पूरा वीडियो: अपनी जेल के भीतर हम बिल्कुल स्वतंत्र हैं, जैसे खूँटे से बँधा पशु आज़ाद है || आचार्य प्रशांत (2023)
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00:00जहां देखो तुम अवतारों को वाँ सफा चट क्लीन शेविन, जंगल में कहां से मिलता था उनको उस तरह और वो भी रोज रोज की एकदम साफ, सोच के देखो, पर बुद्धी का तो अध्यात में कोई स्थान होता ही नहीं न, आपको उनकी असली शकल दिखा दी जाए तो
00:30कोमल कोमल कोमल बनके घूम रहे हैं, वो भी खुद बोल रहे हैं, सब जग जलता देख के दिया कभी रहो, अरे कभी उनको रोते हुए भी तो दिखा दो न, नहीं दिखाते हैं, और वो बहुत रोते थे, मुझे पता है, क्यों नहीं दिखाते हुए उनको रोते हुए, क्य