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  • 4 years ago
| Jhansi Fort | 8 दिन की गोलाबारी के बावजूद भी अंग्रेजी सेना इस किले की दीवार तक हिला नहीं पाई!

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झांसी किले पर 8 दिन तक गोले बरसाए पर दीवार हिला भी नहीं पाए –
इतिहास के जानकार जानकी प्रसाद वर्मा के अनुसार, अंग्रेजों ने 8 दिन तक किले पर गोले बरसाए, लेकिन किला न जीत सके। रानी और उनकी प्रजा ने प्रतिज्ञा कर ली थी कि अंतिम सांस तक किले की रक्षा करेंगे। अंग्रेज सेनापति ह्यूरोज जान गया था कि सैन्य-बल से किले पर कब्जा नहीं किया जा सकता। इसलिए उसने झांसी के ही एक विश्वासघाती सरदार दूल्हा सिंह को अपने साथ मिला लिया, जिसने धोखे से किले का दक्षिणी गेट खोल दिया।

फिरंगी सेना किले में घुसी और लूटपाट-लोगों को मारना शुरू कर दिया। अंग्रेजी सेना के आक्रमण को देख रानी लक्ष्मीबाई खुद उनका मुकाबला करने निकल पड़ी। हालांकि, झांसी की सेना अंग्रेजों की तुलना में छोटी थी। एक समय ऐसा आया कि रानी अंग्रेजों से घिर गईं, जिसके बाद वो कुछ विश्वासपात्रों की सलाह पर कालपी की ओर बढ़ चलीं। इस दौरान एक गोली उनके पैर में लगी, फिर भी वो नहीं रुकीं।

रास्ते में एक नाला पड़ा, जहां रानी का घोड़ा नाला पार न कर सका। इसी का फायदा उठाकर अंग्रेजों ने रानी को घेर लिया। एक ने पीछे से रानी के सिर पर प्रहार किया जिससे उनके सिर का दाहिना भाग कट गया और उनकी एक आंख बाहर आ गई। घायल होने पर भी रानी अपनी तलवार चलाती रहीं और उन्होंने 2 आक्रमणकारियों को मार गिराया। इस दौरान पठान सरदार गौस खां भी रानी के साथ थे। उनका रौद्र रूप देख गोरे भाग खड़े हुए।

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