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  • 3 days ago
CJI Khanna on Waqf Law: CJI Khanna on Waqf Protest: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज नए वक्फ कानून (Waqf Law) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट में 73 याचिकाएं दायर हैं, सुप्रीम कोर्ट में इसकी वैधता को चुनौती दी गई है. याचिकाओं में दावा किया गया है कि संशोधित कानून के तहत वक्फ की संपत्तियों (Waqf Assets) का प्रबंधन असामान्य ढंग से किया जाएगा और ये कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों (fundamental rights of muslims) का उल्लंघन करता है. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, (CJI Sanjiv Khanna) जस्टिस संजय कुमार (Justice Sanjay Kumar) और जस्टिस केवी विश्वनाथन (Justice KV Vishwanathan) के रूप में तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. दूसरे दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किए हैं...

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00:00पूरा खानून काला खानून है ये अनकॉंसिटूशनल है
00:07कि ये कानून कहीं न कहीं सम्विधान के खिलाफ बना है
00:10सरकार की जमीन हडपने की जो साज़िश है उस साज़िश को मानने उच्छतमने आले रोकेगा
00:15अप्तिके कॉंग्रेस एक लाल किताब लेके घूंगती है समिधान की और वो हरबारी समिधान पे निशाना लगाते हैं
00:21पूरे लॉग के खिलाफ हम लोग जो अनकॉंसिटूशनल है और ब्लैक लॉग जो वफ को बचाने के लिए नहीं लाया गया है
00:27जो वफ को लूटने के लिए वफ को बरबाद करने के लिए चीनने के लिए लाया गया
00:32लीगल बैटल तो हमारी कंटिनू रहेगी हमारा प्रोटेस भी कंटिनू रहेगा
00:36पारलिमन ने आज ये पारलिमन बनाया है वफ का उसको सुपीम कोर्ट जो है रद कर सकती है
00:42ये देश तानसाही से नहीं चलेगा सम्विधान से चलेगा
00:47जैसे ही कल सुप्रिम कोर्ट का आदेश आता है ये देखे जो बीजेपी के द्वारा पोशित हैंडिल है
00:52ये क्या लिख रहे हैं सरिया कोर्ट आफ इंडिया सुप्रिम कोर्ट को लिख रहे हैं
00:56सुप्रिम कोट की तस्वीर और उसके γंबत को किस तरीके से बनाके प्रदर्शित करनें देखेा
01:05आप सुप्रिम कोट नहीं मनेंगे
01:07आप समीधान में करेंगे बार सु मानता की
01:10भात जो है वह आपके दिमाग में सामपरदैक्ता की होगी
01:13जो हमने रिपोर्ट बनाई है, वो जो कहा जा रहा है कि अनकुश्टिश्टिशनल है, या मतलब कहा जा रहा है कि धार्मिक सुतंतरता को मतलब इस पर हस्तक शेप करता है, मैं श्थीपा देंगा।
01:25नमस्कार, स्वागत आपका दिवन इंडिया शो में, आपके साथ मैं मिनाक्षी पेडबाल, प्रोग्राम में आज वक्फ संचोधन प्लानून को लेकर बात, इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोट ने जिस तरह से इस पर गाइडलाइन्स दी है, या जो कहलें कि अब दोनों पक्�
01:55जरूरी हो जाते हैं, हाला कि सुप्रीम कोट के आदेश के लिए तीन बड़ी बाते हैं, जो क्लारिटी से सबके सामने हैं, कि वक्फ पोट पर केंद्र के जवाब, वक्फ संपत्ती की स्थिती जो है वो नहीं बदलेगी, पॉइंट टू, पोट से वक्फ भोर्षित संपत
02:25इनमें अर्षद मद्नी की आचिका है, मुहमद जमील की आचिका है, मुहमद पजरूरहीम की आचिका है, शेख नूरूरहसन और असद अभीन ओवैसी, जो कि AIMM के अध्यक्ष भी हैं, और हैदराबाद से लोकसभा सांसक भी हैं, तो अब इस्ती वीच्छा पर बात करने क
02:55मतलब कोट के इस decision, मैं decision कहना तो अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन कोट की observation को भी ये पक्ष जो है, अपनी अपनी जीट के रूप में translate कर रहे हैं, first of all, what is the right way of seeing it, जो कोट ने कहा है इस पूरे वेशेय पर?
