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00:00जितनी अजीव हमारी महबत है उतनी अजीव हमारी माएं है
00:06समझ में नहीं आता है कि क्या करूँ
00:10मेरी माँ ने का है कि थोड़ा इंतजार करूँ
00:13और तुम्हारी माँ ने तो हमें यहां से भाग जाने के लिए हरी जंडी दे दी
00:17अब अपनी माह की बात मानकर इंतजार करूं
00:22या तुमारी माई की बात मानकर तुमpace साथ यहां से कीं दूर चला जाओ
00:27जब माओ के दुआय साथ में हैं तो जल्दी किस बात की? ठोड़ा इंतजार करते हैं
00:34अब यह इंतजारी तो नहीं होता ना असमा
00:36मर पस वक्त बहुत कम है
00:46और मक्स बहुत बना
00:47बाइजान
00:48मौलवे साब आरे पीछी पीछे
00:50परसो जुम्मे के नमाज के बाद
00:52हम पंडितों के बस्ती में चलेंगे
00:54और उन्हें हिंदुस्तान के सरकार के खिलाब
00:56बगवात करने के लिए समझाएंगे
00:57लेकिन भाइजान अगर वो नहीं माने तो
00:59मेरा यकीन करो हिंदु लोग मानेंगे
01:02जरूर मानेंगे
01:03नहीं माने
01:04तो इंशालला सब लोग पूरी तयारी में रहो
01:08अगले जुम्मे तक
01:10हमारी मदद के लिए
01:12पाकिस्तानी फोज भी सरहत पहुंच जाएगी
01:14आपकी बहन असमा
01:15पंडित दीनाना के लड़के सूरज के साथ
01:17उसके बागाद में क्या कर रही है
01:18उस काफिर पंडित के बच्चे की देमत
01:23आज मैं अम्मी को बता कर आई हूँ
01:26इसलिए जाने की कोई जल्दी नहीं
01:28अराम से चली जाओंगे
01:29इसी के साथ मुझे अपनी सारी जिंदगी बितानी है
01:40शूपकार लड़के
01:41भाईजान अम्मी की रजामंदी से मैं इसके साथ हूँ
01:45समझे आप
01:46चलो सुरज
01:48तुमारी बहन ही नहीं
01:51वो हमारी भी बहन है
01:52पस कुछ दिन इंदिजार करो
01:53विरो कापर हमारी तलवारे होगी
01:56आज मैं सुरज भाग में जाओगा
01:59बाबुजी के साथ नहीं जाओगा
02:01बाबुजी के साथ क्यों नहीं जाएगा तो
02:03बाबुजी तो भाग में घुमते ही रहते
02:05फिर पेट के नीचे बेटी जाते हैं
02:07मेरे साथ खेलते भी नहीं
02:08ठीक हे तू आज सुरज भाया के साथ चले जाना ठीक है
02:11तुझे खेल ले के लिए भाग में यह जाए
02:13यह अंग नहीं गहल सकता
02:15मााँ
02:16अच्छा बेटा तू चले जाना ना भाया किसाथ
02:19येलो
02:21भाया इससे अपने साथ लेके ही नहीं जाएंगे
02:24नहीं मेता तु भाया के साथ ही जाएगा
02:26तू से क्यों तक कर रही है
02:27जा कोई काम नहीं है क्या
02:29बाबुजी के लिए नाश्ता और चाय लेकर आ
02:31जा ना तेरे को तो मैं बाद में देखते हूँ
02:33सुरज कहा है
02:37गाओं के कुछ मुसल्मान मौलवी साथ मिलकर हम लोग के साथ कोई वर्ता लाप करना चाहते हैं
02:47आप जड़ा चल के देख लेजी क्या बात है
02:50ठीक है मैं आता हूँ चलिए
