दस फ़ीसदी सक्रिय नेता भी जनता को है स्वीकार देखिए कार्टूनिस्ट सुधाकर का दृष्टिकोण

  • 4 years ago
विश्वव्यापी महामारी कोरोना के मरीजों का आंकड़ा एक करोड़ नब्बे लाख के पार पहुंच गया है. दुनिया के अधिकांश देशों में कोरोना वायरस कहर ढा रहा है. वायरस के खतरे के बीच दुनिया के अलग-अलग देशों में कोरोना वैक्सीन पर तेजी से काम हो रहा है ,जिनमें सबसे आगे रूस ब्रिटेन अमेरिका और भारत हैं. इधर वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि ऐसा संभव है कि कोरोना की पूरी तरह असरदार वैक्सीन ना बन पाए. अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फाउची ने कहा है कि ऐसी स्थिति में यदि कोई वैक्सीन 50 फीसदी तक भी प्रभावी होती है तो वह स्वीकार्य की जाएगी.वर्तमान समय में लोकतंत्र में भी जनता को नेताओं से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है .भ्रष्टाचार और नाकारापन के दौर में यदि कोई नेता जनता की उम्मीदों पर दस फीसदी भी खरा उतर जाता है तो भी लोग उसे अच्छा नेता मानते हुए खुश हो जाते हैं. देखिए इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर की नजर

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