बेटियां कभी कमजोर नहीं होती, उन्हें खूब पढ़ाए और आगे बढ़ाए

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रवीन्द्र मंच पर नाटक "लाडो री सीख" का मंचन
समाज व परिवार में बेटों को खुली छूट और बेटियों पर लगाई जाने वाली पाबंदियों को कलाकारों ने अभिनय के जरिए पेश किया और बताया कि समाज में बेटों को बलवान और बेटियों को कमजोर समझा जाता है।

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