02:53मां हाँ बाबुजी कहा गये गाओं के कुछ लोग आय थे उनके साथ गये है
03:00अरे तो एक काम कर नास्ता यहां रख दे जब सूरज आगे तो खा लेगा
03:05यह आज़ा बिटा
03:06खुसारिश करता हूँ क्या कौम जात और मजभ से बलातार होकर
03:14पेरी फर्याद बागोर सुने
03:17हम तमाम लोग जो बेजमी जन्नत कहे जाने वाले इस खिते से तालुख रखते हैं
03:24सिर्फ कश्मीर है
03:28हिंदुस्तान हमारे कश्मीर को अपना गुलाम बनाना चाहता है
03:33हाला कि हमारे कश्मीर का अपना अलग जन्डा है कानून है
03:38मगर हिंदुस्तान जबरदस्ती अपना कानून हम पर नाफिस करना चाहता है
03:44लेकिन हम ऐसा हर्गिज नहीं होने देंगे
03:46हम आपके साथ मौलवी साहब
03:48माप कीजेगा मौलवी साहब
03:50इस बगावत में हम आपके साहथ नहीं है
03:52जोल दिनाना जी
03:54बिल्कुल ठीक कह रहे हैं आप गिर्दारी जी
03:56मौलवी साहब
03:58कश्मीर हिंदुस्तान से कभी अलग नहीं था
04:02कश्मीर हिंदुस्तान का ही था
04:04हिंदुस्तान का ही है और हिंदुस्तान का ही रहेगा
04:08और एक बात सुन लीजिए, हम लोग खुन खराबे और भगावत के हक में बिलकुल नहीं है, हिंदुस्तान एक तरक्य पसंद मुल्क है, और हम इस मुल्क के साथ रहकर तरक्य करना चाहेंगे, और अगर ऐसा हमने नहीं किया, तो चीप, पकिस्तान हमें जीने नहीं देंगे,
04:38हम हिंदुस्तान से अलग होते हैं, एक अलग मुल्क बनाते हैं, तो पकिस्तान हमारी बरपूर मदद करेगा,
04:49वो पकिस्तन जो अपनी आवाम का पेट नहीं भर पा रहा है वो हमारी मदद करेगा चीन तो वो आजगर है जो हिंदुस्तान से कश्मीर के अलग होते ही पूरे कश्मीर को साबुद निगल जाएगा
05:01हम कभी हिंदुस्तान से अलग नहीं हो सकते
05:04क्योंकि कश्मीर हिंदुस्तान का एहम हिस्सा है
05:06कश्मीर को हिंदुस्तान का हिस्सा होने का क्या हाक है
05:10क्या फाइदा गया
05:13अब सब एक बात कान खोल कर सुन लीजिए
05:17अगर आपने हमारी मदद की तो ठेक है
05:19वरना हम आपकी मदद के मुफटाच नहीं है
05:23बड़े मायती बंते हैं हिंदुस्तान के
05:27लेकिन बहुत चल्द हम अपने कश्मीर को
05:30हिंदुस्तान के चंगल से छुडा लेंगे
05:33इंशाला
05:34बक्वास बंद कर जबर
05:35कश्मीर तुमारा नहीं है
05:37कश्मीर हम पड़ी तो कहा है
05:39कभी था
05:41अब कश्मीर हमारा है
05:46ऐसा खौब भी मत देखीगा
05:49खौब तो हम देख चुके बरखुरदार
05:51अब बहुत जल्द
05:53उस खौब की ताबीर को सच होता हुआ देखीगे
05:57वो दिन कभी नहीं आएगा
05:58तू
05:59रोकेगा हमें
06:01पाकिस्तान के चंद रुपियों के लिए
06:14कश्मीर को बरबाद कर रहे हैं ये लोग
06:17ये लो सल्मा
06:18अरे वा
06:23बैठो
06:32अब्बू हिंदू ने बगावत के लिए क्यों मना कर दिया
06:41पेटी
06:42ये जो कश्मीरी पंडित हिंदू होते हैं न
