Lonar lake water in Maharashtra turns pink,leaves nature lovers baffled Visit Maharashtra’s mysterious Lonar Crater Lake! Must-know interesting facts at a glance,Lonar lake buldhana,India।। गुलाबी हो गया लोनार झील का पानी, कारण पता लगाने में जुटा वन विभाग

  • 4 years ago
The water of Lonar crater lake in Maharashtra's Buldhana district has changed its colour in the past few days. The colour of the water has turned red which demands to be analysed to find out the reason.

"In the last 2-3 days, we have noticed that the colour of the lake's water has changed. Forest Department has been asked to collect a sample for analysis and find out the reason," Saifan Nadaf, Lonar tehsildar told ANI.

Located around 500 km from Mumbai, the Lonar lake in Buldhana district is a popular tourist hub and also attracts scientists from all over the world.

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में लोनार झील का पानी अचानक gulabi हो गया है।लोनार के तहसीलदार सैफान नदाफ ने कहा है कि बीते दो से तीन दिनों में हमने देखा है कि झील के पानी का रंग बदल गया है।Forest Department को सैंपल इकट्ठा करने के लिए कहा गया है, ताकि कारणों का पता चल सके।आपको बता दें कि लोनार झील महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में स्थित एक खारे पानी की झील है jo ki mumbai se 500 km dur main hai,

महाराष्ट्र के बुलढाणा में बनी झील बेहद रहस्‍यमी मानी जाती है। दुनिया भर की एजेंसियां इस झील का पता लगाने में कई वर्षों से लगी हुई है। लगभग 7 किलोमीटर के व्‍यास में फैली ये झील आकार में गोल है। इसकी गहराई 150 मीटर है,


इसका निर्माण एक उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण हुआ था।इस झील में 2007 में जैविक नाइट्रोजन यौगिकीकरण खोजा गया था। ऐसा माना जाता है कि उल्का पिंड का वजन 20 लाख टन था।और 90,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर गिर रहा था। काफी सालों तक लोनर क्रेटर झील को ज्वालामुखी द्वारा बना हुआ भी माना जाता था क्योंकि ये झील बसाल्ट के मैदानों में 6.5 करोड़ साल पुरानी ज्वालामुखीय चट्टानों से बनी है। लेकिन यहां muskeli-night भी पाया गया है जो कि एक ऐसा कांच है जो केवल तेज गति से टकराने से ही बनता है।

Ab sawal hai ki is jheel ka paani ka rang gulabi kyu hi gya hai

झील के पानी के रंग बदलने को लेकर वैज्ञानिकों का अलग-अलग मत है। कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि, 'झील में हैलोबैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना नाम के फंगस के चलते ही झील का पानी लाल हुआ है।' कुछ दिन पहले आए निसर्ग तूफान के कारण जोरदार बारिश हुई इस वजह से हैलोबैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना कवक झील की तलहट में बैठ गए। जिसकी वजह से इसका पानी लाल नजर आने लगा। हालांकि इस बारे में वैज्ञानिक अपने ही तथ्यों को पक्का नहीं बता पा रहे हैं। उन्हें लगता है कि झील के पानी के लाल होने की कुछ और ठोस कारण भी हो सकते हैं।

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