खने लगे गौरेया की मौसी के घोंसले बया संवार रही अपना आशियाना
संकट में है बया का अस्तित्व
सबसे सुंदर घोंसला बनाने वाली और गौरैया प्रजाति का पक्षी बया का अस्तित्व भी संकट में है। शिकार, पेड़ और झाडिय़ां घटने के अलावा अन्य कारणों से यह पक्षी अब घटता ही जा रहा है। बारिश शुरू होते ही कुछ स्थानों पर बया के तुंबीनुमा घोंसले दिखने लगे हैं, लेकिन इनकी संख्या बेहद कम है।
मौसम में आए बदलाव के बाद पक्षी भी एक.एक तिनका जोड़ कर अपने सपनों का घर सजा रहे हैं। चिडिय़ा एवं बया पक्षी भी अपना घोंसला बुनने लगे हैं। पेड़ों पर लटकते इनके खूबसूरत घोसले लोगों को लुभा रहे हैं। आपको बता दें कि जून से सितंबर तक बया पक्षी का ब्रीडिंग सीजन माना जाता है इस दौरान यह पक्षी अलग.अलग रंग के हो जाते हैं। नर बया का सिर का रंग चटक पीला और गर्दन का रंग गहरा काला हो जाता है इस आकर्षक रंग से ही नर मादा रिझाता है। मानसून आने से पहले पक्षी तरह तरह के घोसले बनाते है जो हर वक्त हवा में झूलते रहते हैं इनमें बया पक्षी का परिवार झूलने का आनंद भी लेता है और बारिश से भी बच जाता है।
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