Bhopal। कांग्रेस से मेल मुलाकात कर फारिग होने के बाद अब पीके अपनी कंपनी आईपैक के जरिए टीआरएस का काम संभालने निकल चुके हैं। फिलहाल दो राज्यों के चुनाव है। उसके बाद अगले साल होगा सत्ता का सेमीफाइनल। उसमें जो जीता वही 2024 की रेस में सिंहासन के ज्यादा करीब होगा। अपने अपनों से जूझ रही कांग्रेस को इस बीच फिर पीके की याद आ जाए या पीके कांग्रेस को मना लें तो ताज्जुब नहीं होगा। क्योंकि कांग्रेस को पीके की जरूरत है ये सब को नजर आ रहा है। लेकिन पीके को भी एक राष्ट्रीय स्तर के दल की जरूरत है। बीजेपी में दोबारा बात बन पाना तकरीबन नामुमकिन है। ऐसे में कांग्रेस में ही पीके को बेहतर विकल्प नजर आ सकता है। तो दोबारा ये रिश्ता फिर नए सिरे से शुरू होता दिखाई दे तो चौंकिएगा मत।
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