वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को रखा जाता है मान्यता है कि यमराज ने काले चने के रूप में सावित्री को सत्यवान की आत्मा को लौटा दिया और कहा कि इसे अपने मुंह से सत्यवान के मुंह में फूंक देना। इससे सत्यवान जीवित हो जाएगा। उस समय से ही वट सावित्री पूजा में काले चने का प्रयोग किया जाता है
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