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  • 5 years ago
अलर्ट मोड में चिडि़याघर प्रशासन
८ शेर और बाघ की हुई स्क्रीनिंग
लायन सफारी में ४ शेरों के भी लिए ब्लड सैम्पल

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघ रूद्रा और शेर सिद्धार्थ की स्क्रीङ्क्षनग के बाद चिडि़याघर प्रशासन अलर्ट मोड में है और वन्यजीवों की स्क्रीङ्क्षनग का कार्य शुरू कर दिया गया है। कुछ दिनों पूर्व एलीफेंट विलेज में हाथियों के स्वास्थ्य की जांच की गई और फिर बायो पार्क के साथ ही लॉयन सफारी के शेरों और बाघों की भी स्क्रीनिंग की गई है। जानकारी के मुताबिक चिडि़याघर प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर चलाए गए अभियान के तहत पार्क के दूसरे सभी शेर और बाघों की स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग के अभियान में ८ शेर और बाघ के ब्लड सेम्पल लिए हैं, अब इनकी जांच करवाई जाएगी। चिडि़याघर प्रशासन ने स्क्रीनिंग प्रक्रिया के तहत पहले शेर नाहर और दो मादा रंभा और महक के ब्लड सैम्पल लिए उसके बाद सफेद बाघ राजा के ब्लड सैम्पल भी लिए गए। इसके बाद प्रशासन ने लायन सफारी में मौजूद ४ शेरों के भी सैम्पल लिए हैं। जिसमें तीन नर तेजस, त्रिपुर और कैलाश शामिल हैं। इसके साथ ही एक मादा तारा भी है जिसके सैम्पल भी लिए गए हैं। इसके साथ ही इन आठों वन्यजीवों के व्यवहार और फिजिकल एक्टीविटी का निरीक्षण किया जा रहा है। साथ ही इस बात पर भी नजर रखी जा रही है कि कहीं इनके भोजन करने के तरीके में तो कोई बदलाव नहीं आया है। इसके लिए वन विभाग की ओर से चार्ट भी बनाया गया है जो एक सप्ताह तक इन पर नजर रखेगा।

नहीं मिला लक्षण
जू प्रबंधन के मुताबिक स्क्रीनिंग में अभी इन सभी 8 बिग कैट्स में ऐसा कोई लक्षण नजर नहीं आया है जिससे इनमें किसी भी प्रकार की कोई बीमारी के संकेत मिले हो लेकिन फिर भी ब्लड सेम्पल के रिजल्ट्स के इंतजार किया जा रहा है।आपको बता दें कि 6 महीने पहले केनाइन डिस्टेम्पर समेत दूसरी कई बीमारियों से सफेद बाघिन सीता, एशियाई शेरनी सुजैन और बाघ की मादा शावक रिद्धि की मृत्यु हो गई थी। उसके बाद दो युवा एशियाई शेर तेजस और त्रिपुर की हालत भी बहुत ज्यादा खराब हो गई थी, जिन्हें काफी मशक्कत के बाद बचाया जा सका था। इसके बाद गत दिनों दो दिन में बिग कैट परिवार दो और सदस्य लेप्टोस्पायरोसिस की वजह से मारे गए। इन दोनों में लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण मिले थे, बाद में उसकी रिपोर्ट में भी पुष्टि हुई। ऐसे में बिग कैट परिवार के सभी सदस्यों की लेप्टोस्पायरोसिस स्क्रीनिंग की गई है जिससे इन्हें किसी भी प्रकार के खतरे से बचाया जा सके। आपको बता दें कि यह बीमारी चूहों और नेवलों के पेशाब से होती है। बताया जा रहा है बायोलॉजिकल पार्क में चूहे तो नहीं लेकिन नेवलों की खासी तादाद है। विभाग इ

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