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00:00भगवान का नाम ले लेके पकवान जाड़े जा रहे हो। और वजन है सवासो किलो या ध्हात्मिक आत्मी है। दूसरों से कैसे प्रेम करोगे इसे खुद से ही नहीं प्रेम है। कल पर सो तक मर जाए गई है।
00:09फिरी भगवान, शरी भगवान, लाव पकवान, शरीर सहमत नहीं है, पेट अनुमत नहीं है, और इतना ठूस लिया है कि भगवान शब्द भी ठीक से नहीं निकल पा रहा, पकवान के नीचे भगवान दब गया, भगवान यहां से निकलना चाह रहे हैं, पकवान उन्हें द
00:39भगवान का नाम लेनब बहुत अच्छी बात हो सकती है पर पकवान जारे जाओ और भगवान बोले जाओ ये अच्छी बात नहीं हो सकती जो कि बात ये नहीं है कि आप क्या है क्या रहे हो बात ये है कि आप जी कैसे रहे हो जितने उचे तरीके से जितने ताकतवर तरीके से

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