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जब पाकिस्तानी जेल से छूटकर आए व्यक्ति ने अपने पिता को जेल में मिली यातनाओं के बारे में सुनाया तो पिता की आंखों से निकले हुए आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। क्योंकि 13 वर्ष बाद उसके पिता ने अपने बेटे की शक्ल देखी थी। पाकिस्तानी जेल से छूट कर 13 वर्ष बाद आए बेटे ने अपने पिता को पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा जेल में दी गई यातना के बारे में सुनाया।
मामला जनपद ललितपुर की मडावरा तहसील के सतवासा गांव से जुड़ा हुआ है । जहां से एक नाबालिक बेटा दिमागी संतुलन खराब होने के कारण घर से भाग जाता है और यहां से वहां मारा मारा फिरता हुआ पाकिस्तानी सीमा पर वह पाकिस्तानियों के हाथ लगा और सीधा पाकिस्तान की जेल में पहुंचता है । जहां उसे भारतीय जासूस करार देकर जेल में डाल दिया जाता है तरह तरह से यातनाएं दी जाती हैं और जब वह 13 वर्ष बाद पाकिस्तानी जेल से छोड़ा जाता है तब वह पाकिस्तानी जेल में जेल प्रशासन द्वारा दी गई यातनाओं के बारे में अपने पिता को सुनाकर फूट-फूटकर रो पड़ता है।
पाकिस्तानी जेल में बंद अपने बेटे सोनू को पाकिस्तान द्वारा दी गई लालच और यात्राओं के बारे में बताते हुए उसके पिता रोशन सिंह ने कहा कि उसका बेटा अपने घर से भाग कर कहीं चला गया था और इधर उधर भटकते हुए हुआ है किसी तरह पाकिस्तानी सेना के हाथ लग गया और उसे आतंकवादी करार देकर पाकिस्तानी जेल में डाल दिया गया। पाकिस्तानी जेल में पहले तो उसे पैसों का लालच देकर आतंकवादी संगठन में शामिल होने की बात कही गई । लेकिन जब उसने वहां पर आतंकवादी बनने से मना कर दिया तब उसी तरह तरह की यातनाएं जानवरों जैसी यातनाएं दी गई । कभी उसके ऊपर ठंडा पानी डालकर प्रताड़ित किया जाता था तो कभी गर्म पानी डालकर प्रताड़ित किया जाता था तरह-तरह की यातनाएं देकर उसे 13 साल तक प्रताड़ित किया जाता रहा। सजा समाप्त होने के बाद जब उसका दिमागी संतुलन कुछ खराब नजर आया तब पाकिस्तान में भारत सरकार को उसके रिहा करने की सूचना भेजी । जिस पर भारत सरकार ने कदम उठाते हुए उसे पाकिस्तानी जेल से रिहा करवा कर भारत लाने की कागजी कार्यवाही पूरी की और एक प्रतिनिधिमंडल उसे भारत लेकर आए।
पाकिस्तानी जेल में निरूद्ध ललितपुर जिले का सोनू सिंह 12 साल पहले दिमागी परेशानी की हालत में घर से चला गया था। सोनू सिंह 26 अक्टूबर 2020 को चार अन्य भारतीय कैदियों के साथ पाकिस्तान की जेलों से रिहाई के बाद अटारी सीमा के रास्ते भारत पहुंचा था। तबसे उसे नारायणगढ़ स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में क्वारैंटाइन किया गया था। बताया गया है कि सतवासा निवासी रोशन सिंह ने बताया कि उनके चार बेटे हैं और सोनू सिंह उसका सबसे बेटा है। कुछ समय बाद उन्हें अधिकारियों से पता चला कि सोनू पाकिस्तान की जेल में बंद है। अब उन्हें अधिकारियों से ही पता चला कि उनका बेटा पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत पहुंच चुका है और इस वक्त वह छेहरटा के नारायणगढ़ में कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में है। वह गांव के सरपंच का पत्र लेकर सोनू को लेने पहुंचे तो पता चला कि इसके लिए उनके गांव के दरोगा या इलाका के एसडीएम का पत्र भी जरूरी है, इसलिए अब वे अपने गांव में संपर्क कर दस्तावेज मंगवाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि बेटे को अपने घर ले जा सकें।

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