03:11कि जब भी कोई मामला कोट के अंदर आता है, तो जैसे अभी ये है, इसके अंदर जो amendment बिल लेके आए हैं और इसको जो in corporate क्या है, जो petitioners हैं, वो कहेंगे इसको up stay कीजे, तो इसका तुरंद इसका कोई लागू ना हो, कोई भी इसका प्रावजान लागू ना हो, और दूस
03:41कि ए, हमारी बात सुनिये, हमारे उसके पर जो उत्तर हम फाइल करते हैं, उसको देखीगा, और ये कोई भी कोट आके अपना जो है, जो चीज को रोग लगाने की, मतलब है, जल्द बाजी की बात हुई ही ना, तो इसके दे इसको रोग लगाएं, ना लगाएं, क्योंकि ए
04:11इस मामले में उन्होंने कोई जल्द बाजी नहीं दिखाई, उन्होंने सरकार से पूछा कि ठीके आप इसको तुरद ना लागू ना करें, तो फिर हम इसको आपको समय देते हैं, आप समय में आप इसका उत्तर दाखिल कीजिए, फिर अच्छी तरह से सुनके इसमें रोग
04:41जो है, दोनों पक्ष को सुनने के बाद ही कुछ इसके उपर हम इसमें टिपड़ी करें, कोई इसके उपर एक्शन लिये, घिलानी सर, सरकार को अब एक टाइस में सीमा के अंदर जवाब देना है, वहाला कि एक राहत भर यहीं कि जब तक सरकार अपने जवाब नहीं दे द
05:11चाहिए, कानून समथ ये शंशोदित बिल जो टूथाजन प्वेंटिफाइव है, समीधान समथ है, जे पी सी के सामने लोग पहुंचे, जे पी सी में पूरा का पूरा एक लंबे समय तक लोगों के वियूज को सुना, लोगों को समझा, उसके बाद पारलेमेंट के अंदर
05:41कि ऐसा कुछ मुझे तो नहीं दिखाई दे रहा, मैं भी लौका विद्धारतू, मैं भी थोड़ा बहुत कानून को जानता हूँ, लेकिन इसको समझने की जरूरत है, कि कौन लोग इस पूरे बिल के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं, आपने देखा पहले दिन, जब सु�
06:11धवन के बारे में आप जानती है, इन लोगों का ट्रैक रिकॉर्ड जब भी सरकार किसी तरह के सुधार के लिए कोई कारिकरम लेके आती है, तो ये पोर्ट में खड़े हो जाते हैं, मेरा सवाल उन लोगों से है, जो मुस्लिम परसनला वोर्ट के लोग हैं, जो याचिका क
06:41हैरानी तब होती है, क्योंकि ये जो सुधार का बिलाया है, ये जमीन के सुरक्षा के लिए ये बिलाया है, और किसके लिए, और हर आदमी, वकभाई यूजर की बात कर रहा है, बार बार ये वकील, वकभाई यूजर की बात करते हैं, वकभाई यूजर को डिस्क्राइब,
07:11जो शोशत है, जो पिड़त है, जो बैवा औरते है, उनक या हक है, वकभाई यूजर में जो अललह के नाम पे संपती को दान दिया गया है, उसमें सबसे बड़ा हक मिनाक्ची जी, वो बैवा औरते हैं, जो पिछले साथ साल से आपकी तरफ टक टकी लगा के लगा कर देख र
07:41बैकवर्ड एरिया में रहते हैं वो आप से जिस वक्ष बोड़ कर दो एक लिए बार बार कंफ्यूजन पैदा किया जा रहा है मुस्लिम प्रसुनला बोड़ के माध्यम से कि ये जो है ये हमारे शरीया में हस्तक छेप है ये बिलकुल रूड़ करता है ये बोड़ी जो है वो
08:11आपके इसी पॉइंट पर मैं आगे बात करूँगी देखिए एपीसी के जो चीफ रहे है जगदंपिका पाल जी उन्होंने कहा कि अगर समिती की रिपोर्ट कानूनी रूप से अगर गलत पाई जाती है तो मैं अपने पद से स्तीफा दे दूँगा और उन्होंने ये भी �
08:41एक वैधानिक निकाय है जो सिर्फ संपत्यों की देखभाल करता है रहमानी जी ये लाइन जो अपने आप में है ये स्टेटमेंट अपने आप में बहुत महतोपूर्ण है क्योंकि सुप्रीम कोट में अगर फैसले का आधार ये स्टेटमेंट हुआ कि ये धार्मिक इकाई
09:11सबसे पहले तो मैं आपका शुक्र बजार हूं कि आपके मुझे यहां मभू किया है फिर मैं राओ साब की बात से कब्मल तोर पर इतफाक करता हूं कि ये जीत और हार का मामला अभी तक नहीं है ना किसी की हार है ना किसी की जीत है बलके बिलकुल इतदाई प्रोसीजिरल �
09:41पर और अट्वारात में और सब जग्यार सब इबेट स्पीद सुन रहा हूं ये हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष का मामला नहीं है जो कहा जा रहा है बाहर कल सुप्रेंपोर्ट के बाहर एक कौतरमा वकीन साहिबा भी फर्मा रहीं थी कि हिंदू पक्ष जीत गया तो �
10:11साथ का स्कीट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्ट्
10:41वक्फ की प्रापर्टीज का मामला है
10:43और वक्फ क्या है
10:44वक्फ एक धारिनी चैरिटी है
10:46ये मुसल्मानों को
10:48पुराण की कई शिपों से
10:50ये काल केरी है
10:51आप वो सब कुछ दान कर सकते हैं
10:55जो आपकी जरूरत से ज्यादा है
10:57और इसी बुनियात पर
10:58ये वक्व किये जाते हैं वरना अगर ये सिर्फ एक प्रॉपर्टी के मैनेट्मेट का मामला हो तो फिर तो वक्व के नाम के भी कोई जरूरत नहीं है चैरिटी कमिशनर्स काफी है फिर तो वक्वोट कोई खतम कर देना चाहिए वक्व काउंसिल की भी क्या जरूरत है और प�
11:28मैं आपको एक सेकेंड के लिए रोक रही हूं कि मुझे इस पर clarity चाहिए यासिर जलानी अभी उन्होंने कहा यह धार्मिक मसला है क्योंकि जब जो आपके पास ज्यादा है
11:46मुस्लिम बिलीफ के हिसाफ से जो जादा है वो आप डोनेट कर रहे हैं तो यह हमारे लिए धार्मिक मसला हो जाता है वाइड यू से डैट कि ऐसा नहीं है देखिए यही confusion मुसल्मानों के बीच में मिली तंजीमें पैदा कर रही है और लगातार पिछले साट सालों से मुस्ल
12:16वर्चस सो बनाए रखना चाहता है उसमें 17-18 लोग ऐसे हैं जो डिरेक्ट वक्त प्रॉपटी से के साथ इन्वाल जिन्होंने कब्जा किया हुआ है अर्बों की संपती यह सचा ही है यह जो शंशोदित होके बिल आया है यह उन्हीं के खिला एक मुहीम है जिसकी वज़े स
12:46भारत से बाहर चला जाएगा डिटेंशन सेंटर में चला जाएगा एक जवाब कोई नहीं दे रहा है मैं भी डिबेट पे रहता हूँ मैं भी सवाल पूछ रहा हूँ तो यह इनके पास किसी तरह का जवाब नहीं है यह क्लियर है जब मुस्लिम परसनला का सौरूप 1972 के बा
13:16किसी तरह का अंदोलन और जो डर और भै की राजनीती यह मिली तंजीम के लोग कर रहे हैं वो अपने फैमिली के मिंबर को सामने क्यों नहीं लाते हैं असदुद्दीन ओवेसी का बेटा अंदोलन क्यों नहीं करता मुस्लिम परसनला बोल्ट के भाई भतीजे सड़क पे क्
13:46जेल गए और आज भी पांच-पांच साल से उसमें एक महतरमा भी जेल में यह पलट के नहीं देखते हैं यह भड़का के अपनी वोट बैंक की राजनीती को दुरस्त करना चाहते हैं और चाहते हैं कि यह जो जमीन पर कबज़ा है वो बरकरार रखे इसलिए देखिए दे�
14:16था साथ सो रुपे महीने की उसको टैए की गई थी तो यह रिलिजियस मिली तंजीमे के लोगों ने इतना दबाव बनाया कि सुप्रिम कोट से फैसला बदल दिया इस बार मैं इनको समझाना चाहता हूं कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हैं और बार बार उन्होंने कहा
14:46मैं रह्मानी साब इस पर जवाब लूँगी लेकिन राउसाब मैं आपका भी ऑपिनियन इस पर जाती हूं मनस्वित हावर भी जुड़ गया है हमारे साथ राउसाब मैं मुझे यह बताईए पैसले का बड़ा आधार तो फिर यही होगा न पहरी लाइन में यही तैय करना
15:16लिए यह बात तो है कि आप जब उसको धार्मिक बनाएंगे तो फिर उसके बाद क्या सरकार उसके अंदर धखलंदाजी देगी या नहीं देगी क्या सरकार को यह हक बनता है कि नहीं कि पार्लिमेंट को बनता है कि नहीं कई को बुद्दे आते हैं जहां तक यह मामला है औ
15:46religious matter है वैसे सिर्फ एक charity की मैं जिलानी की साथ सहमत हूं बिल्कुल ये एक charity है इसकी management of properties है और आपने तसलीम रह्मानी जी ने की भी बात सुनी उन्होंने भी यही बात कही है तो अभी सिर्फ इसको religious institution के बाहर रखे ये management of properties है ये सही तरह चल रहा है नहीं चल रहा है
