कोरोना काल का जहां मनुष्यों पर नकारात्मक असर देखने को मिला, वहीं इसके उलट जंगली जानवरों और पक्षियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिला है।
इंदौर के ज़ू यानी प्राणी संग्रहालय की बात करें तो यहां बड़ी संख्या में जंगली जानवर, पक्षी एवं अन्य प्राणी मौजूद हैं। कोरोना काल में ये सभी प्राणी इंसानों से पूरी तरह दूर रहे। सिर्फ वे ही व्यक्ति इनके संपर्क में रहे जो इनके भोजन आदि का प्रबंध करते हैं या फिर साफ-सफाई का काम।
लॉकडाउन का वक्त वन्य प्राणियों के लिए सामान्य दिनों की तुलना में काफी अच्छा रहा। इन्हें जंगल जैसा ही शांत माहौल मिला।
इस अवधि में ज़ू को आर्थिक नुकसान जरूर हुआ, लेकिन वन्य जीवों की सेहत और खाने-पीने पर कोई असर नहीं पड़ा।
ज़ू में मूवमेंट बढ़ने के साथ ही जानवरों में भी थोड़ी हलचल जरूर देखने को मिल रही है।
दोस्तो, कोरोना काल में जहां इंसान घर में बैठकर भी खुद को अशांत महसूस कर रहा था, वहीं प्राणी संग्रहालय की मर्यादा में रहकर भी वन्य प्राणी और अन्य जीव इस माहौल में खुद को ज्यादा सुरक्षित और सुकून भरा महसूस कर रहे थे। कह सकते हैं कि यही उनके लिए जंगल में मंगल था।
कोरोना काल में वन्य प्राणियों को मिला जंगल जैसा माहौल इंदौर प्राणी संग्रहालय को हुआ 2 करोड़ का नुकसान जानवरों को इस दौर में खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस किया इंदौर प्राणी संग्रहालय में 642 एनिमल हैं
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