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  • 6 days ago
माताहारी से लेकर ज्योति तक... वारदात में देखें टॉप लेडी जासूसों की कहानी

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00:00नमस्कार मैं हूँ सुपरतीम बेनर जी और आप देख रहे हैं वारदाथ
00:03हमारी और आपके इस दुनिया में जासूसों की एक अलग ही रहसे में ही दुनिया होती है
00:09वो रहते तो हमारे बीच में ही हैं लेकिन उन्हें कोई पहचान नहीं पाता
00:13इन दिनों ट्रेवल, योट्यूबर, जोती के साथ साथ पुलिस ने कई ऐसे लोगों को गिरफतार किया है
00:18जिन पर देश के खिलाफ जासूसी करने का इल्जाम है
00:22लेकिन जासूस हमेशा फरेबी और दगाबाज नहीं होते वो देश भक्त भी होते हैं
00:28तो वारदात में आज पेश है इस जासूसी दुनिया की उन चंद नामी लेड़ी जासूसों की कहानी
00:34जिन्होंने अपने मिशन के लिए जान की बाजी तक लगा दी
00:38अब तक की सबसे खतरनाक जासूस के ये वो आखरी लम्हे हैं जिन्हें याद कर दुनिया भर के जासूस आज भी कांप चाते हैं
00:57ये दौर है पहले विश्वयुद के खात्मे से एन पहले का जब फ्रांस ने 15 अक्टूबर 1917 को मुल्क के खिलाफ जासूसी और गद्दारी के लजाम में माताहारी को गोलियों से चलनी कर मौत की सदा दी थी
01:13माताहारी यानि वो बला जिसके सिर पर पचास हजार से ज्यादा फ्रांसीसी सैनिकों के गटल का इल्जाम था
01:33फ्रांस का दावा था कि माताहारी पहले विशुयुद्ध के दौरान पैरिस में रहकर जर्मनी के लिए जासूसी कर रही थी और फ्रांसीसी सिना के अपसरों से रिश्टे कायम कर उसने देश के कई एहम राज जर्मनी के हवाले कर दी
01:47फ्रांस को इसके चलते जंग के दौरान भारी नुपसान उठाना पड़ा
02:09जी हां इतनी ही खतरनात थी पिछली सदी की सबसे शातिर जासूस माताहारी
02:15वो महिला जासूस जिसकी जिन्दगी हकीकत में किसी हॉलिवोड ट्रिलर से कम नहीं है
02:20दरसल निदरलेंड में जन्मी माताहारी का असली नाम था मारगरीथा जैले
02:26रईस परिवार में पैदा हुई मारगरीथा की शुरुआती जिन्दगी ऐश और आराम में गुजरी
02:32लेकिन जवानी की देहलीस पर कदम रखते ही उसका परिवार बिखर गया
02:36और उसने मजबूरन खुद से दोगनी उमर के एक आरमी अपसर से शादी कर ली
02:41मारगरीथा की शादी शुदा जिन्दगी ठीक नहीं रही और कुछी सालों बाद वो अपने पती से अलग हो गई
02:48मगर इस वाके ने मारगरीथा की जिन्दगी में जबरदस बदलाव लाया
02:56पती से अलग होने के बाद मार्गरीथा ने डांस की ट्रेनिंग ली और अगले ही चंद सालों में एक मशूर डांसर बन गई
03:03मार्गरीथा ने इसी दोरान अपना नाम बदल कर मातहारी रख लिया मातहारी यानि दिन का सूरज
03:10लोग मातहारी के डांस और अदाओं के दीवाने हो गए
03:14मशूर था कि मातहारी को जिसने एक बार करीब से देखा
03:17वो बस देखता ही रह गया
03:19अपने चाहने वालों को लुभाने के इसी फन की बदालत
03:23मातहारी की शोहरत कुछ इतनी बढ़ी
03:25कि स्टेज शोस करने के लिए उसे दूर देशों से बुलावे भी आने लगे
03:44मगर इसी दौर में मातहारी की निजी जिन्दगी में भी तेजी से बतलावाए
03:48नाम और शोहरत के साथ साथ उसके रिष्टे फ्रांस और जर्मनी समेथ कई देशों के राजनाइक, इंडस्ट्रियलिस्ट, नेताओं, अफसरशाहों और आर्मी अफसरों से बने
03:58ऐसे में जब विश्व युद्ध की शुरुआत हुई तो इन ताकतवर लोगों ने मातहारी को जासूसी के लिए इस्तमाल करना शुरू कर दिया
04:08मातहारी ने ये पेशा भी बहुभी निभाया
04:11मगर इससे पहले की जंग खत्म हो पाती
04:15फर्वरी 1917 में मातहारी को पैरिस के एक होटल से गिरिफतार कर लिया गया
04:20इसके बाद उसके खिलाफ चले मुकदमे में उसे दोशी पाया गया
04:24और आठ महीने बाद उसे गोलियों से चलनी कर मौत के घाट उतार दिया गया
04:43तोश लारन
04:45फाया