06:47ये बहुत समझदार होते हैं
06:51ये अपना बुरा भला अच्छे से समझ लेते हैं
06:55खुन खराबे से तो बहुत दूर रहते हैं
06:58पर नचाने
06:59हम मुसल्मानों को क्या होगी है
07:03अल्ला पाक ने
07:07पुरान करीम में फर्माया है
07:10कि जब कभी एक इनसान
07:12एक दूसरे इनसान का कटल करता है न
07:15तो वो एक इनसान का नहीं
07:18बलके पूरी इनसानियत का कटल होता है
07:21मगर ये लोग पाकिस्तान के टुकडों पर पलने वाले
07:26मकारों की बातों में आकर
07:29अपनी दुनिया भी खराब कर रहे हैं
07:33और आकिबत भी
07:34किरधारी जी
07:36हिंदुस्तान के खिलाब बदावत करना इतना आसान नहीं है किरधारी जी
07:39जितना पाकिस्तान समझ रहा है
07:41पलीस
07:41कैसे मिजाज हैं
07:46मैं ठीक हूँ आप कैसे हैं
07:47मैं भी ठीक हूँ
07:47पश्री फ्रकुरिया
07:48इलाके में सब अमन चैन तो है पंडिजी
07:52कहीं कोई परिशानी तो नहीं
07:55अब फौज आ गई है तो सब ठीक ही हो जाएगा
07:59जा मतलब
08:00इनके आने से पहले माहौल ठीक नहीं था
08:03पाकिस्तान ने
08:04पूरे जम्मू कश्मीर का माहौल खराब करके रख दिया
08:07कश्मीरी मुसल्मान पाकिस्तान का साथ ना दे
08:10तो वो कुछ नहीं कर पाए
08:11हम यहां तुम दोनों से
08:14खुशकबरी की उम्मीद लगाए बैठे
08:15और तुम दोनों हमें ये
08:18मनुस खबर दे रहे हो के हम पूरी तरह नाकाम हो गए
08:20जी जनाब
08:21कश्मीरी पंडितों ने हमारा बिल्कुल भी साथ नहीं दिया है
08:24बलके हिंदुस्तान की हुकूमत तक
08:26हमारे प्लान के खबर तक पहुंचा दी गयी है
08:29जिसकी वज़ा से इससब हुआ है
08:30कश्मीरी पंडितों को हमने सरयाम काटा
08:33हम उनसे साथ की उमीद कैसे रख सकते थे
08:38आप बिल्कुल सही फर्मा रहे हैं जनाब
08:41ऐसा सोचना सरासर हमरी बेकुफी थी
08:45गलती तो हो चुकी है
08:47अब आप बता ही आगे क्या करना चाहिए
08:51कुछ भी करने से पहले
08:53हमें इन कश्मीरी पंडितों को अपने रास्ते से हटा ना होगा
09:00मुसल्मानों को वारी तादात में हत्यार बाटे है पाकिस्तान ने
09:05क्या कह रहे हो बर्खुरता तुम चस्मदीत गवा हो
09:10तुमारे पास कोई सुबूत कोई पुखता जानकारी
09:12फाए फैला कर घाटी का माहौल खराब करने की हिमाकत ने करें आप
09:16मैं कोई हिमाकत नहीं कर रहा हूँ जनाब
09:18आप उनके घर की तलाशी तो लिजे जनाब
09:20हत्यार सरूर मिलेंगे
09:21लोगों के घरों की तलाशी लेने का ओडर नहीं है मेरे पास
09:24उसके लिए मुझे सर्च वार्ण लेना होगा
09:27नहीं वैसे भी
09:28पहुच के आने के बाद
09:30किसी ने भी अपने घर में हत्यार तो नहीं रखे होंगे
09:33कहीं आसपास छुपा दिये होंगा
09:35आप इत्मिनान तो रखिए पंडी जी
09:38हम है ना
09:40चलते हैं