16:11गरीब मुसल्मान है उनको इसका फैदा बिल रहा है नहीं मिल रहा जिस वज़े से ये बना हुआ है उसका हो रहा है क्यों अभी ये जो है एक पहली बात तो वो आ गई सीथी कि ये हिंदू-मुसल्मान की बात ही नहीं है ये सिर्फ ये सिर्फ येही बात है कि ये जो वाफ properties �
16:41यह संसद ने बनाया, तो इतना भी रिलिजिस नहीं है कि संसद इसके ओपर कानून बना रही है, आप समझे ना, जब संसद कानून बना सकती है, उसमें कोई गलतियां आती है, कोई ऐसी चीज आ जाती है, जिस वज़े से सरकार को इस बात को सुनने की जरुत पड़ी, आपने
17:11कि आखो करोण, अजारों करोणों की संपथी पे बैठे हुए है, जो गरीब ज़न्ता है, उनके पांस पोंच नहीं रहा है, तो कानून जो है, इसमें बन सकता है, जब कानून पहले से ही बना हुआ है, तो उसमें संस्दोधर भी रहा सकता है, ना, मैं पूरी बात सुझा �
17:41का है कानून जब बनना है उसमें कोई बात ऐसी आती है जिसमें चार लोग उसके बारे में सोच विचार करते हैं और उसमें कोई ऐसी चीजें तो यह इसको बिल्कुली गलत होगा कि आप इसको सिर्फ एक religious institution की तरह देखे और इसको सिर्फ यह का कोई बात नहीं है बिल्कुल
18:11चैरिडिबल इंस्टूशन हिंदू इंडूर्मिंट होगा होता है वैसे वकवा है वो उसका कानून बना हुआ है कुछ कानून में गल्तियां या तुरूटियां आ गई उसके अंदर तो मैं आती हूं पिर आपके पास मरस्वीत आपर देखे यह बहुत इंपॉर्टन्ट ह
18:41कि अपर देज
18:59कि इस आझ अचर्ट में ली सरफ थी स्वेफ्वाँ आप करते इंड़ान हों पर समझेट्री सनय आपके 9
19:10बिलकुल देखे बिन कोट का कामी वो है हम यह नीं बोल सकते कि दोनों का जो difference है या दोनों में जो differences है उसके हम खतम करें
19:18डिमोक्रेसी के लिए judiciary हो, legislatures हो या executive वो तीनों का समझसे बिठाना बहुत जरूरी है
19:25question जब एक act के उपर आता है तो वो supreme court में जाएगा
19:28challenge कहां करोगे देखिए एक logical चीज है अगर हमारे
19:31legislatures में कोई एक act बनाया है या कोई bill एक को
19:34pass करने वाले हैं तो उसको कहीं questions आते हैं पहले
19:37वो parliament में debate करते हैं, parliament के बाद जब वो law
19:40बन जाता है तो कहीं ना कहीं उसका discussion जब
19:42खतम हो गया तो वो कहां जाएंगे वो supreme court के
19:44पास जाएंगे जहां पे questions होंगे तो उसकी legality को
19:47आप question करेंगे, उसकी legality को debate करेंगे,
19:50argue करेंगे तब जाके वो question का answer देगा
19:53supreme court और फिर वो वापिस से पार्लेमेंट में
19:55दे सकता है या वो उसको completely खारिच कर सकता
19:59तो यह चीज़े होती है, हमने farm laws में भी देखा था
20:01farm laws में भी देखा था पर supreme court ने क्या उसमें
20:03निनने लिया कि यह पास हो चुका है, अब हम इसमें
20:06interfere नहीं करेंगे, पर फिर भी प्रधान
20:08प्रधान मंत्री को जाके उसको cancel करना पड़ा
20:11election के कुछ महिनों पहले, कुछ दिनों पहले, तो यह
20:14चीज़े होती है, एक democracy में, अगर हम, क्यूंकि हम
20:17democracy हैं, इसलिए हमारे वापे courts हैं, इसलिए
20:20questions पूछे जाते हैं, इसलिए वापे interim relief दी
20:23जाती है, इसलिए आपे status को maintain किया जाता है, कई बार
20:26नहीं किया जाता, तो यह एकदम से कह देना कि यह गलत
20:30चीज़ है, आप Supreme Court में क्यों गए हो, यह बलकि
20:32validate करता है, मेरे, मेरा सवाल यह है कि अगर
20:35work amendment bill, अगर act जो है, अगर सही Supreme Court
20:39कर देता है, तो जो भी BJP ने किया है, जो भी
