डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर समय से पहले और जल्दबाजी में कोई कोरोना वैक्सीन बाजार में लाई गई तो उसके भयावह नुकसान हो सकते हैं. जैसा कि 1955 में हुआ था. वर्ष 1955 में साल्क पोलियो की वैक्सीन जल्दबाजी में जारी कर दी गई थी. उसके बहुत बुरे परिणाम सामने आए थे. डॉक्टरों का कहना है कि वैक्सीन के बनाने और उसके 100 फीसदी सुरक्षित होने में बहुत अंतर है.
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