04:50इस मासूम चेहरे को देकर क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसके पीछे छिपा किरदार कितना खतरनाक है
05:04जी हाँ बेहत शांद सौमे और मासूम देखने वाला ये चेहरा है
05:10अपने दौर की सबसे तेज तरार और निडर जासूस नूर इनायत खान का
05:16वही नूर इनायत खान जिसने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान अकेले अपने दम पर जर्मनी को नाको चने चबवा दिये थे
05:24जन के दौरान नूर ने नाजियों के खिलाफ फ्रांस की ओर से जासूसी की थी और फर्स निभाते निभाते अपनी चांद तक दे दी थी
05:33रूस में जनमी नूर टीपो सुल्टान के खानदान से तालुख रखती थी
05:41मगर हिंदुस्तानी होने के बावजूद नूर का ज्यादा तर समय अपने माता पिता के साथ रूस ब्रिटन और फिर फ्रांस में बीता
05:49अपने शुरुवाती दिनों में ही नूर को संगीत में खासी दिल्चस्पी थी
05:53लहाजा पहले पढ़ाई और फिर पेशे के तौर पर भी नूर ने संगीत को ही अपनाया
05:59मगर दूसरे विश्योदक की शुरुआत ने नूर इनायत खान की जिन्दगी पूरी तरह बदल दी
06:05नूर तब पैरिस में एक डेडियो स्टेशन के लिए काम करती थी
06:16मगर 1940 के आखिर में जब जर्मन सेनाओं ने फ्रांस पर हमला बोला
06:20तब नूर ने फ्रांसीसी सेना के लिए काम करना शुरू कर दिया
06:24इसकी शुरुआत हुई वाइलिस आपरेटर के तौर पर
06:27मगर जंग जैसे जैसे आगे बढ़ी नूर के जिम्मेदारिया भी बढ़ती गए
06:33नूर इनायत खान के जजबे को देखते हुए
06:35फ्रांस की सरकार ने उसे जर्मनी के खिलाब जासूसी करने के लिए जंग के मैदान में उतार दिया
06:41और यहीं से नूर इनायत खान नूरा बेकर कहलाने लगी
06:45नूर से नूरा बनी इस महिला जासूस ने अपनी خु़ए जानकारियों से नाजी सेना में कhalबरी मचा दी
07:05लिकिन अपने ही एक साथी की गद्दारी के चलते नौरा अक्टूबर 1943 में नाजियों के हाथों गिर्फतार कर ली गई
07:13नौरा के लिए इसके बाद की जिन्दगी तकलीफों से भरी खुई थी
07:20जर्मन सेना ने गिर्फतारी के बाद अगले कुछ महीनों तक नौरा को एक फ्रांसीसी जेल में ही रखा
07:26जहां कैद के दौरान उसे लगातार अपने साथियों और फ्रांसीसी सेना से जुड़े रास खोलने के लिए टॉर्चर किया जाता रहा
07:34मगर नौरा ने एक बार भी मुँ नहीं खोला
07:37उसने इस दौरान तीन बार जेल से भागने की कोशिश की
07:41और आखिरकार उसकी हरकतों से तंग आकर जर्मन सेना ने उसे जर्मनी की जेल भेश दिया
07:47जहां उसे कई महीनों तक सॉलिटरी कनफाइन्मेंट पे रखा गया
07:50इसी के बाद 11 सितंबर 1944 को उसे तीन और गैदियों के साथ सिर पर कोली मार कर खत्म कर दिया गया
07:58नूर इनायत खान और नौरा बेकर उस वक्त महज 30 साल की थी
08:04नौरा की इस खुर्बानी को फ्रांस और ब्रिटिन समेथ उस गुट के सभी देशों ने खुल कर सराहा
08:13और नौरा दूसरे विश्युद की सबसे काम्याब जासूस कहलाई
08:18नौरा को मौत के बाद कई पुरुसकार भी दिये गए
08:21जिन में ब्रिटिन का सबसे प्रतिष्ठित चॉर्ज क्रोस अवार्ड भी शामिल है
08:42लेला खालिद
08:44फलिस्टीन में जन्मी ये खुबसूरत बला अपने दौर की सबसे खतरनाक महिला जासूसों में से एक मानी जाती है
08:51अपने देश के खातर जासूसी से लेकर इसने आतंगबाग तक का सहरा लिया
08:57लैला दुनिया की पहली ऐसी महिला थी जिसने अकेले अपने बूते प्लेन हाईजैक कर खौफनाक हमले तक अंजाम दिये
09:07ये जासूस हसीना अपना रूप बदलने में माहिर मानी जाती है
09:12दो दशक लंबे अपने करियर में उसने कई बार प्लास्टिक सरजरी करवाई और अपना चेहरा पूरी तरह बदल लिया
09:1915 साल की उम्र में अरब नैशनलिस्ट मूव्मेंट से राजनीती में कदम रखने वाली लैला 23 साल की उम्र तक पहुचते पहुचते
09:30पिलिस्तीन की आजादी के लिए बने PFLP संगठन में शामिल हो गई