20:41लोगों ने, जो सत्ता में, उन्होंने किया विल्कुल
20:44सही, वो validate हो जाता है by Supreme Court, तो Supreme
20:46Court से कहीं भी हमको डरने की ज़रूरत नहीं है, बलकि
20:49हमको अपनी arguments जो है, जो state, जो center
20:52बताना चाहरा है, और जो minorities हो, या अलग
20:56political parties हो, जो parliament में नहीं बोल पाए, वो
20:59सुप्रीम कोर्ट में देख रहे हैं, और सुप्रीम कोर्ट में
21:02जाते हैं, आर्ग्यो कर रहे हैं, वहाँ पे कहीं ना कि
21:04balance create हो रहा है, यह जो मुद्धा था, जो debate का
21:07मुद्धा था, यह parliament में खतम हो कि अब Supreme
21:08Court आगे है, जिसके कारण, आज हम सब इस सी के उपर
21:11discuss कर रहे हैं, कि यह सई, रेमानी साब, हाँ, जो बात
21:14अभी बनस्वी था पर नहीं की देखिए, कि पार्लियामेंट में
21:16जो लोग नहीं बोल पाए, अब वो शिकायत लेकर
21:18वहाँ पर पहुँचे हैं, लेकिन मेरा सवाल सर आपसे यह है,
21:21सरकार अपना जवाब अभी दाखिल करेगी, उस समय तक अभी कोई
21:24फर्दर नया फैसला इस विशे पर नहीं होगा, Supreme Court
21:26ने यह इस एक रोक लगाई है, मुस्लिम पक्ष क्या तैयारी कर रहा है
21:31इस बात को लेता है, कि यह धार्मिक संस्था है, या नहीं है, या असम्विधानी क्यों है,
21:37इसका आधार क्या है सर, मुझे इसका आधार बताईए,
21:40मैं इस वक्त इसके इस पहलू पर ज्यादा बात करनी की पोजिशन में नहीं हूँ,
21:45कि यह सुप्रिम कोड़ इसे धार्भी करना है, एक सेकुलर डिस्कुशन की हैसियस से लेगा,
21:54जो कॉंस्ट्युशन ओफ इंडिया है, और मैंने कहा यह इसू है,
21:58और कॉंस्ट्यूशन बैंच बनेगी सुप्रिम कोड़ ने,
22:02तो इसमें ERP को Supreme Court पे भी डिसकस किया गया कि essential religious practice है या नहीं है लेकिन एक बोटी सी बात हम ये जानते हैं कि Constitution of India secular होने के नाते तमाम religious denominations को उनके rights को protect करता है इससे हम इंकार नहीं कर सकते कोई भी religion हो उन सबके rights को protect करता है
22:28उनके personal laws को protect करता है उनकी properties को protect करता है उनके education nutrition को protect करता है और उन्हें चलाने और manage करने और properties को manage करने का right देता है तो वाक्ष एक religious denomination की properties है इससे तो कोई भी इंकार अगर करना चाहता है तो पिर जो पार्लेमेंट की पूरी debate में हमारी Treasury Benches के लोगों ने कहा
22:52खुद अभी शाने कहा कि properties wasted under the name of Allah
22:58अब अल्ला तो religious entity ही है ना अल्ला हो यह गौड हो यह भगवान हो तो religious entity है तो पूरी property अगर अगर अल्ला के नाम पर charity के purpose से दी गई है तो आज बहस का बुता यह होना चाहिए
23:13कि उसको manage करने के लिए जो amendment act लाया गया है क्या वो stakeholders के लिए suitable है या नहीं है एक attitude यह बन गया है
23:24जैसे अभी यासर साथ एक attitude के बात कर रहे है तो stakeholders की जब बात हो रही है तो stakeholders क्या सिर्फ Muslim personal law board ही होगा क्या stakeholders जिन लोगों के बारे में कहा जा जा रहा है जिनको हक नहीं मिले अधिकार नहीं मिले जो पिखरे हुए हैं उनके हक की बात कौन करेगा सर यह बिलकुल एक तेख
23:54clauses पर बात करना पसंद नहीं कर रहे हैं आप बात कर रहे हैं उसके corruption के पहलू को लेकिए ज्यादा बात उस पर कर रहे हैं आप क्या impact होने वाला है एक से उस पर कुस्तुकूने की जा रही या तो अब corruption को या पिर अब और ऐसे whole सुप्रिम कोर्ट पर ही तनकीद किये दे रह
