हाथ ठेले के सहारे ‘संवारी’ जिन्दगी

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दो बेटों को इंजीनियरिंग, दो बेटियों को बीएड व रेडियोग्राफर का करवाया कोर्स, 40 साल पहले 150 रुपए का हाथ ठेला खरीद कर कबाड़ का काम शुरू किया-, आज भी फुटपाथ पर कबाड़ का सामान बेचकर कर रहे हैं गुजारा, बोले-जब अपनों ने मुंह फेरा तब हाथ ठेले ने थामा हाथ

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