09:34अगले दो सालों में लैला की टीम ने एक के बाद एक कई प्लेन हाईजाकिंग अंजाम दी
09:40इन में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रही रोम से एथिंस जा रही TWA फ्लाइट 840 की हाईजाकिंग
09:47लैला इस फ्लाइट को हाईजाक कर एथिंस के बज़ाए डेमिसकस ले गई और वहाँ हवाई जहाद से मुसाफिरों को उतार कर जहाद को बम से उड़ा दिया
09:5625 साल की उमर में ऐसा करने वाली लैला अपनी तरह की पहली महला आतंगबादी थी
10:02लैला ने इसराइल के खिलाफ अपनी लगाई इसके बाद भी जारी रखी इस बीच PFLP के बैनर तले कम से कम चार और विमानों को हाईजाक किया गया
10:18लेकिन अगले ही साल 1970 में हाईजाकिंग की एक और कोशिश लैला पर भारी पड़ी
10:23एमस्टरडम से नियॉयॉक जा रहे एक इसराइली जहाज को हाईजाक करने की कोशिश में लैला के दो साथी मारे गए
10:29जबकि जहाज पर मौजूद स्काइ मार्शल्स ने लैला को जिन्दा बमों समेत गिरफतार कर लिया
10:53इसके बाद के दिनों में लैला खालिद ने आतंक का चोला उतार फेका और खुद को राजनीती के रंग में रंग लिया
11:01इसराइल की कटर दुश्मन और फिलिस्तीन की कटर समर्थक लैला ने दुनिया भर में फिलिस्तीन की आजादी का जंडा बुलंद किया
11:08लेला आज भी जिन्दा है और फिलहाल वो अपने डॉक्टर पती और दो बेटों के साथ जॉर्डन के अमान शहर में रह रही है
11:17आज तक प्योरो
11:38किसी को पता नहीं होने चाहिए थे लेकिन जब तक इस जासूस के तिलिसम का ताला टूटा तब तक देर हो चुकी थी
11:46वो एक जमा रिफ्यूजी थी
11:58आई थी आसरे की तलाश में
12:01लेकिन खतरनाक थी उसके खुस्न की हते हन
12:05जमा जिसम में छुपे थे जहरीले इरादे
12:08और जब हुआ इस राज का फाश
12:11थरा गई तक्षिड कोर्या की सरकार
12:15इस दिलकश हुस्न और जहरीली आदाओं को देखकर
12:21कोई भी छरावे का शिकार हो जाए
12:23साथ साल पहले उत्तर कोर्या से
12:25शर्णार्थी पंकराई वोन जियांग हवा को देखकर
12:28दक्षिड कोर्या के कई मिलिटरी आफिसरों के साथ
12:31भी ऐसा ही तजूर्बा हुआ और जब वॉन की हकिकत सब के सामने आई
12:35तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई
12:37दक्षिड कोर्या में आश्रे के तलाश में आई थी वॉन
12:42उत्तर कोर्या की साम्यवादी सरकार की जुल्मों से वो आजिस आ चुकी थी
12:46उत्तर कोर्या की साम्यवादी सरकार की बुराई करने का वो कोई मौका नहीं छोटी
12:50एक तो उत्तर कोर्या सरकार से दुश्मनी और फिर उसका दिलकश हुस्त
12:54जल्दी ही दक्षिड कोर्या की कई मिलिटरी आफिसर उसके जाल में फस गए
12:57एक ऐसा ही अफसर था क्याप्टन हवांग वोन के रूप जाल में उलजा हवांग वोन के लिए कुछ भी कर गुजरने को तयार रहता
13:13सेक्स और सौंदर का पाश ठेकर वोन ने दक्षिड कोर्या के गई एहम कुप्या दस्तवेज सैनिक प्कानों के तक्षे और दूसरे दस्तवेज हधिया लिए
13:22दरसल एक खूबसूरत च्छलावत थी वोन उत्तर कोर्या की दुश्मन नहीं बलकि उत्तर कोर्या की जासूस थी वोन
13:38चोरी के जर्म में जेल जा चुकी वोन इसी इरादे से रिफ्यूजी बन कर चीन के रास्ते दक्षिड कोर्या आई थी उसका असल मकसद था दक्षिड कोर्या के फौजी अफसरों से खुफिया सैनिक दस्तवेजों और उत्तर कोर्या के भग़़ों की जानकारी लेना
13:53और अगर जरूरत पड़ती तो वो जेहरेली सुई के जर्ये उन अफसरों की हत्या कर तयार थी
14:02खरीब साथ साल तक चला सेक्स, साज़श और जासूसी का ये खेल लेकिन आखरकार वान पुलिस के हत्थे चाह गई
14:09उस पर जासूसी और सरकार के खिलाफ साज़श का आरोफ लगा
14:15अदालत में वान ने अपने अफराद को खबूल कर लिया, जासूसी के अफराद में उसे मौत की सजा भी हो सकती थी
14:20लेकिन सियोल के खरीब सुवान की अदालत ने उसे पांच साल कैथ सजा सुनाई है
14:25आज तक ब्यूरो

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