24:24आप तुझे बताईए वो कौन से clauses हैं कि जिसमें उस corruption को remove करने के इंतदामात किये गए हैं आपने तो बेलेबिल offense बना दिया इसको जो पहले rigorous imprisonment होता था वो आपने उसको simple imprisonment में convert कर दिया है तो आप उस corruption को रोपने के लिए कौन से clauses लाएं जरह बता दीजे और उसके बर
24:54ASI के अंडर में देदेंगे आप जो ट्राइबल एरियाज हैं अंडर चेडूल फाइवें से उसके बार बार बार बार तो बोल रहे हैं सारे बड़े नेता सारे बड़े मंतरी खुद ग्रे मंतरी हम इच्छा में चुके हैं आप उनकी बार चीज होती है और लिखना एक ची
25:24हैंगे तो कैसे ट्रस्ट किया जाएगा आप बताएए होम मिनिस्टर साथ का मैं एक बात किलियर कर देता हूँ आपने अपनी तक्रीर में लोकसभा में कहा कि 123 प्रपर्टी जो दिल्ली में अंडर डिस्प्यूट थी वो कॉंग्रेस ने उठा के मुवराई के लिए दे दि
25:54की प्रपर्टी हो गई अगर करफ्शन कम हो रहा है लेकिन आप पुरे वक्त के इंस्ट्उशन को इडाइल्यूट किये दे रहे हैं तब तो फिर स्टेक होल्डर जो हैं चाहे किसान स्टेक होल्डर है उन्हें आपका बनाया कानून पसंद नहीं आता आपको ट्रिपल तला
26:24जिनके लिए कानून बन रहा है उन्हें को भरोसे में नहीं लिया जा सकेगा तो कैसे होगा यह तो सीदे स्टा विश्वास ट्रस्ट डेफिसिट है ना वो कह रहे हैं एक बात आपसे कर दूँ अगर तक्दीरी मुकाबले की बात है तो दो तीन घंटे मैं भी बड़ी जोर
26:54आप मेरे से किसी भी लीगल आस्पेक्स पर भी आप पॉइंट वाइस मेरे को नहीं पाएंगे मैं आपके बराबर
27:07रूलिंग पाटी पे हैं तो आप बहुत बड़े हैं मैं बहुत चुटा हूँ
27:24करने से बचिए मैं मांता हूं लेकिन लेकिन लेकिन लेकिन लेकिन लेकिन कोई इस्टू नहीं है
27:49सुनिए मैं क्यों ला रहा हूं इस मुद्दे को सुन तो लीजी इतना तो आप मादा रखिए सुनने का आप बहुत एक्स्पिरियंस आदमी है
27:58क्योंकि आप जजबात गरीब मुसल्मानों को भड़काने में ये जजबात का क्या है
28:04गरीब मुसल्मानों की बात करूँ आपकी पार्टी के जरीए घरीब मुसल्मानों का क्या हशर हुआ है क्या मैं बात करूँ
28:18गरीब मुसल्मान इंप्रेस्ट नहीं हो रहा है
28:23जब आप कि लौँ में जाते हैं तो मुसल्मान आपको आईना दिखनाता है
28:28रह्मानी सर्थ एक सेके लिए पिछले साथ सार्व पर कितीने हिम्मत नहीं रखी
28:47मुझे फिर मजबूरन आदियो डाउन करना पड़ेगा मैं एजर होस्ट ऐसे नहीं करना जाती
28:58अभी जब आपनी बोला सर्थ आपके आपके टाइम पर किसी और व्यक्ति ने कोई टिपणी नहीं कि
29:06आपका पूरा स्टेट्मेंट सब ने ध्यान से सुना
29:08मैं आपके उसके पाद समय दूँगी बोलने का जिरानी साहाँ आपना पॉइंट रखिए प्लीज देखिए ये बार बार एक बिंदू को ले जाके
29:15मुसल्मानों के बीच में ये लोग रख रहे हैं कि हमारी मस्जिदें जो हैं हमारी कब्रिस्तान हमारे अबादत का हमारे सारे के सारे मदर से सरकार चीन लेगी
29:27मा वजीर आजम नरिंद मोदी साहब ग्रिह मंतरी स्री अमिश शाह जी और हमारे अखलियती बराएं मूर के वजीर यानि अलसंके कल्यान मंतरी किरन रिच्चो जी ने बार बार इस बात को का है कि जो इस तिथी दो हजार तेरह में थी वही रहेगी
29:44इन्होंने एक लाइन और जोड दिया कि 123 प्रॉप्टी को लेके इन्होंने जुट बोल दिया यह वाट्सप यूनिवर्सिटी के चकर में भी फंचाते हैं यह सचा ही है कि जब यूपिय की सरकार जा रही थी रात तो रात चीजे ट्रांसफर हुई है इसके एविडेंस मेर
30:14के लोग और कौन से मिली तंजीमों के लोग उसमें पाटिसिपेट कर रहे थे उसका मेरे पास एविडेंस के साथ है इसलिए इस पर चर्चा मत करिए आप फसेंगे
