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  • 4/6/2021
अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ की खास बातें
कौन करता है सबसे पहले और सही तरह से फैसला ?
फैसला लेने से पहले अखिलेश यादव किससे लेते हैं राय ?
योगी आदित्यनाथ भी करते हैं फैसला लेने से पहले मंथन !
देखिए कौन जल्दी लेता है बड़े फैसले और कौन करता है देर ?
अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ कौन है बेहतर निर्णयकर्ता ?

सियासी लिहाज से उत्तर प्रदेश एक बहुत महत्वपूर्ण राज्य है…यहां कि सियासत में तमाम लोगों ने बादशाहत कायम की जिसमें पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी नाम शामिल है…ऐसे में आइए आज जानते हैं कि अखिलेश यादव और सीएम योगी आदित्यनाथ में कौन बेहतर फैसले लेता है और फैसला लेने से पहले किसके साथ विचार विमर्श किया जाता है…

योगी आदित्यनाथ की अगर बात की जाए तो वो कोई भी फैसला लेने से पहले अधिकारियों के साथ विचार विरमर्श जरूर किया जाता है लेकिन वहीं अखिलेश यादव की अगर बात की जाए तो अखिलेश यादव अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ भी बात करते थे और उसके बाद फिर वो स्वविवेक से जनहित का फैसला लेते थे…जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ पर उन्ही के विधायकों अधिकारियों के इशारे पर चलने और अधिकारियों को पॉवर देने का आरोप लगाते हैं…

अखिलेश यादव की खासियत ये थी कि वो अधिकारियों की तो सुनते ही थे लेकिन जनप्रतिनिधियों की बात को भी वो तवज्जो देते थे…साथ ही कोई भी फैसला लेने से पहले अखिलेश यादव संबंधित मुद्दे पर आत्ममंथन जरूर करते थे… मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ कोई भी फैसला लेने से पहले अधिकारियों के साथ बातचीत करते हैं और फिर उन्ही के मुकाबिक फैसला लेते हैं…

पूर्व सीएम अखिलेश यादव की खासियत थी कि उन्होंने कभी किसी के दवाब में फैसला नहीं लिया फिर चाहे वो पार्टी का नेता हो या फिर अधिकारी…जिस फैसले से और बड़े प्रोजेक्ट से प्रदेश के बड़े वर्ग को फायदा हो उस फैसले को लेने मे अखिलेश यादव ने कभी देरी नहीं की…जबकि मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ बड़े प्रोजेक्ट से जुड़े फैसले लेने में जल्दबाजी नहीं करते सूत्रों की माने तो फैसला अगर सीएम योगी आदित्यनाथ लेते भी है तो उसमें दिल्ली की सहमति को भी लिया जाता है…

गोमती रिवर फ्रंट, लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे, जेपी NIC वो प्रोजेक्ट हैं जो बताते हैं कि प्रदेश में अगर कोई भी विश्वस्तरीय प्रोजेक्ट आता था तो अखिलेश यादव ने उसे कभी नहीं रोका…ऐसे प्रोजेक्ट को अखिलेश यादव ने तुरंत हरी झंडी देना सही समझा…जिसका नतीजा ये प्रोजेक्ट हैं…वहीं मौजूदा सरकार और सीएम के वक्त में ऐसा कम देखने को मिलता है…

कार्रवाई की अगर बात की जाए सीएम योगी आदित्यनाथ क्विक एक्शन यानि तुरंत कार्रवाई के लिए जाने जाते हैं…अखिलेश यादव भी कार्रवाई करते थे लेकिन वो एक्शन लेने से पहले अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से बात जरूर करते थे…ब्यूरो रिपोर्ट

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