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  • 6/23/2020
रामपुर। बंटवारे के वक्त 1947 में पाकिस्तान से विस्थापित होकर सिख समाज के लोगो मिली जमीनों पर मालिकाना हक की लड़ाई पिछले 73 सालों से लड़ रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार में गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री ने इसको लेकर एक कमेटी गठित कर दी है, जिसका संयोजक प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख को बनाया गया है। लखनऊ में शनिवार को सिख समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। जिसमें पाकिस्तान से विस्थापित होकर रामपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और बिजनौर आए सिखों को दी गई जमीनों पर मालिकाना हक आज तक ना मिल पाने का मुद्दा उठाया गया। आज राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख का रामपुर में स्वागत किया गया।इस मौके पर राज्यमंत्री ने कहा कि जब देश का बटवारा हुआ तो,बहुत सारे सिख व गैर सिख भाई ऐसी स्थिति में थे जिन्हे तीन पीढ़ियां गुजर जाने के बाद उनकी जमीनों की रजिस्ट्री व मालिकाना हक नही मिला।वह न्याय की आस में दर-ब-दर की ठौकरे खाते रहे है,इसके साथ ही सरकारें तो बदली मगर इनकी सुनने वाला कोई भी नही था।राज्यमंत्री कैम्प कार्यालय पर जनपद की स्वार तहसील के 15 गांवों के आए जिम्मेदार किसानों को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होने कहा कि रामपुर की रियासत में नवाबों के समय में ज़मीनों की रजिस्ट्री नही हुआ करती थी।ठेकेदारी कर भूमियों को लगान के तौर पर बांटा जाता था।इन पीड़ितों ने रात-दिन मेहनत कर मच्छरो व सांपों के साथ ज़मीन को ऊर्जा बनाया।सरकार जब भी बदली इन पीड़ितों को नाम ही दर्ज नही किया गया।

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