30:23दिल्ली को देता हूँ मैं चालेंज देता हूँ आप इस पर जाएंगी दो हजार पाटा सकते उन एक सो तेश पर पर आप पता सकते यह जो आप गूगल करके नहीं है
30:41क्या रिकोमेंडेशन था अरे रजेंदर सचर कमीटी आपी के लाइप बाइट पाएंडे थी क्या हालत हुई उसकी दो हजार छे में जो रजेंदर सचर जी ने सामने मुसलमानों के हालाथ को रखा था आप दो हजार तेरह के लाज आप सरकार रही आपने मानी है आप तो �
31:11सर्विस एक्जाम भी होना चाहिए आईएस की तरीटे से वक्ष मेरेजमेंट के लिए एक सेकंड सब्सक्राइब देखें एक तस्वीर अभी हमने इस डिसकुशन के बीच में देखी है जहां पर एक पानलिस्ट जो संसत में बोला है मंत्री ने उसको
31:36क्वेस्टेन कर रहे हैं उसे जूट बोल रहा है एक देश के नॉर्मल सिटिजन होने के नाते मैं संसत की कारेवाहि अगर देख रही हूं आप मिनिस्टर शाह प कुछ बोल रहे हैं मेरे पास से क्या जरीया उसको क्रोस चेक करने का यह पता करने का कि सच क्या है जूट क्या �
32:06रातो रात पैसला हुआ अब यह बात को मिनिस्टर के रहे हैं सर इस देश का एक आम नागरिप कहां से क्रॉस्चिप करेगा सर डॉक्यूमेंट को अगर सरकार पर यह आरोप लग जाएंगे कि सरकार जूट बोल रही है सदन में जूट बोल रही है इस देश का आधिया जिसक
32:36होते हैं या अग्वार में लिखी जाती है या जिलानी साब जैसे लोग उनको प्रेस को पेश करते हैं उससे पता लगेगा कि यह तो हमारी डिमोक्रिसी के अंदर यह प्रणाली है कि कुछ भी संसद में कोई बात होती है कोई कानून बनता है और उसके खिलाफ वो बोलते हैं
33:06कागस भी दिखा देंगे और यह तो बात सची है कि दो हजाजार की बात है इसकी कागजात के बारे में यह सारे अकबारों में आ चुकी है मैडम यह सब अकबारों में छपा है यह सब को मालूम है
33:302013 में कितनी जल्दी से
33:32जो काणूनी रवाईयसे
33:35उन्होंने ये
33:36वक्त में के अंदर
33:38कर दिया प्रॉपटीस को
33:40जिन को भी
33:43देना था उन्होंने जिन को भी
33:44खुशरकना था जो भी है ये बात सारी
33:46साफ आगे सामने लोगों के
33:48सामने आई आई है और ये
33:50medium माद्यम, ये media के
33:52माद्यम से आई है, अकबारों के से
33:53और हम लोगों के पास दिखी हुई है, और
33:56ये कसंसद में पेश होई होगी,
33:58अब आप और हम को ये मिलना
34:00असान नहीं है, मगर अकबारों के
34:02जरीए हम सब लोगों को पता लगा है
34:04और इसके बारे में सबको मालूम है कि यह हुआ है तो यह यह गलत है कि आप कहें कि नहीं यह नहीं हुआ है यह जूट बोला जा रहा है
34:15अगर आप मसला यह है कि किसी ने फ्यूट नहीं किया वहाँ पर जो करना चाहिए था बगार तैयारी के पोजीशन
34:40अगर तो अधालत में आजाएगी यह बात तो रहानी जी आप यहां तक तिल्ली आप पैस कर देंगेंगे और गांपने आपके आपके दोस्तों ने जो भी जिन्हों ने भी वहां पे बोड़ा है
35:05पैस कर देंगे और इस देश का विए और इस देश का समविधान भी आपको डिसग्री होने की पूरी आजादी देता है सर्
35:31हम तो क्या सर्फ एक चैनल में कारिक्राम कर रहे हैं हमारी आपको यह कहें कि नहीं आप आपको डिसग्री करने का दिकार नहीं है
35:39अगर आपका उपीनियन भी समाज के एक वर्ग को रिप्रेजेंट करता है तो डेफिनिटी उसकी जगह है
35:48यहीं इस देश के कानून और रोतनी की खुपसूरती लिए और प्ली सर मैंने और बाकी पैनलिस्त ने आपको धिहान से सुना है तो मेरी भी आपसे रिक्वेस्ट है कि आप भी बाकी लोग जो कह रहे हैं उनके ओपीनियन्स को जगह दें उनको भी सुनें बस इतना मैं आ�
36:18हैं हम क्या कहते हैं सरकार में सदन में यह बयान दिया मंत्री ने सदन में यह बात का कुछ मतलब होता है वह एक ऑफिशियल स्टेटमेंट है सदन के बीतर बोली गई बात है सदन के जरीये बाकी पूरे देश को बताई जाती है अब अगर उस पर यह जूट कहा जा रहा है �
