सच बताओ, कौन हो तुम?
15:08आप, आप ये मुझे पर कैसा आरोप लगा रहे हैं?
15:10पर तुम ये बिर्यानी स्वयम खा कर हमें यकीन दिलाओ कि तुम ने इसमें कुछ नहीं मिलाया है.
15:24इसे खाने के कुछ समय बाद अगर तुम बेहोश नहीं हुए,
15:28तो हम मानेंगे कि तुम्हारी इमानदारी पर हमने यूँ ही शक किया.
15:34ये सुनते ही राजू हक्का बक्का हो गया
15:37उसने बिर्यानी करने वाला अपने हाथों में लिया
15:40लेकिन वो उसे मूह तक नहीं ले जा पा रहा था
15:43सच बताओ या मैं तुम्हारा सर धड़ से अलग कर दू
15:48राजू कुछ बता पाता कि इतने में कानपुर राज्य की सेना महल में ताखेल हुई
15:54सब कुछ इतना अचानक हुआ
16:02भान सिंग और पूरा राज्य इसके लिए भी तयार नहीं था
16:06कानपुर के सिपाहियों ने पूरे महल को एक शंचान बना दिया
16:10चानु तरब खून की लदियां बह रही थी
16:13लड़ते लड़ते राजा भी बहुत जखमी हो गया
16:16भान सिंग अपनी आँखरी सांसों तक लड़ता रहा
16:19वो अपनी मौत के करीब था
16:21वो अपनी आँखरी सांसें ले रहा था
16:24that he saw that Mukul Singh is at the same time.
16:28My brother, you are good.
16:32You are good.
16:38My dear brother Bhahn Singh,
16:41how are you?
16:43Today, I got a lot to see you.
16:47You know what I mean.
16:54You are good.
16:56You are good.
16:57You are good.
17:00I am good.
17:02You are good.
17:07You are good.
17:09My brother,
17:11
17:41You are my big brother. You are my love. You are my love.
17:47You are my love.
17:50My little brother doesn't understand my little brother.
18:00You can't understand.
18:02You are very sad when you have a good brother.
18:08You are my love.
18:11You are my love.
18:13If you are my love,
18:15if you are my love,
18:17if you are my love,
18:19then you will be my love.
18:23So, I have said to you,
18:26I have said to you,
18:29that you will be my love.
18:31You will be my love.
18:33You will be my love.
18:36You will be my love.
18:38You will be my love.
18:40You will be my love.
18:42You will be my love.
18:44You will be my love.
18:45You will be my love.
18:47You will be my love.
18:49You will be my love.
18:50You will be my love.
18:52You will be my love.
18:53You will be my love.
18:55But you will be my love.
18:57You can feel your love without touching your love.
19:00आपने आपने चल किया आपने खंजर भोका है अपनों की पीट पर लेकिन इस राज्य का सुख तुम भी नहीं भोक पाओगे जो तुमने किया है उन कर्मों का हिसाब तुम्हें अवश्य मिलेगा
19:16इतना कहते ही भांग सिंग इस दुनिया को अलविदा कहकर हमेशा हमेशा के लिए चल बसा
19:22आज से इस राज सिंग हसन का स्वामी मैं हूँ मैं हूँ तुम्हारा रुप जाओ
19:31अरे इतनी भी क्या जल्दी है मुकुल सिंग
19:35मूर्ख तो तुम हो किसी को अगर मूर्खता की मूरद बनानी हो तो वो तुम्हारी ही मूरद बनाए
19:45कानपुर के राजा के मूँ से ऐसी बातें शोभा नहीं देती
19:51मैं कुछ समझा नहीं कि आप कहना क्या चाहते हैं
19:55अरे मोर्ख, तुम अपने ही भाई से इतना जल रहे थे, कि तुमने उसकी मौत की तैयारी कर ली, तो मैं तो फिर भी तुमारा गैर हूँ, मैं भला तुम्हें ये राज्य क्यों दूंगा, मेरे सैनिकों ने यहां हमला किया है, और तुम आखरी वारिस हो इस खानदान के, त�
20:25पिता को जान से मारा था, और आज देखो, मैंने तुम्हारा पूरा वंश ही मिटा दिया, बहुत बहुत धन्यवाद तुम्हारा, ये सब तुम्हारी वजह से ही तो पाया है, हाँ, क्या, नहीं, तुम ऐसा नहीं कर सकते, ये तो, ये तो धोका हुआ मेरे साथ, हाँ, अव
20:55जो तुमने अपने परिवार के साथ किया, वही मैं तुम्हारे साथ कर रहा हूँ, इसे काल कोटरी में डाल दो, क्या, नहीं, ये मैंने क्या कर दिया, सत्ता के लोग में, मैंने सब समाप्त कर दिया, मेरा भाई, मेरे पिता श्री, ये राजभावन, ये राज्य, सब कुछ
21:25foreign
21:32foreign
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