संविदा नर्सेज का कार्यग्रहण 28 अप्रेल से मानने की मांग

  • 4 years ago
जयपुर। राजस्थान नर्सिंग सीधी भर्ती 2018 संघर्ष समिति ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर नर्स ग्रेड सैकंड सीधी भर्ती 2018 के पात्र संविदा नर्सेज का कार्यग्रहण अप्रेल से मानने की मांग की है। इस भर्ती के सभी नर्सेज को 28 अप्रेल 2020 को पदस्थापन किया गया था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से कई संविदाकर्मी कार्यग्रहण नहीं कर पाए थे। वहीं इनके कार्यग्रहण के साथ ही एनआरएचएम, 108 और यूटीबी पर कार्यरत नर्सेज को कार्यमुक्त किया जाना था। उनके स्थान पर ही इन नए भर्ती नर्सेज को कार्यग्रहण करना था। उसी समय कोविड—19 महामारी के कारण इन नर्सेज को कार्यमुक्त नहीं किया जा सका और नए पदभार ग्रहण करने वाले नर्सेज कार्यग्रहण से वंचित रह गए।
अगस्त में किया गया कार्यमुक्त
पूर्व में सेवारत संविदा नर्सेज को 5 अगस्त को कार्यमुक्त किया गया है। तब नए भर्ती नर्सेज को कार्यग्रहण करवाया गया। राजस्थान नर्सिंग सीधी भर्ती 2018 संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक मनोज दुब्बी ने बताया कि हालांकि नए भर्ती नर्सेज ने भी कोरोना महामारी के समय अपनी सेवाएं दी हैं। ऐसे में इनका कार्यग्रहण 28 अप्रेल से ही माना जाए। अगर 5 अगस्त से इनका कार्यग्रहण माना जाता है तो सभी साथ पदस्थापन हुए कर्मचारियों की सेवा अवधि समान नहीं रह पाएगी। 28 अप्रेल को कई कर्मचारी कार्यग्रहण कर चुके थे।

सरकार से की गई मांग
प्रदेश संयोजक मनोज दुब्बी ने बताया कि कार्यग्रहण अप्रेल से ही माना जाए, इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव को भी पत्र लिखा गया है। सरकार मांगे नहीं मानती है तो राज्यभर में विरोध किया जाएगा।

कोरोना वॉरियर्स के रूप में किया काम
संविदा नर्सेज और नयी भर्ती के नर्सेज ने साथ मिलकर कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम किया है। अगर उनकी कार्यग्रहण अगस्त से माना जाता है तो वे अपने बैच के समान अनुभवी नहीं माने जाएंगे। एक ही बैच के नर्सेज का अलग—अलग अनुभव प्रमाण पत्र बनेंगे। इससे आगे इन्हें अन्य नौकरियों या फिर प्रमोशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही आगे जाकर इसका असर उनके मानदेय पर भी पड़ेगा। इसीलिए सरकार से यह मांगें की जा रही हैं। राजस्थान नर्सिंग सीधी भर्ती 2018 संघर्ष समिति का कहना है कि एक ही भर्ती प्रक्रिया के नर्सेज के समान अधिकार बनाए रखने के लिए सरकार यह मांग नहीं मानती है तो आगामी विरोध की रणनीति बनाई जाएगी।