36:48सदन को कोई बच्चा कोर्ट नहीं है कि जैसे ही कोई भी कोई भी बात करें यह अगर सुप्रीम कोट में डिस्केशन वापिस से किया जाता तो वह देश के हित्में है पर अगर अगर हम इस तरीके इस लेफल पर अपने
37:16लोगतंत्र को लेके आ जाएं कि जहां पर हर स्टेट्मेंट पर हर जगा जिसना आपने भूला कि ट्रस्ट डेफिसेट को इतना ज्यादा बढ़ा देगी कुछ भी को स्टेट्मेंट अगर सरकार करते हैं तो हम उसको सुप्रीम कोर्ट पर लेके जाएं तो कुछ मतलब रहा ह
37:46अगर गर एरिया रह जाता है तो हम उसको कोर्ट में लेके जाते हैं फिरूप और फिर से भी हमारे में विचार करने का मौका मारे को देश पर दिया जाता है तो पहले वक्ष एक्ट तकी बात किया जा producing िदिएक क्रेएं यह बढ़ रहा है तो यह हम को समझ ना चाही है
38:08इसमें कुछ भी एंटी नैशनल हो या कुछ भी एंटी रिलीजिन हो मैं इसको बिल्कुल नहीं मानता और अगर हम इस स्टेज पे आगे हैं
38:16तो हमारी नसीबी है कि हम इस तरीके से डेमोक्रेसी को क्रिएट कर रहे हैं अगर हम बात दरतें कि लोगतंत्र का सबसे बड़ा देश है हमारे देश को बोला जाता है दुनिया का तो हम उसको छोड़ा करने की कोशिश करें तो इससे हमको बचने की जगुदर दिलानी सब हा�
38:46को आगे बढ़ाता हूँ हमारे देश की खुबसूरती है हमारे समिधान
38:49ने तनी ताकत दिये हमारे आईन की खुबसूरती समझें तस्लीम
38:53रह्मानी साब भी कि आपने याचिका लगाया और एक एक दो
38:57नहीं आपने लगबग सौ से ज़दा याचिका करता कोट पहुँच गए
39:02और उन्होंने उसको एकसेप्ट किया और एकसेप्ट करने के बाद वो सुन रहे हैं
39:06उसमें एक याचिका करता का नाम भी बता देता हूँ कि जो आदमी
39:09लैंड ग्राबिंग के केस में वफ से रिलेटेड जेल जा चुका है उसको भी याचिका करता कोट ने एकसेप्ट किया इससे बड़ी बात और क्या हो सकती जिसका नाम अमानत अल्ला है
39:21ये जानते हैं तसलीम रहमानी बहुत अच्छे से और मैं दूसरी बात बता दूँ कि कोई बात अगर सदन में की जाती है उसका एक प्रोसिजर होता है और सदन में अगर आप कोई बात को छूट कह रहे हैं तो वो कारवाई से फॉरण उस वक्स जो चेर होती है वो निकाल �
39:51किसी मस्जित का नुकसान हो रहे हैं ना किसी मदारस का नुकसान हो रहे हैं ना किसी कब्रिस्तान का इससे नुकसान हो रहे हैं और आप मुझे मैं आप से ही पूछता हूँ ता स्रीम रहमानी साब कि इस बिल्ट शंचोदित जो होके दोहजार पच्चीस आपके सामने आया
40:21उसका एक statement and objects of reasons होता है, उसके annexure papers होते हैं, तो anything that is placed before the parliament is sacrosanct, you cannot violate the sacrosanct nature of the parliamentary proceeding, you have to give all the documents that you are relying upon and it is placed and available to all members of parliament,
40:49आप कोई भी चीज संसत के अंदर पेश करते हैं, बोली बात नहीं होती है, उसके कागजांगते साथ आपको बात पेश करना पड़ता है, और वो सब संसत उसको देखते हैं, वो अलग बात है, आप बाद में आके, आप संसत के सदस्य हो ना हो, बाहर आके बोल दें कि यह ज�
41:19होई थी, क्या नहीं होई थी, और सरकार भी जाके आगे पेश करेगी, कि यह बात इती, तो यह आप इन्होंने जूट बोला, इन्होंने सच बोला, यह तो सिर्फ आपके सामने कहने वाली बात है, यह संसत में और हमारे जुडिशरी के अंदर, कौट के अंदर, यह सब नह
41:49पर उताराएं हैं, कौट में मामला है, अब वहां से फैसले का इंतजार करना चाहिए, आपना धन्यवाद हमारे साथ इस बाच्वीत पर जुड़ने के लिए, अपना समय देने के लिए, थैंक्यू सुमाज, थैंक्यू

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